जोहान्सबर्ग: बल्लेबाजों के लिए वांडर्स की पिच पर खड़े होना भी मुश्किल हो गया है। असमान उछाल और तेजी के बीच गेंदबाज इस विकेट पर बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा ले रहे हैं। मैदान पर कई बार फिजियोथेरेपिस्ट के दर्शन भी हुए। इसके बाद से इस पिच को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सवाल ये भी उठ रहा है कि जब इसी पिच पर भारतीय बल्लेबाज खेल सकते हैं तो अफ़्रीकी खिलाड़ी क्यों नहीं?
वाबजूद इसके भारत ने अजिंक्य रहाणे के 48, कप्तान विराट कोहली के 41, भुवनेश्वर कुमार के 33, मुरली विजय के 25 और मोहम्मद शमी के 27 रनों की मदद से दक्षिण अफ्रीका के सामने तीसरे और आखिरी टेस्ट मैच में 241 रनों का लक्ष्य दिया।
लेकिन मैच के तीसरे दिन शुक्रवार के तीसरे सत्र में पिच की खराब स्थिति को देखते हुए अंपायरों ने इस पर चर्चा की और अंत में तकरीबन आधे घंटे पहले दिन का खेल समाप्ति की घोषणा कर दी। दिन का खेल खत्म होने तक दक्षिण अफ्रीका ने एक विकेट के नुकसान पर 8.3 ओवरों में 17 रन बना लिए थे। पूरे दिन के दौरान कई बार अंपायर पिच को लेकर चर्चा करते दिखे।
यह घोषणा तब हुई जब जसप्रीत बुमराह की एक गेंद असमान उछाल के लेकर मेजबान टीम के सलामी बल्लेबाज डीन एल्गर (11 रन) के हेलमेट पर जा लगी और मैदान पर एक बार फिर फिजियो के दर्शन हुए। इस समय दक्षिण अफ्रीका ने पिच की शिकायत मैदानी अंपायरों से की और मैच रोक दिया गया। इस बीच बारिश ने भी दस्तक दी और इसी बहाने दिन का खेल खत्म करने की औपचारिक घोषणा कर दी गई।
हालांकि यह मैच में पहला मौका नहीं था कि गेंद बल्लेबाजों के शरीर पर लगी और खिलाड़ी चोटिल हुए हैं। एल्गर इससे पहले एक बार अंगूठे पर और एक बार जांघ पर गेंद खा चुके थे। भारतीय पारी के दौरान भी ऐसा कई बार हुआ। मोर्ने मोर्कल की गेंद बुमराह के कंधे पर लगी थी। फिलेंडर की गेंद भुवनेश्वर के शरीर पर जा टकराई थी। रहाणे ने भी कई बार असमान उछाल का सामना किया। बल्लेबाज गेंद को भांपने में गलती कर रहे थे ऐसा विकेट के असमान उछाल के कारण कई बार देखने को मिला।
हालांकि, कप्तान कोहली ने ड्रेसिंग रूम से अपने बल्लेबाजों से विकेट पर खड़े रहने और पूरा खेलना को कहा जो उन्होंने किया और मेजबान टीम को एक ऐसा लक्ष्य प्रदान किया जो इस विकेट पर दो दिन का खेल शेष रहने के बाद भी पहुंच से बाहर लग रहा है। इससे पहले भारत ने दिन की शुरुआत एक विकेट के नुकसान पर 49 रनों के साथ की। टीम के खाते में दो रन ही जुड़ पाए थे कि राहुल को वर्नोन फिलेंडर ने कप्तान फाफ डु प्लेसिस के हाथों कैच करा भारत को दिन का पहला झटका दिया।
छह रन बाद डु प्लेसिस ने मोर्ने मोर्कल की गेंद पर पुजारा को लपक कर भारत को कुल तीसरा झटका दिया। इसके बाद कोहली मैदान पर उतरे और बिना किसी दबाव के अपना खेल खेलने लगे। विजय ने धीमी पारी खेली और 127 गेंदों का सामना किया। उनकी पारी में सिर्फ एक चौका शामिल है। कोहली और विजय ने चौथे विकेट के लिए 43 रनों की साझेदारी की। रबादा ने विजय को एक खूबसूरत यार्कर पर बोल्ड किया।
दूसरे सत्र में भारत ने कोहली के रूप में बड़ा झटका लगा जो रबादा की बेहतरीन गेंद पर बोल्ड हो गए। कोहली ने इस मैच में भारतीय कप्तान के तौर पर टेस्ट में सबसे ज्यादा रनों का रिकार्ड भी अपने नाम किया। कोहली ने 34 मैंचों में 3456 रन बनाए हैं। उन्होंने इस मामले में महेंद्र सिंह धौनी को पीछे छोड़ा।
हार्दिक पांड्या (4) को भी राबादा ने अपना शिकार बनाया। इसके बाद रहाणे और भुवनेश्वर ने मुश्किल विकेट पर गेंद खाते हुए पैर जमाए। दोनों ने सातवें विकेट के लिए 51 रनों की साझेदारी की। रहाणे अपने अर्धशतक से चूक गए और मोर्कल की गेंद पर विकेट के पीछे क्विंटन डी कॉक के हाथों लपके गए। भुवनेश्वर ने फिर शमी के साथ आठवें विकेट के लिए 35 रन जोड़े। भुवनेश्वर ने 76 गेंदों की अपनी पारी में दो चौके लगए। वहीं शमी ने 28 गेंदों में दो छक्कों के साथ एक चौका लगाया।
दक्षिण अफ्रीका की ओर से कगीसो रबाडा, वर्नोन फिलेंडर और मोर्ने मोर्कल ने तीन-तीन सफलता हासिल की जबकि लुंगी नगिड़ी को एक विकेट मिला।
भारत ने अपनी पहली पारी में 187 रन बनाए थे जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने अपनी पहली पारी में 194 रन बनाते हुए सात रनों की बढ़त ली थी।
आईएएनएस