क्राइस्टचर्च टेस्ट में टीम इंडिया की कड़ी परीक्षा, पृथ्वी शॉ ओपनिंग को तैयार
न्यूजीलैंड दौरे पर दस पारियों में महज एक अर्धशतक। भारतीय कप्तान विराट कोहली के बल्ले किसी ने नहीं लगाया होगा। मगर ये सब सच है। टीम इंडिया वेलिंगटन टेस्ट हार चुकी है और विराट कोहली का बल्ला लगातार खामोश है।
क्राइस्टचर्च : न्यूजीलैंड दौरे पर दस पारियों में महज एक अर्धशतक। भारतीय कप्तान विराट कोहली के बल्ले किसी ने नहीं लगाया होगा। मगर ये सब सच है। टीम इंडिया वेलिंगटन टेस्ट हार चुकी है और विराट कोहली का बल्ला लगातार खामोश है। टीम इंडिया अब न्यूजीलैंड के खिलाफ क्राइस्टचर्च में खेलने उतरेगी, लेकिन यहां भी उसके लिए राह आसान नहीं होगी। वजह कई हैं।
वेलिंगटन में भारतीय टीम को जहां तेज हवाओं और उछाल भरी गेंदबाजी से निपटने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, वहीं क्राइस्टचर्च में भी उसे दो-दो बड़ी चुनौतियों से जूझना होगा। दरअसल, दिलचस्प बात है कि भारतीय टीम के किसी खिलाड़ी ने क्राइस्टचर्च के हेग्ले ओवल मैदान पर एक भी टेस्ट मैच नहीं खेला है। इसका ये भी मतलब हुआ कि भारतीय टीम इस मैदान पर अपना टेस्ट डेब्यू करने जा रही है। ऐसे में न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों की फौज से निपटना उसके लिए और मुश्किल होगा जो बाउंसरों से टीम इंडिया की परीक्षा लेने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
इस मैदान पर जो 6 मुकाबले खेले गए हैं, उनमें न्यूजीलैंड ने श्रीलंका के खिलाफ दो, जबकि ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, इंग्लैंड, बांग्लादेश के खिलाफ एक-एक मैच खेला है। बांग्लादेश के खिलाफ उसका दूसरा मैच रद्द हो गया था। क्राइस्टचर्च के इस मैदान पर सबसे पहला मैच दिसंबर 2014 को हुआ था, जिसमें न्यूजीलैंड ने 8 विकेट से जीत दर्ज की थी।
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भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरे टेस्ट में विराट एंड कंपनी को न्यूजीलैंड के खिलाफ फिर कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा क्योंकि कीवी तेज गेंदबाज शॉर्ट पिच गेंदों के अपने मारक अस्त्र का खुलेआम इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं। शॉर्ट पिच गेंदों के धुरंधर नील वैगनर की इस मैच में वापसी हुई है और वे टिम साउदी, ट्रेंट बोल्ट और काइल जैमीसन के साथ मिलकर राउंड द विकेट गेंदबाजी करके भारतीय बल्लेबाजों की पसलियों को निशाना बना सकते हैं।
भारतीय टीम चाहेगी कि अंजिक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा में से कोई सकारात्मक अंदाज में बल्लेबाजी करे क्योंकि इनकी जरूरत से ज्यादा रक्षात्मक बल्लेबाजी से कोहली पर दबाव पड़ता है। भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि पृथ्वी शॉ ने नेट्स पर अभ्यास किया तथा कोच की निगरानी में उन्होंने लंबे समय तक बल्लेबाजी की। इस बीच कप्तान कोहली ने भी उन्हें कुछ गुर सिखाये। मगर भारतीय टीम के लिए बुरी खबर भी है। तेज गेंदबाजी के अगुआ और पहले टेस्ट में टीम की तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले इशांत शर्मा के दायें पांव की चोट फिर से उभर आई है। यह चोट उन्हें पिछले महीने रणजी ट्रॉफी मैच खेलते समय लगी थी।
हेग्ले ओवल मैदान पर किसी टीम का सर्वाधिक स्कोर न्यूजीलैंड के नाम है। मेजबान टीम ने दिसंबर 2018 में श्रीलंका के खिलाफ चार विकेट पर 585 रन बनाकर पारी घोषित की थी। इस मैदान का निम्नतम स्कोर भी इसी मैच में बना जब श्रीलंकाई टीम दूसरी पारी में 104 रनों पर सिमट गई।
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क्राइस्टचर्च में जहां बल्लेबाजों में न्यूजीलैंड के टॉम लाथम का जलवा रहा है, वहीं गेंदबाजी में ट्रेंट बोल्ट ने वर्चस्व कायम किया है। टॉम लाथम ने यहां छह मैचों की 12 पारियों में 43.18 के औसत से 475 रन बनाए हैं। वहीं बोल्ट ने छह मैचों में 37 विकेट लेने का करिश्माई प्रदर्शन किया है।
दोनों टीमें
न्यूजीलैंड (12) : केन विलियमसन (कप्तान), टॉम ब्लंडेल, टॉम लाथम, हेनरी निकोल्स, रॉस टेलर, कोलिन डी ग्रैंडहोम, बीजे वाटलिंग (विकेटकीपर), काइल जैमीसन, टिम साउदी, ट्रेंट बोल्ट, नील वैगनर, एजाज पटेल।
भारत (15) : विराट कोहली (कप्तान), मयंक अग्रवाल, पृथ्वी शॉ, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, हनुमा विहारी, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), इशांत शर्मा, रवींद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, रविचंद्रन अश्विन, शुभमन गिल, उमेश यादव, नवदीप सैनी और ऋद्धिमान साहा।