सच्चा कौनः रियो में एनर्जी ड्रिंक मामले में मैराथन रनर जैशा या AFI

Update: 2016-08-22 22:09 GMT

नई दिल्लीः एथलेटिक्स संघ (एएफआई) ने मैराथन रनर ओपी जैशा के आरोपों को गलत बताया है। जैशा ने कहा था कि मैराथन के दौरान एएफआई की ओर से हर 2 किलोमीटर पर एनर्जी ड्रिंक का कोई स्टॉल नहीं लगाया गया था। इस वजह से मैराथन के दौरान उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। एएफआई के बयान से सवाल ये उठ रहा है कि इस मामले में जैशा सच्ची हैं या एएफआई?

जैशा ने क्या आरोप लगाए थे?

जैशा ने सोमवार को आरोप लगाया था कि रियो ओलंपिक के मैराथन के दौरान वह 45 डिग्री की तपती गर्मी में दौड़ती रहीं, लेकिन एएफआई की ओर से एनर्जी ड्रिंक या पानी नहीं दिया गया। साथ ही मैराथन के बाद खाने की भी व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने कहा था कि हर देश ने अपने धावकों के लिए स्टॉल लगाए थे, लेकिन भारत का स्टॉल खाली था। बता दें कि जैशा ने मैराथन में 89वां स्थान हासिल किया था। वह फिनिश लाइन पर गिर भी गई थीं। बाद में उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया। हॉस्पिटल में जैशा के कोच निकोलाई नेसारेव की एक डॉक्टर से झड़प भी हो गई थी। जिसके बाद उन्हें पुलिस ने हिरासत में भी लिया था।

एएफआई ने क्या कहा?

जैशा के आरोपों पर एएफआई ने बयान जारी किया है। उसने कहा है कि हर टीम को स्टॉल पर अपना पसंदीदा ड्रिंक रखने की मंजूरी होती है। नियम के तहत मैराथन से पहले भारतीय टीम के मैनेजर 16 खाली बोतलों (8 जैशा और 8 उनकी साथी कविता राउत के लिए) के साथ दोनों खिलाड़ियों और उनके कोच से मिले थे। मैनेजर ने उनसे पसंदीदा ड्रिंक के बारे में पूछा, ताकि उसे बोतलों में खिलाड़ियों के सामने भरकर सील किया जा सके। एएफआई के मुताबिक जैशा-कविता ने साफ मना कर दिया कि उन्हें कोई खास ड्रिंक नहीं चाहिए। अगर जरूरत पड़ी तो आयोजकों के स्टॉल से वे पानी या ड्रिंक ले लेंगी।

पुरुषों के लिए दिया गया था ड्रिंक

एएफआई ने कहा कि भारतीय पुरुष मैराथन धावकों के कोच सुरेंदर सिंह ने अपने खिलाड़ियों के लिए ड्रिंक की व्यवस्था करने की गुजारिश रियो ओलंपिक के दौरान की थी और ऐसा किया भी गया। साथ ही ये भी बयान में कहा गया है कि साल 2015 में बीजिंग में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान भी जैशा के कोच ने ड्रिंक मामले में कहा था कि जैशा को खास एनर्जी ड्रिंक नहीं चाहिए होता है।

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