गंगा किनारे उमा भारती: उमड़ी भावनाएं, 'युग-युग से मैं बहती आई, नील गगन के नीचेे'
उमा भारती इन दिनों उत्तराखंड के ऋषिकेश में अस्वस्थ होने के बाद प्रकृति की गोद में लेटकर स्वास्थ्य लाभ ले रही है। उनका एक ट्वीट सामने आया है।
श्रीधर अग्निहोत्री
युग युग से में बहती आई,
नील गगन के नीचेे।
सदियों से ये मेरी धारा,
प्यार की धरती सींचे।
मेरी लहर लहर पे लिखी है।
इस देश की अमर कहानी।
मानो तो मैं गंगा मां हूं
न मानो तो बहता पानी
मां गंगा के आंचल में शायद उनकी बेटी साध्वी उमा भारती के मन में यही भाव उमड़ रहे होंगे। तभी तो इन दिनों उमा भारती ऋषिकेश में अस्वस्थ होने के बाद प्रकृति की गोद में लेटकर स्वास्थ्य लाभ ले रही है।
उमा भारती का ट्वीट:
उमा भारती का मां गंगा के प्रति प्रेम कोई नया नहीं है। वह कई बार गंगा यात्रा पर निकल इसके किनारे बसे शहरों में प्रवास कर लोगों को अपने गंगा प्रेम की गहरी भावनाओं से अवगत करा चुकी है। इसके पहले जब वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहली सरकार में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री थी तो उमा भारती ने गंगा सफाई अभियान में कहा था कि यदि इस अभियान में सफल न हो सकी तो अपने प्राण दे दूँगी ।
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इन दिनों उत्तराखंड में है उमा भारती
उमा भारती का मानना रहा है कि जीवन दायिनी नदियों को स्वच्छ करना हर देशवासी का धर्म है. इसलिए सरकार की इस मुहिम में आम आदमी को भी अपना अमूल्य सहयोग देना चाहिए क्योंकि समाज के सहयोग के बिना कोई भी सरकार इस प्रकार के अभियान में सफल नहीं हो सकती।
https://www.facebook.com/iYogeshMishra/videos/634001590646003/?t=3
उमा भारती का गंगा प्रेम के साथ ही उनका भगवान शंकर के प्रति प्रेम और श्रद्धाभाव किसी से छिपा नही है। वह अक्सर केदारनाथ भी जाया करती है।
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