आखिर ब्रैडमैन और तेंदुलकर के लिए बेहद खास क्यों है 14 अगस्त, जानिए वजह

Update: 2018-08-14 05:07 GMT

लखनऊ: क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर और पितामह कहे जाने वाले डॉन ब्रैडमैन दोनों क्रिकेट जगत एक दो ऐसे सितारे हैं जो हमेशा चमकते रहेंगे। भले ही ये दोनों बल्लेबाज दो अलग-अलग समय के हों लेकिन इनके जीवन में समानता भी है। दरअसल, इन दोनों के ही जीवन में 14 अगस्त का एक ख़ास महत्व रखता है।

दोनों के लिए बेहद खास है 14 अगस्त

इस दिन डॉन ब्रैडमैन ने अपने टेस्ट करियर का आखिरी मैच खेला था। वहीं, इस दिन मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट करियर की शुरुआत करते हुए अपने करियर का पहला शतक जड़ा था। उस वक्त तेंदुलकर महज 17 साल के थे। तेंदुलकर ने यह मैच 14 अगस्त 1990 में खेला था।

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उधर, अपनी दमदार बल्लेबाजी के लिए मशहूर ब्रैडमैन ने आज यानी 14 अगस्त 1948 के दिन अपने टेस्ट करियर का आखिरी मैच खेला था। इस दौरान 100 के औसत से उनको अपने 7000 रन पूरे करने थे। मगर अफ़सोस वो ऐसा कर नहीं पाए और 6996 रनों पर उनका करियर समाप्त हो गया। ब्रैडमैन को मात्र चार रनों की जरुरत थी, लेकिन उनका ये सपना कभी हकीकत नहीं बन पाया।

ब्रैडमैन ने खेला आखिरी मैच

जहां, ब्रैडमैन ने अपने जीवन का आखिरी मैच खेला। इस मैच में पहली पारी में तो तेंदुलकर ने 93 रन बनाए थे, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने अकेले दम पर टीम के लिए 119 रन जोड़ लिए थे। उधर, ब्रैडमैन ने 14 अगस्त 1948 में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था। इस मैच में उन्हें बल्लेबाजी का सौ का औसत हासिल करना था।

अगर वो इस मैच में मात्र चार रन ही बना लेते तो वो एक नया रिकॉर्ड कायम कर सकते थे। हालांकि, अभी भी ये रिकॉर्ड उनके ही नाम है। मगर चार रन बनाने से उनका या स्कोर बोर्ड 7000 रन तक पहुंच जाता, लेकिन वो इस मैच में वो जीरो रन पर ही आउट हो गए थे। ब्रैडमैन ऑस्ट्रेलियाई टीम के महान खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने अपने नाम और भी रिकार्ड्स दर्ज किए हैं। उन्होंने मात्र तीन ओवर में अपना शतक पूरा किया है।

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