1993 Mumbai Serial Blast Case: गुजरात ATS की कार्रवाई, मुंबई सीरियल धमाके के चार आरोपी अरेस्ट

गुजरात एटीएस (ATS) को मंगलवार को बड़ी सफलता तब मिली, जब उसने 1993 में हुए बंबई सीरियल ब्लास्ट केस के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया।

Written By :  aman
Update:2022-05-17 12:32 IST

1993 Mumbai Serial Blast (File Photo)

गुजरात एटीएस (ATS) को मंगलवार को बड़ी सफलता तब मिली, जब उसने 1993 में हुए बंबई सीरियल ब्लास्ट केस के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। बताया जा रहा है कि लंबे समय से ये सभी फरार चल रहे थे। बता दें कि, इससे पहले भी गुजरात एटीएस ने साल 2018 मुंबई बम धमाके के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। 

ताजा मामले में गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते यानी ATS ने माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) के चार करीबियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी 1993 मुंबई धमाकों के वांटेड (Wanted of 1993 Mumbai Blasts) थे। इन चारों आरोपियों को गुजरात के अहमदाबाद से पकड़ा गया है।

धमाके बाद भाग गए थे विदेश

बताया जा रहा है कि, मुंबई बम धमाकों के बाद ये चारों आरोपी विदेश भागने में सफल रहे थे। फर्जी पासपोर्ट पर ये अहमदाबाद आए थे। गुजरात एटीएस ने जिन आरोपियों को पकड़ा है उनके नाम अबू बकर, यूसुफ भटाका, शोएब बाबा और सैयद कुरैशी है। इंटेलिजेंस से मिले इनपुट (Intelligence Input) के आधार पर गुजरात एटीएस ने इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है।

बने शातिर, नहीं आया काम

बताया जा रहा है कि, पकड़े गए चारों आरोपी अबू बकर, शोएब बाबा, यूसुफ भटाका और सैयद कुरैशी ने सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की आंखों में धूल झोंकने के लिए अपना पता बदल दिया था। इनके पासपोर्ट में भी दर्ज सभी जानकारियां फर्जी पाई गयीं। जांच के बाद ये साबित हुआ कि ये चारों 1993 मुंबई बम धमाकों के आरोपी हैं।

क्या था मुंबई बम धमाका?

जानकारी के लिए आपको बता दें, कि 12 मार्च, 1993 को शुक्रवार के दिन मुंबई में एक के बाद एक सिलसिलेवार 12 बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में 250 से अधिक बेगुनाह की मौत हो गई थी। धमाकों में 800 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। लेकिन, भारत की खुफिया एजेंसी आज तक भगोड़ों की तलाश में जुटी है। इसे गुजरात एटीएस का एक बड़ा ऑपरेशन माना जा रहा है।

मुंबई में दो घंटे तक होते रहे थे धमाके

साल 1993 में आतंकियों ने मुंबई के 12 विभिन्न इलाकों में बम रखा था। पूरे शहर में करीब 2 घंटे तक ये धमाके होते रहे। धमाकों और सड़कों पर चारों ओर बिछी लाश से हर ओर दहशत का माहौल था। पहला धमाका दोपहर 1:30 बजे के करीब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के पास हुआ था। जबकि, ब्लास्ट दोपहर 3:40 बजे एक होटल में हुआ था। इसी घटना पर क्राइम रिपोर्टर एस. हुसैन जैदी ने 'ब्लैक फ्राइडे' नाम की किताब लिखी। जिस पर निर्देशक अनुराग कश्यप ने फिल्म बनाई थी। हालांकि, इसकी रिलीज पर तब बैन लगा दिया गया था। मुंबई धमाके मामले में टाडा कोर्ट ने याकूब मेमन सहित 100 आरोपियों को दोषी ठहराया था। वहीं, 23 को बरी कर दिया था।  

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