मिल गई क्लियोपेट्रा की कब्रः यहां दफनाई गई थी मिस्र की ये रानी

हालांकि, अन्य विशेषज्ञों का मानना ​​है कि क्लियोपेट्रा को अलेक्जेंड्रिया में ही दफनाया गया था - वह शहर जहां से उसने अपनी मृत्यु तक मिस्र पर शासन किया था, माना जाता है कि उसकी मौत सांप के जहर के कारण हुई थी।

Update: 2020-06-11 10:50 GMT

रामकृष्ण वाजपेयी

पुरातत्वविदों का मानना है कि उन्होंने मिस्र की अंतिम फिरौन महारानी क्लियोपेट्रा की कब्र खोज ली है। उनका मानना है कि वह उस जगह पहुंच गए हैं जहां क्लियोपेट्रा को दफनाया गया था। डोमिनिकन गणराज्य की अध्येता डॉ. कैथलीन मार्टिनेज ने यह खोज की है। वह तपोसीरीस मैग्ना में खुदाई का नेतृत्व कर रही हैं, यह स्थान मिस्र की प्राचीन राजधानी अलेक्जेंड्रिया के पास स्थित एक मंदिर है।

पहले भी हुआ था दावा

इससे काफी पहले 2009 के आसपास इससे मिलते जुलते चिन्हों के बारे में बॉन स्थित मिस्र संग्रहालय के विशेषज्ञ आंद्रेयास ब्लाजियोस ने जानकारी दी थी। जिसमें कहा गया था कि सालों से वैज्ञानिक क्लियोपेट्रा के शव के कक्ष की खोज में लगे हैं। उस समय मिस्र की पहाड़ी अबूसर पर बसे मंदिर, टपोसिरी मागना में, क्लियोपेट्रा की मौजूदगी के कुछ चिह्न मिले थे जिनके बूते अनुमान लगाए गए थे कि उस की कब्र यहीं कहीं है।

क्लिओपेट्रा मिस्र पर करीबन 2000 साल पहले राज करती थी। क्लियोपेट्रा का प्रेमी मार्क एन्थनी रोम का शासक था। दोनों की रहस्यमय हालात में मौत हो गई थी।

कैथरीन का दावा यहीं दफन है

डॉ. कैथलीन मार्टिनेज का मानना है कि क्लियोपेट्रा और उनके रोमन प्रेमी मार्क एन्थनी एक प्राचीन भविष्यवाणी को ध्यान में रखकर करीब 2000 साल पहले यहीं दफनाए गए थे।

अब, क्लियोपेट्रा नामक एक नया टीवी शो: सेक्स, झूठ और रहस्य में इस संभावना की जांच करेगा कि अब तक इस जगह के बारे में क्या पता चला है।

69BC से 30BC तक जिंदा रही क्लियोपेट्रा को एक मोहक और एक मनोरम व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता था। क्लियोपेट्रा ने पहले रोम के साथ मिस्र के गठबंधन के लिए जूलियस सीज़र पर अपने आकर्षक रूप जाल का इस्तेमाल किया था और फिर उसके उत्तराधिकारी, मार्क एंथोनी को आकर्षित करने के लिए ये सब कुछ किया।

आइसिस व ओसिरिस से संबंध

मिस्र के लोगों के मन में शासक के रूप में खुद को और एंथोनी को स्थापित करने के लिए, उसने उन्हें आइसिस और ओसिरिस के मिथक के साथ जोड़ने के लिए भी कड़ी मेहनत की ये एक ऐसी एक कहानी है जो एक परोपकारी जोड़े के बारे में बताती है।

मान्यताओं के अनुसार, ओसिरिस को मार दिया गया था और टुकड़ों में काटकर पूरे मिस्र में बिखेर दिया गया था। टुकड़ों में से सभी को खोजने और अपने पति को फिर से हासिल करने के बाद, आइसिस एक समय के लिए उसे फिर से जीवित करने में सक्षम हो गई थी।

मार्टिनेज का मानना ​​है कि तपोसीरिस मैग्ना मिथक के साथ निकटता से जुड़ा था - मंदिर के नाम की ओर इशारा करते हुए वह संभावना जताती हैं कि 'ओसिरिस' को शामिल करने का मतलब यह हो सकता है कि यह उन जगहों में से एक था जहां उसका शरीर कहानी में बिखरा हुआ था।

ऐसे हुआ था क्लियोपेट्रा व एन्थोनी का अंत

मार्टिनेज़ का कहना है कि, मार्क एंथोनी ने ऑक्टेवियन को हराने के बाद खुद को मार डाला, लेकिन अपनी आत्महत्या से पहले, क्लियोपेट्रा ने उन दोनों को दफनाए जाने की जगह के लिए विस्तृत योजनाएं बनाईं, जो लोककथाओं में आज भी गूंज रही हैं। क्लियोपेट्रा अपने प्रेमी के साथ खुद को दफनाया जाना चाहती थी ताकि आइसिस और ओरिसिस की जोड़ी से खुद को जोड़ सके।

'ओसिरिस के मानने वालों का तर्क है कि यह अमरता को प्रदान करता है। उनकी मृत्यु के बाद, देवता क्लियोपेट्रा को एंटनी के साथ अस्तित्व के दूसरे रूप में रहने की अनुमति देते थे, इसलिए उनके पास अनंत जीवन एक साथ होता।'

अनछुआ मकबरा

मार्टिनेज़ 2005 से इस साइट की खुदाई कर रही हैं और उसने सोने की पत्ती में सजाए गए एक अनछुए मकबरे का पता लगाया है जो क्लियोपेट्रा के अंतिम विश्राम स्थल के रूप में कुछ सुराग दे सकता है।

हालांकि, अन्य विशेषज्ञों का मानना ​​है कि क्लियोपेट्रा को अलेक्जेंड्रिया में ही दफनाया गया था - वह शहर जहां से उसने अपनी मृत्यु तक मिस्र पर शासन किया था, माना जाता है कि उसकी मौत सांप के जहर के कारण हुई थी।

प्राचीन राजधानी अलेक्जेंड्रिया का ज्यादातर हिस्सा अब पानी के भीतर है, और वहां एक मकबरे का पता लगाने का प्रयास भी अब तक बेकार साबित हुआ है।

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