रोज 5 ली. दूध और 5 घंटे प्रैक्टिस.. ऐसी है CWG गोल्ड मेडलिस्ट सुधीर की कहानी, पढ़ें उनके कोच की न्यूज़ट्रैक से खास बातचीत...
Para powerlifter Sudhir: सुधीर राष्ट्रमंडल खेलों की पैरा पावर लिफ्टिंग स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए। उन्होंने 212 किग्रा वजन उठाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उनकी इस जीत के बाद उनके कोच जीतेन्द्र पाल सिंह ने भी अपनी ख़ुशी जाहिर की। कोच जीतेन्द्र पाल सिंह ने 'न्यूज़ ट्रैक' से खास बातचीत करते हुए उनके बारे में कुछ अनसुनी बातें बताते हुए कहा कि ''सुधीर जो कहता है वो करके भी दिखता है।''
Para powerlifter Sudhir: राष्ट्रमंडल खेलों की पैरा पावर लिफ्टिंग स्पर्धा में देश के लिए सुधीर ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। सुधीर राष्ट्रमंडल खेलों की पैरा पावर लिफ्टिंग स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए। उन्होंने 212 किग्रा वजन उठाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उनकी इस जीत के बाद उनके कोच जीतेन्द्र पाल सिंह ने भी अपनी ख़ुशी जाहिर की। कोच जीतेन्द्र पाल सिंह ने 'न्यूज़ ट्रैक' से खास बातचीत करते हुए उनके बारे में कुछ अनसुनी बातें बताते हुए कहा कि ''सुधीर जो कहता है वो करके भी दिखता है।'' इसके अलावा उन्होंने पदकवीर सुधीर के बारे में कुछ खास बातें शेयर की..
रोजाना करते हैं 4-5 घंटे कड़ी प्रैक्टिस:
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड विजेता भारतीय पैरा वेटलिफ्टर सुधीर के कोच जीतेन्द्र पाल सिंह ने 'न्यूज़ ट्रैक' से ख़ास बातचीत में बताया कि 'सुधीर ने कड़ी मेहनत के दम पर आज यह मुकाम हासिल किया है। वो रोजाना करीब 4-5 घंटे प्रैक्टिस करते हैं। उन्होंने पहले से ही ठान लिया था कि वो इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में देश को स्वर्ण पदक जीता कर ही वतन वापसी करेंगे।'' कोच ने कहा कि ''अब सुधीर का अगला लक्ष्य पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का रहेगा।'
कम नहीं होने देते अपना हौसला:
कोच जीतेन्द्र पाल सिंह ने सुधीर के बारे में एक ख़ास बात ये भी बताई कि 'वो अपना हौसला कभी कम नहीं होने देते हैं। कई खिलाड़ी बड़े टूर्नामेंट में घबरा जाते हैं और खेल में अपना शत प्रतिशत नहीं दे पाते हैं। लेकिन सुधीर के साथ ऐसा बिल्कुल नहीं है, वो बड़े टूर्नामेंट को भी अपने हौसले से आसान बना देते हैं। चाहें कितना भी बड़ा मैच क्यों ना हो वो घबराते बिल्कुल नहीं हैं। यहीं बात उनको अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाती है।
रोजाना पीते हैं 4-5 लीटर दूध:
कोच जीतेन्द्र पाल सिंह ने इस ख़ास बातचीत में सुधीर के डाइट को लेकर भी बताया कि ''सुधीर को दूध और घी से काफी प्रेम हैं। कोच जीतेन्द्र सिंह ने हंसते हुए कहा कि ''दूध तो सुधीर की सबसे बड़ी कमजोरी है। सुधीर एक दिन में करीब 4-5 लीटर दूध पीते हैं। इसके अलावा उनको घर का देशी खाना काफी पसंद हैं।'
भारत सरकार की तरफ से बहुत मदद मिली:
कोच जीतेन्द्र सिंह ने सुधीर की इस सफलता पर ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि ''भारत सरकार ने काफी मदद की। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खिलाड़ियों का बहुत हौसला अफजाई करते हैं जिनकी बदौलत अब देश के खिलाड़ी सभी खेलों में मेडल जीतने लगे हैं। इसके साथ उन्होंने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया और पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया का भी आभार जताया।
पिता से मिला मोटिवेशन:
सुधीर के कोच जीतेन्द्र सिंह ने बातचीत में भावुक होकर बताया कि ''सुधीर को सबसे ज्यादा मोटिवेशन उनके पिता से मिला। उन्होंने सुधीर को काफी सपोर्ट और मोटीवेट किया। लेकिन उनके देहांत होने से सुधीर को बड़ा झटका लगा था.. लेकिन फिर सुधीर ने अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर दिए। वहीं कोच ने बताया कि 'सुधीर का भाई अमित उनके साथ उनकी ताकत बनकर हर दम साथ रहता है।
हमेशा तनावमुक्त और हंसमुख स्वाभाव:
सुधीर के कोच जीतेन्द्र पाल सिंह जो वर्तमान में दिल्ली में कस्टम विभाग में सुप्रिडेंट की पोस्ट पर काम कर रहे हैं उन्होंने सुधीर को गाइड किया। उन्होंने सुधीर के बारे में बताया कि ''पिछले पांच साल से सुधीर उनके साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि ''सुधीर हमेशा तनावमुक्त रहते हैं, चाहे कितना भी बड़ा टूर्नामेंट क्यों ना हो वो बिल्कुल नहीं घबराते हैं और वो जो बोल देते हैं वो करके ही दिखाते हैं।
2013 से की पैरा वेटलिफ्टिंग की शुरुआत:
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में सोनीपत के सुधीर ने गोल्ड मेडल जीतकर अपने देश और गांव का नाम रोशन किया है। 28 साल के सुधीर को चार साल की उम्र में पोलियों ने जकड़ लिया था। लेकिन इन्होने पिता के सपने के लिए अपनी कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के साथ इस मुकाम को हासिल कर लिया। करीब पांच साल से इनको कोच जीतेन्द्र पाल सिंह इस खेल की बारीकियां सीखा रहे हैं। इनके कोच ने बताया कि 'पिछले महीने वर्ल्ड पैरा पॉवरलिफ्टिंग एशिया चैंपियनशिप में सुधीर गोल्ड मेडल से चूक गए और ब्रॉन्ज़ मेडल जीता। उसी दिन सुधीर ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल जीतने की ठान ली थी जिसे अब पूरा कर दिखाया।