यशपाल शर्मा का करियर बनाने में दिलीप कुमार की थी बड़ी भूमिका, जानिए किस तरह की थी उनकी मदद

66 वर्षीय यशपाल शर्मा ने भारत को यह विश्वकप जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही यशपाल शर्मा ने 2011 में विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम के चयन में भी अहम भूमिका निभाई थी।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Monika
Update:2021-07-13 13:48 IST

पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा - दिलीप कुमार (फोटो : सोशल मीडिया ) 

Cricketer Yashpal sharma: भारत के मशहूर पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा (Cricketer Yashpal sharma) का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 1983 के विश्वकप में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे थे। 66 वर्षीय यशपाल शर्मा ने भारत को यह विश्वकप जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही यशपाल शर्मा ने 2011 में विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम के चयन में भी अहम भूमिका निभाई थी। यशपाल शर्मा उस समय चयन समिति के सदस्य थे और महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की अगुवाई वाली टीम चुनने में उनकी बड़ी भूमिका थी।

यशपाल शर्मा का करियर बनाने में बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार का भी बड़ा योगदान था। यशपाल शर्मा ने कई मौकों पर इस बात का खुद खुलासा किया था कि किस तरह दिलीप कुमार ने करियर बनाने में उनकी मदद की थी। यह अजब संयोग है कि कुछ दिनों पूर्व ही 98 वर्षीय दिलीप कुमार का निधन हुआ और उसके बाद सोमवार को यशपाल शर्मा ने भी दुनिया से विदा ले ली। यशपाल शर्मा ने कई बार इस बात का जिक्र किया था कि दिलीप कुमार ने ही उन्हें रणजी ट्रॉफी से भारतीय टीम पहुंचाया था।

दिलीप कुमार ने की थी डूंगरपुर से बातचीत

हिंदी फिल्मों की शान कहे जाने वाले दिल दिलीप कुमार खुद क्रिकेट के बहुत बड़े दीवाने थे। अपने कॅरियर के शुरुआती दौर में यशपाल शर्मा पंजाब की टीम के तरफ से रणजी ट्रॉफी का मैच खेला करते थे। 1978 में जब वे एक रणजी मैच खेल रहे थे तो दिलीप कुमार भी वह मैच देखने के लिए पहुंचे थे। बल्लेबाजी करने के बाद जब यशपाल ड्रेसिंग रूम में पहुंचे तो किसी ने उनसे कहा कि कोई आपसे मिलने का इच्छुक है।

यशपाल शर्मा जब उस शख्स से मिलने के लिए पहुंचे तो यह देखकर हैरान रह गए कि वह शख्स और कोई नहीं बल्कि बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार हैं।

दिलीप कुमार ने यशपाल शर्मा की तारीफ करते हुए उन्हें अच्छा खिलाड़ी बताया। उन्होंने यह भी कहा कि तुम्हारे खेल ने मुझे प्रभावित किया है और मैं इस बाबत बीसीसीआई से बात भी करूंगा। बाद में उन्होंने इस बाबत राज सिंह डूंगरपुर से बात की थी जिसके बाद यशपाल शर्मा भारतीय टीम में जगह पाने में कामयाब रहे।

यशपाल हमेशा करते थे दिलीप कुमार का जिक्र

यशपाल शर्मा हमेशा इस बात का जिक्र किया करते थे कि उनका क्रिकेट करियर बनाने में दिलीप साहब का बहुत बड़ा योगदान रहा है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि जब तक मैं जिंदा हूं दिलीप कुमार ही मेरे फेवरेट एक्टर बने रहेंगे। उनका कहना था कि जिन्हें पूरी दुनिया दिलीप कुमार के नाम से जानती है, मैं उन्हें युसूफ भाई कहा करता हूं।

उनका कहना था कि मेरे क्रिकेट कॅरियर को बनाने में युसूफ भाई की बहुत बड़ी भूमिका है और मैं हमेशा उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़ा रहूंगा। यशपाल शर्मा दिलीप कुमार की फिल्में जरूर देखा करते थे और उनका मानना था कि अभिनय में दिलीप कुमार का कोई जवाब नहीं है। वह इतना शानदार और स्वाभाविक अभिनय किया करते हैं कि हर कोई उनका दीवाना हो जाता है।

यशपाल शर्मा का करियर

11 अगस्त 1954 को लुधियाना में जन्मे यशपाल शर्मा ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान भारत की ओर से 37 टेस्ट मैच खेले थे और इस दौरान उन्होंने 33.46 की औसत से 1606 रन बनाए थे। इनमें 2 शतक और 9 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट मैच में उनका सर्वाधिक स्कोर 140 रनों का रहा।

यदि यशपाल शर्मा के वनडे करियर को देखा जाए तो उन्होंने 42 वनडे में 883 रन बनाए और इस दौरान चार अर्धशतक जड़े। वनडे में उनका सर्वाधिक स्कोर 89 रहा। उन्होंने अपने टेस्ट और वनडे करियर में एक-एक विकेट भी लिया था। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 2 अगस्त 1979 को लॉर्ड्स में पहला टेस्ट मैच खेला था जबकि आखिरी टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ 3 नवंबर 1983 को खेला था।

विश्वकप जीतने में थी बड़ी भूमिका

यशपाल शर्मा को 1983 के विश्वकप में शानदार प्रदर्शन के लिए याद किया जाता है। विश्व कप के शुरुआती मैच में उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 89 रनों की शानदार पारी खेली थी। उनकी शानदार बल्लेबाजी के दम पर ही शुरुआती मैच में भारत वेस्टइंडीज की मजबूत टीम को हराने में कामयाब हो सका था। बाद में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 40 रन और इंग्लैंड के खिलाफ मुश्किल हालात में 61 रन बनाकर हर किसी का दिल जीत लिया था।

1983 के विश्व कप के दौरान यशपाल शर्मा ने 34.28 की औसत से 240 रन बनाए थे। विश्व कप के फाइनल मुकाबले में भारत ने वेस्टइंडीज की मजबूत टीम को हराकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तहलका मचा दिया था। यशपाल शर्मा को 1983 के विश्व कप के हीरो के रूप में याद किया जाता है।

विश्वकप जीतने वाली टीम के चयन में भी भूमिका

बाद के दिनों में इस पाल शर्मा अपना शानदार फार्म बरकरार नहीं रख सके और इसी कारण उनकी टेस्ट और वनडे टीम से विदाई हो गई। 37 साल की उम्र में उन्होंने रेलवे के लिए खेलते हुए 1991-92 में लगातार शतक बनाए थे मगर इसके बावजूद और राष्ट्रीय टीम में उनकी वापसी नहीं हो सकी।

इससे निराश होकर उन्होंने संन्यास लेने का ऐलान कर दिया था। बाद में उन्हें बीसीसीआई की ओर से टीम इंडिया के चयन की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई। महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में 2011 का विश्व कप जीतने वाली टीम के चयन में यशपाल ने बड़ी भूमिका निभाई थी।

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