Ind vs Pak T20 वर्ल्ड कप: भारत-पाक क्रिकेट मैच में हमेशा तल्खियां ही नहीं रही...कई खट्टी-मीठी यादें भी जुड़ी हैं
Ind vs Pak T20: भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट काफी हद तक द्विपक्षीय राजनीतिक रिश्तों पर ही निर्भर करता रहा है। कभी किसी वजह से खेल रुका, तो कभी सब कुछ तय। लेकिन टूर्नामेंट कैंसिल कर दिया गया। कभी बॉयकॉट हुआ, तो कभी पिच खोद दिया गया। लेकिन आज हम भारत-पाक के बीच क्रिकेट मैच से जुड़ी कुछ रोचक और दिलचस्प किस्से आपके लिए लेकर आये हैं।
Ind vs Pak T20: चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान की टीम रविवार 24 अक्टूबर को एक बार फिर क्रिकेट के मैदान में आमने-सामने होंगी। लंबे समय से इन दोनों देशों के बीच क्रिकेट मैच केवल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) के टूर्नामेंट में ही होता है। आज होने वाले टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) का यह मुकाबला हाई फीवर वाला होने की उम्मीद है। खासकर जिस तरह दोनों की मीडिया ने इसे तरजीह दी है, उससे तो साफ लगता है युद्ध के मैदान में जो सो हो, लेकिन आज क्रिकेट के मैदान में ही 'महायुद्ध' देखने को मिलेगा।
खेल है तो किसी की जीत तो किसी की हार तय है। लेकिन भारत-पाक का यह मैच (IND vs PAK Match) इस साल के सबसे बड़े स्पोर्ट्स इवेंट्स में से होगा, इसमें कोई दो राय नहीं। भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट काफी हद तक द्विपक्षीय राजनीतिक रिश्तों पर ही निर्भर करता रहा है। कभी किसी वजह से खेल रुका, तो कभी सब कुछ तय। लेकिन टूर्नामेंट कैंसिल कर दिया गया। कभी बॉयकॉट हुआ, तो कभी पिच खोद दिया गया। लेकिन आज हम भारत-पाक के बीच क्रिकेट मैच से जुड़ी कुछ रोचक और दिलचस्प किस्से आपके लिए लेकर आये हैं।
जब पाकिस्तान में हीरो बन गए थे सुनील गावस्कर
यह बात है साल 1992 वर्ल्ड कप (1992 World Cup) से ठीक पहले की। उस वक्त इस खेल से जुड़े खिलाड़ी अपनी-अपनी राय देते थे। कुछ भविष्यवाणियां भी होती थीं। जो सच साबित भी हुईं। ऐसी ही एक भविष्यवाणी भारत के तेज तर्रार बैट्समैन सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने की थी। उन्होंने कहा था कि 'पाकिस्तान 1991-92 वर्ल्ड कप जीतेगा'। इस बयान के बाद गावस्कर की पाकिस्तान में जमकर प्रशंसा हुई। पाकिस्तान में उन्हें 'हीरो' की तरह देखा जाने लगा। गावस्कर की यह भविष्यवाणी सच साबित हुई। पाकिस्तान ने ही उस साल का विश्व कप जीता था।
इमरान ने भारत से मांगी थी मदद
यह वाकया वर्ष 1986 का है। तब, वेस्टइंडीज की टीम पाकिस्तान दौरे पर आई थी। उस वक्त पाकिस्तानी टीम के कप्तान (Pakistan Cricket Team Captain) इमरान खान (Imran Khan) थे। इमरान ने उस टूर्नामेंट के समय भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई (BCCI) से संपर्क किया। उन्होंने भारतीय बोर्ड से उन्हें तटस्थ अंपायर मुहैया कराने की गुजारिश की। तब भारत ने पीलू रिपोर्टर और वीके रामास्वामी को डेप्युटेशन पर पाकिस्तान भेजा था। इसके तीन साल बाद जब भारतीय टीम पाक दौरे पर गई, तो इमरान ने अंग्रेजी अंपायरों, जॉन हैम्पशर और जॉन होल्डर को अपने यहां बुलवाया। कहते हैं बाद क्रिकेट की दुनिया को यह समझ आने लगा कि अब वक्त आ गया है जब दो देशों के मैच के बीच तटस्थ अंपायर हों।
मैच से जुड़ी कई खट्टी-मीठी यादें
भारत और पाकिस्तान के मैच से कई पुरानी यादें हैं। ऐसी ही एक कहानी 1961-62 की है। जब एक गुस्साए प्रशंसक (फैन) ने ब्लेड से हनीफ मोहम्मद (Hanif Mohammad) का हाथ काटने की कोशिश की थी। इसी तरह, वर्ष 1989 में कुछ बड़बोले उपद्रवियों ने कराची में भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) के साथ बदसलूकी की। इसी तरह कुछ अच्छे और यादगार पल भी रहे हैं। जैसे, साल 1999 में जब चेन्नई में पाकिस्तान के हाथों भारत को हार झेलनी पड़ी। तब भारतीय टीम के प्रशंसकों ने स्टेडियम में खड़े होकर लिए तालियां बजाई थी। इसी तरह 2004 में जब भारतीय टीम ने पाकिस्तान में जीत दर्ज की तब वहां की जनता से उसे सिर आंखों पर बिठाया।
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