ISRO Chief Meet Chess Grandmaster: इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ के साथ काम करेंगे चेस ग्रैंडमास्टर
ISRO Chief Meet Chess Grandmaster: इसरो चीफ ने शतरंज ग्रैंडमास्टर खिलाड़ी को उपहार के रूप में GSLV रॉकेट की प्रतिकृति लघु (replica miniature) भेंट की। साथ ही उन्हें आगे के मुकाबलों के लिए शुभकामनाएं दीं।
ISRO Chief Meet Chess Grandmaster: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने सोमवार को चेन्नई में भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रगनानंद(Indian Chess Grandmaster Rameshbabu Praggnanandhaa) से उनके आवास पर मुलाकात की। इसरो चीफ सोमनाथ ने उनकी उपलब्धि के लिए प्रज्ञानानंदा की सराहना की। आगे कहा कि चंद्रमा पर एक प्रज्ञान पहले से ही है, और चेस मास्टर जमीन पर एक प्रज्ञान है। इसरो प्रमुख ने कहा, "हमने भारत के लिए चंद्रमा पर जो किया है, ग्रैंडमास्टर ने जमीन पर किया है।" उन्होंने यह भी कहा कि प्रज्ञानानंदा अंतरिक्ष (Space) के कामों में बढ़ावा देने के लिए भी काम करने जा रहे हैं। वह युवाओं को विज्ञान, अंतरिक्ष को प्रेरित करने के लिए स्पेस एजेंसी के साथ काम करेंगे।
चेस ग्रैंड मास्टर ने इसरो चीफ को अपनी ट्रॉफी की भेंट
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष श्रीधर सोमनाथ ने सोमवार, 16 अक्टूबर को चेन्नई में भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानानंदा से उनके घर पर मुलाकात की। इसरो प्रमुख ने शतरंज खिलाड़ी को प्रेरक उपहार के रूप में जीएसएलवी रॉकेट की रिप्लिका मिनिएचर दिया। उन्हें आगे आने वाले मुकाबलों के लिए शुभकामनाएं दीं। प्रज्ञानानंदा ने इसरो चीफ को अपनी ट्रॉफियां भेंट कीं और इसरो वैज्ञानिकों और आगामी मिशन गगनयान की सफलता की कामना की। जब सोमनाथ चेन्नई में शतरंज खिलाड़ी से मिले, तो प्रज्ञानानंदा के पिता रमेश बाबू भी वहां मौजूद थे।
इसरो से जुड़कर अंतरिक्ष क्षेत्र में काम करेंगे चेस ग्रैंडमास्टर
एएनआई के माध्यम से एस सोमनाथ ने कहा, हर भारतीय की तरह, हमें उनकी उपलब्धि के लिए प्रज्ञानानंदा पर बहुत गर्व है। वह दुनिया में शतरंज के नंबर एक खिलाड़ीयों में एक हैं। जल्द ही नंबर एक बन जाएगा। शतरंज भारत में शुरू हुआ एक पुराना खेल है... इसका मूल स्थान हम ही हैं... यह दिमाग और प्रतिभा का खेल है। यह बुद्धि, योजना और रणनीति का खेल है, भारत के लिए यह बहुत प्रसिद्ध है। हमें गर्व है कि चंद्रमा पर एक प्रज्ञान है, और वह जमीन पर प्रज्ञान है... हमने चंद्रमा पर भारत के लिए जो किया, उन्होंने जमीन पर पूरा किया है... वह अंतरिक्ष को बढ़ावा देने के लिए भी हमारे साथ काम करने जा रहा है... युवाओं को विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी अपनाने और भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के लिए प्रेरित करने के लिए हमारे साथ काम करेंगे।"