2024 का रण: ममता ने किया दिल्ली कैंपेन का आगाज, देश को पहला बंगाली पीएम देने का ऐलान

उदयपुर में चल रही कांग्रेस की तीन दिवसीय चिंतन शिविर के बीच तृणमूल कांग्रेस ने दिल्ली की गद्दी पर बड़ा दावा ठोकते हुए शनिवार को 'इंडिया वॉन्ट्स ममता दी' का वेबसाइट लॉन्च किया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Published By :  aman
Update: 2022-05-14 14:07 GMT

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी: Photo - Social Media

लोकसभा चुनाव में अभी पूरे दो साल का वक्त बचा है। लेकिन इसे लेकर अभी से सियासी सरगर्मी बढ़ने लगी है। पश्चिम बंगाल में प्रचंड जनादेश के साथ सत्ता की हैट्रिक लगाने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हौसले बुलंद हैं। 2021 के विधानसभा चुनाव और फिर उसके बाद हुए उपचुनाव में मोदी-शाह की बीजेपी को धूल चटाने के बाद ममता दीदी की नजर अब दिल्ली की कुर्सी पर है। उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री बनाने का संकल्प लिया है। टीएमसी ने ऐलान किया है कि 2024 में देश को पहला बंगाली प्रधानमंत्री मिलेगा।

टीएमसी का दिल्ली कैंपेन लॉन्च

उदयपुर में चल रही कांग्रेस की तीन दिवसीय चिंतन शिविर के बीच तृणमूल कांग्रेस ने दिल्ली की गद्दी पर बड़ा दावा ठोकते हुए शनिवार को 'इंडिया वॉन्ट्स ममता दी' (भारत को ममता दीदी चाहिए) का वेबसाइट लॉन्च किया है।जानकारी के मुताबिक, वेबसाइट लॉन्चिंग के बाद देशभर में अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान की जिम्मेदारी टीएमसी की युवा नेता संघमित्रा बनर्जी को दी गई है। टीएससी के सीनियर लीडर और ममता के काफी करीबी माने जाने वाले राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने वेबसाइट को लॉन्च करते हुए कहा कि देश अब ममता बनर्जी को चाह रहा है। इस मौके पर टीएमसी के नेताओं ने देश को पहला बंगाली प्रधानमंत्री देने का संकल्प लिया है।

युवाओं पर फोकस

तृणमूल कांग्रेस अपना यह अभियान युवाओं को केंद्र में रखकर चलाएगी। पार्टी अधिक से अधिक युवाओं तक पहुंचने की कोशिश करेगी और उन्होंने अपने साथ जोड़ने का कम करेगी। यही वजह है कि इस अभियान की जिम्मेदारी टीएमसी के युवा नेताओं को दी गई है। संघमित्रा बनर्जी जहां इस अभियान का नेतृत्व करेंगी, वहीं उनके साथ  तृणमूल युवा कांग्रेस के सुदीप मुखर्जी और निलंजन दास  सहायक के तौर पर जुड़े रहेंगे। ये सभी टीएमसी के सोशल मीडिया सेल से जुड़े रहे हैं।

कई राज्यों में हो चुका है संगठन विस्तार

पश्चिम बंगाल में मजबूत राजनीतिक पकड़ हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार अपनी पार्टी टीएमसी को राज्य से बाहर विस्तार करने में जुटी हुई हैं। उन्होंने खासकर पूर्वोत्तर और देश के अन्य छोटे राज्यों पर अधिक फोकस दिया है। इसी कवायद में पूर्वोत्तर के कई दिग्गज कांग्रेस नेता पार्टी छोड़ टीएमसी ज्वाइन कर चुके हैं। यही वजह है कि पूर्वोत्तर के कई राज्यों में टीएमसी का संगठन मजबूत हुआ है। असम, मेघालय और त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस की सक्रियता इसका उदाहरण है। पिछले दिनों अभिषेक बनर्जी ने असम में पार्टी दफ्तर का उद्घाटन किया था। इसके अलावा हाल ही में टीएमसी से बंगाल से काफी दूर गोवा में काफी जोर शोर से चुनाव लड़ा था और कई कांग्रेसी नेताओं को अपने पाले में किया था, लेकिन पार्टी चुनाव में बुरी तरह पिट गई।

कांग्रेस पर हमलावर रही है ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी कांग्रेस के खिलाफ लंबे समय से आक्रमक रही हैं। किसी भी जमाने में कांग्रेस की तेजतर्रार नेता रहीं ममता ने राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकारने तक से इनकार कर दिया है। टीएमसी के एक नेता ने तो कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का मतलब सुसाइड करना बता दिया। वहीं कांग्रेस भी टीएमसी द्वारा उनके बड़े नेताओं को अपने पाले में लाने से नाराज है। असम कांग्रेस के दो प्रमुख नेता रिपुन बोरा और सुष्मिता देव बीते दिनों टीएमसी में शामिल हुए थे।

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