सुनील छेत्री का 'डबल' गोल, बांग्लादेश को हराया, मेसी को पछाड़ा
सुनील छेत्री अर्जेंटीना के स्टार लियोनेल मेसी को पीछे छोड़ते हुए सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में दूसरे पायदान पर पहुंच गये हैं।
भारतीय फुटबॉल टीम के स्टार खिलाड़ी सुनील छेत्री ने अपने नाम एक और रिकॉर्ड दर्ज किया है। सुनील छेत्री अर्जेंटीना के दिग्गज खिलाड़ी लियोनेल मेसी को पीछे छोड़ते हुए सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में दूसरे पायदान पर पहुंच गये हैं। सोमवार को बंग्लादेश के खिलाफ छेत्री ने भारतीय टीम की तरफ से दो गोल किए। इसके साथ ही उनके कुल अंतरराष्ट्रीय गोल की संख्या 74 हो गई है। 36 वर्षीय सुनील छेत्री ने सोमवार को बांग्लादेश के खिलाफ फीफा विश्व कप 2022 और एएफसी एशियाई कप 2023 के संयुक्त क्वालिफाईंग मैच में भारत की ओर से दो गोल किए थे। बता दें विश्व कप क्वालिफायर में भारत की पिछले छह वर्षों में पहली जीत है।
नंबर-1 पर रोनाल्डो, 103 गोल
पुर्तगाल के चैंपियन फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो (Cristiano Ronaldo) अकसर अपनी किक का जादू मैदान पर दिखाते हैं और जबर्दस्त गोल दागते हैं, क्रिस्टियानो रोनाल्डो फुटबॉल की दुनिया में राज करते हैं। 2003 से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रोनाल्डो ने अभी तक 174 मैचों में 103 गोल दागे हैं। छेत्री बार्सिलोना के स्टार मेसी से दो और यूएई के अली मबखौत से एक गोल आगे हैं। मबखौत 73 गोल के साथ तीसरे स्थान पर हैं।
सुनील छेत्री का परिचय
सुनील छेत्री का जन्म 3 अगस्त, 1984 को सिकन्दराबाद में हुआ। सुनील छेत्री के पिता के.बी.छेत्री भारतीय सेना में अधिकारी थे। बचपन से ही उनमें फुटबॉल को लेकर एक जुनून था। अपने स्कूली दिनों से ही वे एक अच्छे स्ट्राइकर थे। शुरूआती दौर में उन्होंने कई टूर्नामेन्टस में अच्छा प्रदर्षन कर फुटबॉल क्लबों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। छेत्री ने अपना प्रोफेषनल कॅरियर 2002 मे मोहन बागान के साथ शुरू किया। इसके कुछ समय बाद अपना क्लब बदल दिया और जेसीटी के लिए खेलने लग गए। जेसीटी के लिए उन्होंने 48 मैचो मे 21 गोल किए।
उनकी जिन्दगी मे बड़ा मोड़ तब आया जब 2010 में अपने अच्छे प्रदर्शन की वजह से उन्हें मेजर लीग सॉकर में कन्सास सिटी विजार्ड़स कि ओर से खेलने का मौका मिला। अन्तर्राष्ट्रीय क्लब फुटबॉल से भारत के फुटबॉल इतिहास में जुड़ने वाले वे तीसरे खिलाड़ी हैं इसके बाद उन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्लब फुटबॉल में खेलने का मौका मिला। इसके बाद वे दूसरे अंतराष्ट्रीय क्लब स्पोर्टिंग क्लब द पोर्तुगल से जुड़े और उन्हें प्रीमियर लीग खेलने का मौका मिला।
सुनील क्षेत्री ने भारत को 2007, 2009 और 2012 के नेहरू कप में जीत दिलाने में अहम भूमिका का निर्वाह किया। उनके अच्छे खेल की मदद से भारत ने 2011 के सैफ चैम्पयनिशप अपने नाम की। 2008 में खेले गए एएफसी चैलेंज कप में भी उन्होंने भारत को जीत दिलवाई और 27 साल बाद पहले एएफसी एशियन कप के लिए क्वालीफाई करने का मौका मिला। 2011 में हुए एएफसी एशियन कप में उन्होंने 2 शानदार गोल दागे। उन्हें चार बार 2007, 2011, 2013 और 2014 में एआईएफएफ प्लेअर ऑफ द ईयर बनने का मौका मिला।