RIO में ये Daag The Fire नहीं, ये थेरेपी है मेडल पाने का Desire

खेलों के महाकुंभ का आगाज ब्राजील के रियो शहर में हो चुका है। रियो ओलंपिक में भारत समेत कई देशों के खिलाड़ी मैडल जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं जीतने के लिए सभी अपनी क्षमता का पूरा इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच, रियो ओलंपिक में पार्टिसिपेट करने वाले कई दिग्गज प्लेयर्स की बॉडी पर जलने के लाल (रेड) कलर के निशाना दिखाई दे रहे हैं। बता दें, कि रियो ओलंपिक में रविवार को अब तक कुल 19 गोल्ड मेडल जीतने वाले स्विमर (तैराक) माइकल फलेप्स की बॉडी पर भी ये निशान देखे गए। माइकल फेलेप्स ही नहीं अमेरिकन एक्ट्रेस जेनिफर एनिस्टन और लीना डनहम के पीठ और कंधों पर भी अक्सर इस तरह के निशान देखे गए हैं।

Update:2016-08-09 19:42 IST

रियो डी जेनेरो: खेलों के महाकुंभ का आगाज ब्राजील के रियो शहर में हो चुका है। रियो ओलंपिक में भारत समेत कई देशों के खिलाड़ी मेडल जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं जीतने के लिए सभी अपनी क्षमता का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं।

माइकल फ्लेप्स की बॉडी में दिखे जलने के निशान

-इस बीच, रियो ओलंपिक में पार्टिसिपेट करने वाले कई दिग्गज प्लेयर्स की बॉडी पर जलने के लाल (रेड) रंग के निशान दिखाई दे रहे हैं।

-बता दें, कि रियो ओलंपिक में रविवार को अब तक कुल 19 गोल्ड मेडल जीतने वाले स्विमर (तैराक) माइकल फलेप्स की बॉडी पर भी ये निशान देखे गए।

-माइकल फेलेप्स ही नहीं, अमेरिकन एक्ट्रेस जेनिफर एनिस्टन और लीना डनहम के पीठ और कंधों पर भी अक्सर इस तरह के निशान देखे गए हैं।

-दरअसल यह निशान कपिंग थेरेपी के होते हैं।

माइकल फ्लेप्स ने भी करवाई कपिंग थेरेपी (गोले में देखें लाल निशान )

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क्या है कपिंग थेरेपी ?

-यह निशान पुरानी चिकित्सा पद्धति एक्यूपंचर की ही तरह एक प्रकार की 'कपिंग' थेरेपी है।

-इस थेरेपी के जरिए गर्म कप को स्किन पर रखकर दर्द का इलाज किया जाता है।

-कपिंग की शुरुआत करीब तीन हजार साल पहले चीन में हुई थी।

-यह मिस्र, मिडिल-ईस्ट और दुनिया के अन्य हिस्सों में काफी मशहूर है।

-यह थेरेपी चीन में बेहद लोकप्रिय है।

-इस कपिंग चिकित्सा पद्धति में ज्वलनशील पदार्थ को शीशे के एक कप में जलाया जाता है।

-लौ (फ्लेम) के बुझने के बाद टेम्प्रेचर (तापमान) कम होने से पैदा हुए खिंचाव (स्ट्रेच) से स्किन खींच कर शीशे के कप से चिपक जाती है।

कपिंग थेरेपी के ये हैं फायदे

-प्लेयर्स के मुताबिक वे दर्द मिटाने और लगातार खेलने से पैदा हुए तनाव को कम करने के लिए इस थेरेपी का इस्तेमाल करते हैं।

-अमेरिकी जिमनास्ट एलेक्स नाडूर का कहना है कि कपिंग अन्य थेरेपी से बेहतर हैं।

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बॉडी पेन के लिए अन्य थेरेपी से कहीं ज्यादा लाभप्रद

-कपिंग थेरेपी के लिए साल 2011 में सात लोगों पर किए गए ट्रायल पर पाया गया कि उन सातों व्यक्तियों में कपिंग थेरेपी की वजह से उनके दर्द में काफी हद तक कमी आई।

-यह थेरेपी अन्य दूसरी थेरेपी (फार्मास्यूटिकल पेनकिलर्स, एंटी वायरल) से कहीं ज्यादा कारगर साबित हुई।

-यह थेरेपी उन लोगों के लिए भी लाभप्रद है जिन्हें अक्सर सिरदर्द (क्रोनिक हेडएक) की प्रॉब्लम रहती है।

कपिंग थेरेपी- एक सुरक्षित और नॉन इंवेंसिव प्रोसीजर

-ओहिओ स्टेट यूनिवर्सिटी वेक्सनर मेडिकल सेंटर में फिजिकल थेरेपिस्ट मार्कस विलियम्स पिछले दो सालों से अपने क्लाइंट्स पर कपिंग थेरेपी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

-उनका कहना है कि कपिंग थेरेपी एक सुरक्षित, नॉन इंवेंसिव प्रोसीजर है।

-जिसके इस्तेमाल से उनके क्लाइंट को शरीर में होने वाले दर्द या क्रोनिक पेन से आराम मिलता है।

-ट्रेडिशनल फिजिकल थेरेपी (जैसे-मसाज) से विपरीत कपिंग थेरेपी में व्यक्ति की स्किन और टिशू को बॉडी से अलग करते हैं, जो कि अपने आप में बॉडी को आराम देने का अलग तरीका है।

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