T20 World Cup: भारत के लिए जीत हासिल करना जरूरी, टॉस की भूमिका अहम मगर इस मामले में कोहली का रिकॉर्ड खराब
T20 World Cup: T20 विश्व कप का 28वां मैच भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। दोनों टीमों के लिए यह मैच में करो या मरो की स्थिति होगी।
T20 World Cup: T20 विश्व कप में 31 अक्टूबर को भारत और न्यूजीलैंड (India Vs New Zealand) के बीच होने वाला मैच दोनों टीमों के लिए काफी अहम होगा। सेमीफाइनल की दौड़ के मद्देनजर इस मैच में मिलने वाली हार दोनों टीमों के लिए काफी महंगी पड़ेगी। इस मैच में हारने वाली टीम के लिए सेमीफाइनल का सफर लगभग समाप्त हो जाएगा। दोनों ही टीमें पाकिस्तान से हार चुकी हैं और आगे दोनों ही टीमों को तीनों मैच अपेक्षाकृत कमजोर टीमों से खेलने हैं। इस मैच में जीतने वाली टीम के लिए आगे का सफर आसान हो जाएगा और उसके सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदें काफी बढ़ जाएंगी।
इस मैच में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) की किस्मत भी बड़ी भूमिका अदा करेगी। वैसे टॉस जीतने के मामले में विराट अभी तक ज्यादा भाग्यशाली नहीं रहे हैं। इस बार के T20 विश्व कप में अभी तक खेले गए नौ मैचों में टॉस जीतने वाली टीम में ही विजेता बनी है। ऐसे में सबकी नजर इस बात पर भी टिकी है कि विराट अगले महत्वपूर्ण मैच में टॉस जीत पाते हैं या नहीं।
दोनों टीमों के लिए करो या मरो की स्थिति
31 अक्टूबर को होने वाले मुकाबले के बाद भारत और न्यूजीलैंड दोनों ही टीमों को अगले तीन मैच अफगानिस्तान, नामीबिया और स्कॉटलैंड के साथ खेलने हैं। वैसे तो क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है मगर फिर भी माना जा रहा है कि दोनों टीमों को इन अपेक्षाकृत कमजोर टीमों को हराने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी। यही कारण है कि 31 अक्टूबर को होने वाले मैच को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
दोनों ही टीमों के लिए इस मैच में करो या मरो की स्थिति होगी। दूसरी ओर यदि पाकिस्तान की टीम को देखा जाए तो उसका सेमीफाइनल में पहुंचना तय माना जा रहा है। पाकिस्तान ने अपने ग्रुप की दो मजबूत टीमों भारत और न्यूजीलैंड दोनों को हराने में कामयाबी हासिल की है और उसे भी अब बाकी तीन अन्य मुकाबले कमजोर टीमों से खेलने हैं।
टॉस जीतने वाली टीमों को फायदा
अगले रविवार को होने वाले मुकाबले में टॉस की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। विश्व कप के अभी तक के सफर में टॉस जीतकर पहले फील्डिंग लेने वाली टीम को जबर्दस्त फायदा होता दिख रहा है। अभी तक खेले गए मुकाबलों में से आठ मैचों में कप्तानों ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला किया और हर मैच में जीत हासिल की।
सिर्फ अफगानिस्तान और स्कॉटलैंड के मैच में अफगानिस्तान के कप्तान मोहम्मद नबी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया और बाद में स्कॉटलैंड की टीम को हराने में कामयाबी हासिल की। यही कारण है कि रविवार के मैच में विराट कोहली की किस्मत भी भारत भारतीय टीम की जीत के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।
क्या पड़ रहा है मैच पर असर
यूएई की धीमी पिचों पर पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि गेंदे रुक-रुक कर बल्ले पर आ रही है। इसके विपरीत बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम को फायदा होता दिख रहा है क्योंकि उस समय बल्लेबाजी करना ज्यादा आसान हो जाता है। इसके साथ ही ओस के कारण बाद में गेंदबाजी करने वाले टीम को नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
बाद में गेंदबाजी करने वाली टीम के गेंदबाज बॉल पर अच्छी ग्रिप नहीं बना पा रहे हैं जिसका फायदा विपक्षी टीम को मिल रहा है। यही कारण है कि बाद में बल्लेबाजी करने वाले बैट्समैन मनचाहे शॉट लगाने में कामयाब हो रहे हैं।
कोहली पर किस्मत मेहरबान नहीं
वैसे टॉस जीतने के मामले में विराट कोहली की किस्मत ज्यादा मेहरबान नहीं रही है। कोहली ने अभी तक 65 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की है और इनमें से सिर्फ 28 बार वे टॉस जीतने में कामयाब हो सके हैं। 37 बार सिक्के ने उनका साथ नहीं दिया और विपक्षी टीम के कप्तान ने टॉस जीता है। यदि वनडे मैचों की बात की जाए तो 95 वनडे मैचों में विराट सिर्फ 40 बार टॉस जीत चुके हैं जबकि 55 बार उन्हें टास जीतने में कामयाबी नहीं मिल सकी।
यदि T20 मैचों को देखा जाए तो विराट कोहली ने 45 मैचों में भारत की कप्तानी की है और इनमें से 28 बार वे टॉस जीतने में सफल नहीं हो सके। यदि तीनों फॉर्मेट के मैचों को जोड़ दिया जाए तो विराट ने अभी तक 206 मैचों में भारत की कप्तानी की है और इनमें से 120 मैचों में वे टॉस हार चुके हैं।
इस तरह टॉस जीतने के मामले में विराट का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है और अब सबकी नजर 31 अक्टूबर को होने वाले मुकाबले पर टिकी है। यदि इस मैच में विराट टॉस जीतने में कामयाब होते हैं तो निश्चित रूप से यह भारत के लिए बड़ा फायदेमंद हो सकता है।