जीत के बाद रहाणे के मुरीद हुए दिग्गज, कप्तानी में कोहली से ये दिखा फर्क

कप्तान के रूप में रहाणे ने चतुराई से गेंदबाजी में परिवर्तन किया और शानदार फील्डिंग सजाकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को अपने जाल में फंसा लिया। पूर्व क्रिकेटर और चयनकर्ता रहे मदन लाल का कहना है कि रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार फील्डिंग सजाई।

Update: 2021-01-01 06:42 GMT
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में हुए दूसरे टेस्ट में भारत की 8 विकेट से विजय का सबसे बड़ा क्रेडिट कप्तान अजिंक्य रहाणे को दिया जा रहा है।

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में हुए दूसरे टेस्ट में भारत की 8 विकेट से विजय का सबसे बड़ा क्रेडिट कप्तान अजिंक्य रहाणे को दिया जा रहा है। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अपने सबसे कम स्कोर पर आउट होने वाली टीम अगले ही मैच में इस तरह बदली हुई नजर आई जिसे देखकर दिग्गज क्रिकेटर भी हैरान रह गए हैं।

दो नए खिलाड़ियों और नियमित कप्तान विराट कोहली की नामौजूदगी में उतरे रहाणे ने शानदार कप्तानी पारी खेलने के साथ ही जिस नायाब तरीके से गेंदबाजी में बदलाव और बेहतरीन फिल्डिंग सजाकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को जाल में फंसाया, उसका हर क्रिकेट फैन मुरीद हो गया है। सोशल मीडिया पर तो रहाणे को कोहली से बेहतर कप्तान बताने के साथ ही उन्हें नियमित कप्तान बनाने की बात भी होने लगी है।

पहले ही दिन ऑस्ट्रेलिया को किया हैरान

मेलबर्न टेस्ट के पहले दिन जब रहाणे टॉस करने के लिए मैदान में उतरे तो शायद किसी को यकीन नहीं था कि टीम इंडिया इतनी जल्दी ऑस्ट्रेलिया पर हावी हो जाएगी। टॉस जीतने के बाद ऑस्ट्रेलिया के कप्तान ने बल्लेबाजी का फैसला किया मगर पहले दिन ही चाय काल तक यह पता चल गया कि रहाणे किस मिट्टी के बने हैं। ऑस्ट्रेलियाई टीम को 195 रनों पर समेटने के बाद रहाणे ने बेहद शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपने टेस्ट करियर का 12वां और बतौर कप्तान पहला टेस्ट शतक जमाकर मेजबान टीम को हैरान कर दिया।

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शानदार फील्डिंग सजाकर दिग्गजों को फंसाया

कप्तान के रूप में रहाणे ने चतुराई से गेंदबाजी में परिवर्तन किया और शानदार फील्डिंग सजाकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को अपने जाल में फंसा लिया। पूर्व क्रिकेटर और चयनकर्ता रहे मदन लाल का कहना है कि रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार फील्डिंग सजाई। फिल्डर ऐसी जगहों पर तैनात किए जहां ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने आसानी से कैच दे दिए।

मुश्किल हालात में शतक के सचिन हुए मुरीद

मेलबर्न टेस्ट में भारत की शानदार जीत के बाद दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने अजिंक्य रहाणे की कप्तानी और शानदार बैटिंग की जमकर तारीफ की है। रहाणे के साथ ही सचिन ने अश्विन, जसप्रीत बुमराह, रविंद्र जडेजा और मेलबर्न में डेब्यू करने वाले शुभमन गिल और मोहम्मद सिराज के बेहतरीन खेल की भी तारीफ की। सचिन ने कहा कि मुश्किल हालात में रहाणे ने शानदार कप्तानी के साथ ही शतक भी लगाया।

रहाणे की कप्तानी पूरी तरह आक्रामक

अजिंक्य रहाणे ने जिस शानदार अंदाज में टीम की कप्तानी की, वह काबिले तारीफ है। सचिन ने कहा कि रहाणे शांत दिख रहे थे मगर उनका रवैया पूरी तरह आक्रामक था। सही बात तो यह है कि रहाणे में धैर्य के साथ-साथ आक्रामकता का बिल्कुल सही मिश्रण था जिसके आगे ऑस्ट्रेलिया ढेर हो गया।

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शांत अंदाज में विरोधी टीम को किया ध्वस्त

टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री ने भी रहाणे को चालक कप्तान बताया है। उन्होंने रहाणे और विराट कोहली की कप्तानी का फर्क बताते हुए कहा कि रहाणे का शांत स्वभाव नियमित कप्तान विराट कोहली से बिल्कुल उल्टा है। कोहली हमेशा जोश और जुनून से भरे दिखाई देते हैं जबकि रहाणे शांत अंदाज में विरोधी टीम को ध्वस्त करने की चाल चलते हैं।

शास्त्री ने शतक को बताया टर्निंग प्वाइंट

शास्त्री ने कहा कि रहाणे काफी चालाक कप्तान हैं। खेल को बखूबी पढ़ते हैं। उनके शांत स्वभाव से नए खिलाड़ियों और गेंदबाजों को काफी मदद मिली। इस कारण मेलबर्न में टीम इंडिया जीत हासिल करने में कामयाब हुई। शास्त्री ने दूसरे टेस्ट के दौरान रहाणे की सेंचुरी को टर्निंग प्वाइंट बताते हुए कहा कि उन्होंने अविश्वसनीय धैर्य दिखाते हुए आस्ट्रेलिया को हैरान कर दिया।

भारी बढ़त बनी टीम इंडिया की जीत का आधार

टीम इंडिया के कोच ने कहा कि जिस वक्त रहाणे बल्लेबाजी करने के लिए उतरे, उस वक्त टीम इंडिया के दो विकेट 60 रन पर गिर गए थे मगर इसके बाद रहाणे ने 6 घंटे बल्लेबाजी की और यह आसान काम नहीं था। उन्होंने अविश्वसनीय धैर्य दिखाते हुए टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया पर भारी बढ़त दिलाने में मदद की और आखिरकार यही भारतीय जीत का मजबूत आधार बनी।

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गेंदबाजों की इस तरह हौसलाअफजाई

रहाणे की कप्तानी में खेल चुके तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा का कहना है कि रहाणे गेंदबाजों के कप्तान हैं। वे कभी भी गेंदबाजों को यह नहीं समझाते हैं कि वे क्या करें। इससे गेंदबाजों का हौसला बढ़ता है। गेंदबाज अपने स्तर पर बल्लेबाज को आउट करने में जुटा रहता है। एक कप्तान के रूप में रहाणे गेंदबाजों से यह बात जरूर पूछते हैं कि उन्हें कैसी फील्डिंग चाहिए।

कठिन हालात में निभाई बड़ी जिम्मेदारी

रहाणे की कप्तानी पर टिप्पणी करते हुए क्रिकेट समीक्षक अयाज मेमन ने कहा कि रहाणे को बेहद कठिन हालात में कप्तानी मिली मगर दूसरे टेस्ट मैच के दौरान उन्होंने गेंदबाजों का हौसला बढ़ाया और बेहतरीन फील्डिंग सजाई। इससे पता चलता है कि टेस्ट क्रिकेट की उनकी सोच कैसी है। इसके बाद उन्होंने बल्लेबाजी के मोर्चे पर भी बड़ी जिम्मेदारी निभाते हुए भारत को बड़ी बढ़त दिलाने में कामयाबी हासिल की। उन्होंने कहा कि किसी भी खेल में सबसे जरूरी बात यह है कि खिलाड़ी दबाव से कैसे निपटना है। बेहद दबाव में होने के बावजूद रहाणे ने इस मोर्चे पर शानदार कामयाबी हासिल की है।

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कप्तानी में पहले भी जीता चुके हैं मैच

रहाणे इससे पूर्व भी टीम इंडिया की कप्तानी कर चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2017 में धर्मशाला में और बेंगलुरु में 2018 में अफगानिस्तान के खिलाफ कप्तानी में उन्होंने टीम इंडिया को जीत दिलाई है। इसके अलावा उन्होंने 2015 में जिंबाब्वे के खिलाफ हरारे में खेली गई वनडे सीरीज में भी टीम इंडिया को जीत दिलाई थी। इसके साथ ही वे दो टी-20 मुकाबलों में भी भारत की कप्तानी कर चुके हैं जिनमें एक में टीम इंडिया को जीत और एक में हार मिली। अब भारत को सिडनी में ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला करना है। हर किसी की नजर इस बात पर टिकी है कि सीरीज के बाकी बचे दो टेस्ट मैचों में रहाणे अपनी कप्तानी से आस्ट्रेलिया को कैसे हैरान करते हैं।

अंशुमान तिवारी

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