Linthoi Chanambam: मिसाल बनी मणिपुर की बेटी, जूडो में भारत को ऐतिहासिक मेडल दिलाया
Linthoi Chanambam: मणिपुर की 15 वर्षीय लिंथोई ने फाइनल में ब्राजील की बियांका रीस को हराकर एरिना होटल हिल्स में महिलाओं की 57 किग्रा प्रतियोगिता में पोडियम पर शीर्ष स्थान हासिल किया।;
Linthoi Chanambam (photo: social media )
Linthoi Chanambam: भारत की लिंथोई चनंबम ने साराजेवो में विश्व कैडेट जूडो चैम्पियनशिप में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता है। जुडो में किसी भी आयु वर्ग के टूर्नामेंट में पदक जीतने वाली वह देश की पहली खिलाड़ी है।
मणिपुर की 15 वर्षीय लिंथोई ने फाइनल में ब्राजील की बियांका रीस को हराकर एरिना होटल हिल्स में महिलाओं की 57 किग्रा प्रतियोगिता में पोडियम पर शीर्ष स्थान हासिल किया। लिंथोई ने कहा, "मेरे पास वास्तव में शब्द नहीं हैं और मैं यह नहीं बता सकती कि मैं अभी कैसा महसूस कर रही हूं। मैं केवल यह जानती हूं कि मैं इस जीत से बहुत खुश हूं और मुझे इस पर आगे बढ़ने की उम्मीद है।"
मणिपुर की इस जुडोका ने 57 किलोग्राम भार वर्ग में ब्राजील की रीस बियांका को 1-0 से हराकर साराजेवो में विश्व कैडेट चैम्पियनशिप 2022 में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता है।
लिंथोई ने जुलाई में बैंकॉक में एशियाई कैडेट और जूनियर जूडो चैम्पियनशिप 2022 में एक स्वर्ण जीता और भारत का पदक खाता खोला। लिंथोई ने कैडेट स्पर्धा के 63 किग्रा वर्ग में अपना स्वर्ण पदक जीता।
जुडो के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक
भारत में जुडो के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक, लिंथोई ने पहली बार अपनी प्रतिभा की झलक 2018 में सब-जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत कर दिखाई थी।
2017 से आईआईएस के जूडो कार्यक्रम से जुड़ी लिंथोई मुख्य कोच मामुका किज़िलाशविली के मार्गदर्शन में कई एक्सपोज़र ट्रिप पर रही हैं, जिसमें जापान, जॉर्जिया में त्सुकुबा विश्वविद्यालय और हाल ही में बोस्निया और हर्ज़ेगोविना में कैडेट चैंपियनशिप शामिल हैं। पिछले साल नवंबर में, लिंथोई ने चंडीगढ़ में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था, इसके बाद जुलाई में बैंकॉक में एशियाई कैडेट और जूनियर जूडो चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।
भारतीय खेल प्राधिकरण लिंथोई चनंबम को सम्मानित किया है। लिंथोई चनंबम के साथ उनकी जॉर्जियाई कोच मामुका किज़िलाशवी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।