Successful Captain in India: युवराज और सहवाग के होते 2007 में क्यों बनाया गया था धोनी को कप्तान? जानें पीछे की वजह
Successful Captain in India: युवराज सिंह, हरभजन सिंह, सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग जैसे कई खेल के धुरंधर व एक्सपीरियंस प्लेयर्स टीम में सहभागी थे। इसके बाद भी चयन कर्ता ने महेंद्र सिंह धोनी को टूर्नामेंट के फॉर्मेट के लिए टीम का कप्तान बनाया था।
Successful Captain in India: टीम इंडिया को वर्ष 2007 में खेले गए वनडे विश्व कप में चोट करने वाली पराजय मिली थी। उस समय तत्कालीन कप्तान राहुल द्रविड़ ने टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला कर लिया था। तब क्रिकेट सिलेक्टर कमिटी के सामने नए कैप्टन को सेलेक्ट करने की बड़ी चुनौती दी गई थी। उस दौरान टीम में युवराज सिंह, हरभजन सिंह, सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग जैसे कई खेल के धुरंधर व एक्सपीरियंस प्लेयर्स टीम में सहभागी थे। इसके बाद भी चयन कर्ता ने महेंद्र सिंह धोनी को टूर्नामेंट के फॉर्मेट के लिए टीम का कप्तान बनाया था।
एक कैप्टन के तौर पर महेंद्र सिंह धोनी ने वन डे मैच खेला था। जिसमें उन्होंने अपनी कैप्टेंसी के स्किल से मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने में विशेष योगदान दिया था। लंबे इंतजार के बाद 24 साल में टीम इंडिया ने विश्व कप खिताब पर अपना कब्जा जमाया था।
अन्य धुरंधरों को छोड़ धोनी को ही क्यों चुना गया था कैप्टन?
बड़ा सवाल यह है कि भारतीय टीम में सचिन, युवराज और सहवाग जैसे महान खेल के धुरंधरों के होने के बाद भी कमिटी ने धोनी पर कैप्टेंसी का भरोसा क्यों दिखाया? आखिर एक नवजवान खिलाड़ी पर टीम का बोझ देश का बोझ क्यों दिया गया जब हमारे पास अनुभवी खिलाड़ियों की लिस्ट भी शानदार थी।
आपके इस सवालों का जवाब देने के लिए, विश्व कप विजेता रही भारतीय टीम का हिस्सा रहे, साथ ही पूर्व भारतीय टीम के सेलेक्टर दिलीप वेंगसरकर ने बताया है, उन्होंने इस सवाल के जवाब का खुलासा कर दिया है कि धोनी की टीम लीडिंग स्किल्स पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए, उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम का दारोमदार उस समय में सौंप कर टीम का कप्तान बनाया गया था।
टीम में हर खिलाड़ियों को पसंद होने के अलावा, यह खिलाड़ी की खेल की स्किल, रवैया, साथ ही सामने से टीम लीड करने की कुशलता और मैन पावर मैनेजमेंट स्किल को देखा गया था। चयनकर्ता ने बताया कि,कमिटी धोनी के खेल में परफॉर्मेंस के साथ ही टीम के अन्य खिलाड़ियों के प्रति उनके बर्ताव को भी देख रही थी और वह दूसरें खिलाड़ियों से कैसे बात करते थे। हमें इन सब के प्रति पॉजिटिव रिएक्शन देखने को मिला।
माही की कैप्टेंसी के बाद भारतीय टीम को नहीं मिला जीत का मौका
आपको बता दें कि, भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भारत को तीन बार icc (international cricket championship) का खिताब जितवाया है। साल 2007 में धोनी के नेतृत्व में टीम इंडिया ने टी20 विश्व कप का में जीत का खिताब भारत के नाम किया। इसके बाद 2011 में टीम ने वनडे विश्व कप का टाइटल अपने नाम कर जीत पर कब्जा जमाया था और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी में भी भारतीय टीम ने जीत हासिल की।
लेकिन दु:ख की बात यह है कि पिछले 10 सालों में टीम इंडिया अबतक एक भी जीत का टाइटल हासिल करने में नाकाम रही है। धोनी के बाद टीम की कमान संभालने वाले विराट कोहली और रोहित शर्मा पूरी तरह से कैप्टेंसी में नाकाम साबित हुए हैं।