नई दिल्ली: दीवानों की कीमत दीवाने ही जानतें है। इसकी एक मिलास तब देखने को मिली किक्रेट के भगवान कहे जाने वाल सचिन तेंदुलकर के एक विश्व विख्यात फैन की पड़ोसी मुल्क के एक क्रिकेट के दीवाने एक ऐसी मदद की कि वो आज मिसाल बन गयी है। दीवानो के लिए सीमा का बंधन नहीं होता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच दुबई में हो रहा है। ऐसे में भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे बड़े फैन सुधीर गौतम के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह यूएई जाकर मैच का आनंद ले सकें। लेकिन जब यह बाद पाकिस्तान के सबसे बड़े फैन 'चचा' उर्फ मोहम्मद बशीर को पता चला को उन्होंने सुधीर गौतम के यूएई जाकर मैच देखने का इंतजाम कर दिया है।
बता दें कि सुधीर गौतम मूलरूप से बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले हैं। क्रिकेट के प्रति दीवानगी में उन्होंने घर-परिवार को भी छोड़ दिया है। वे अपने पूरे शरीर पर भारतीय ध्वज की तरह का पेंट कराए रहते हैं। अब उन्होंने पीठ पर 'मिस यू तेंदुलकर' पेंट कराया हुआ है। कई ऐसे मौके आए हैं जब खुद सचिन तेंदुलकर ने सुधीर गौतम के लिए टिकट कटवाएं हैं ताकि वे विदेशों में जाकर मैच देख सकें।
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मोहम्मद बशीर उर्फ चचा ने कहा कि मैंने सुधीर गौतम से कहा कि तुम बस यूएई आ जाओ, मैं यंहा सबकुछ देख लूंगा। मैं बहुत अमीर नहीं हूं, लेकिन मेरा दिल बहुत बड़ा है। अगर मैं किसी की मदद करता हूं तो अल्लाह खुश होते हैं। इधर, सुधीर गौतम ने एशिया कप शुरू होने से पहले कुछ पुरानी तस्वीरें ट्वीट की हैं, जिसमें वे पाकिस्तान के चचा और बांग्लादेश के फैन शोएब टाइगर के साथ दिख रहे हैं।
सुधीर ने छोड़ दी नौकरी
सुधीर तीन बार अपनी नौकरी छोड़ चुका है। वह बिहार के मुजफ्फरपुर में सुधा डेयरी पर काम करता था। अपनी नौकरी से जमा हुए पैसों से उसने सबसे पहले अपना पासपोर्ट बनवाया, ताकि टीम इंडिया के साथ विदेश जा सके। इसके बाद सुधीर ने कभी भी फुल टाइम नौकरी नहीं की, ताकि वह सारे मैच देख सके। एक बार वह भारत का मैच देखने के लिए साइकिल पर ही पाकिस्तान चला गया था। 2005 में उसे टिकट कलैक्टर की नौकरी मिली लेकिन भारत-पाक मैच की वजह से वह इंटरव्यू के लिए ही नहीं गया।
जीवन भर अकेले रहने का संकल्प
सुधीर का परिवार चाहता है कि वह शादी कर ले लेकिन उसने अपनी पूरी जिंदगी क्रिकेट को समर्पित कर दी है। क्रिकेट के अलावा उसे और कुछ नहीं सूझता।
गरीबी आज भी
इतनी लोकप्रियता के बावजूद सुधीर का परिवार गरीब है। घर की छत से पानी टपकता है और घर भी भगवान भरोसे है। अक्सर रेडियो या टीवी वाले उसे फोन करते हैं और इंडिया के मैचों के लिए उसके ट्रैवल का खर्च उठाते हैं। इसके बदले सुधीर उनके लिए प्रोग्राम करता है। हर मैच की तरह इस वल्र्ड कप में भी उसके ट्रैवल का खर्च स्पॉन्सर्ड है।
कहते हैं खेल किसी भी मजहब या सीमाओं से परे होता है। यह कहावत एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच हो रहे क्रिकेट मुकाबले में सही साबित हुआ।