Maharashtra Cabinet Expansion: महाराष्ट्र में फंसा हुआ है कैबिनेट विस्तार, शिंदे को हरी झंडी का इन्तजार
Maharashtra Cabinet Expansion: महाराष्ट्र में शिव सेना के बागी एकनाथ शिंदे द्वारा सत्ता सँभालने के करीब डेढ़ महीने बाद अब तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो पाया है।
Maharashtra Cabinet Expansion: महाराष्ट्र में शिव सेना के बागी एकनाथ शिंदे द्वारा सत्ता सँभालने के करीब डेढ़ महीने बाद अब तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पिछले एक महीने में अब तक नई दिल्ली के सात दौरे कर चुके हैं, लेकिन उन्हें विस्तार की मंजूरी ही नहीं मिल रही है। सरकार बनाने के बाद कैबिनेट के विस्तार में ये दूसरी सबसे बड़ी देरी है। इस मामले में तेलंगाना सबसे ऊपर जहाँ मुख्यमंत्री केसीआर ने सरकार बनाने के बाद 61 दिनों तक कैबिनेट विस्तार नहीं किया था। बताया जाता है कि जब शिंदे ने उद्धव ठाकरे सरकार को गिराने के लिए भाजपा के साथ समझौता किया, तो भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उनसे दो वादे किए थे कि वह मुख्यमंत्री बनाए जायेंगे और उनके खेमे को नई सरकार में दो-तिहाई मंत्री पद मिलेंगे।
शिवसेना विधायकों को नई सरकार में कैबिनेट मंत्री या कनिष्ठ मंत्री बनाने का वादा किया गया था। भाजपा ने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर अपना पहला वादा पूरा किया, लेकिन मंत्री पद बांटने के वादे पर हाथ खींच लिए और इसलिए कैबिनेट विस्तार में देरी हो रही है। वैसे, शिंदे ने कहा है कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और पहले शपथ ग्रहण में भाजपा और शिंदे खेमे के 15 विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे जबकि देवेंद्र फडणवीस को गृह विभाग मिलने की संभावना है। जानकारों का कहना है कि भाजपा की शुरुआती योजना शिंदे को बाहर से समर्थन देने की थी। लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अंतिम समय में योजना बदल दी और देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए कहा।
उन्हें लगा कि बाहरी समर्थन शिंदे सरकार में अस्थिरता पैदा करेगा और अगर कुछ भी गलत हुआ तो भाजपा को आलोचना का सामना करना पड़ सकता है। अब, भाजपा कैबिनेट में बहुमत की मांग कर रही है जबकि शिंदे इसके प्रति अनिच्छुक हैं। ऐन मौके पर योजना बदलने के कारण शिंदे भाजपा नेतृत्व से खुश नहीं हैं। लेकिन उसके पास बहुत कम विकल्प हैं और वह इस बारे में खुलकर बात भी नहीं कर सकते। भाजपा ने उद्धव ठाकरे सरकार को गिराने के लिए उनका इस्तेमाल किया और अब दो तिहाई मंत्री पद की मांग कर रही है। इसीलिए शिंदे ने मामला सुलझने तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं करने का फैसला किया है।
विपक्ष के नेता अजीत पवार ने कहा है कि शिंदे ने उनके साथ शामिल होने वाले प्रत्येक विधायक को मंत्री पद देने का वादा किया था। पवार ने कहा कि अब शिंदे अपना वादा पूरा नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए कैबिनेट विस्तार में देरी हो रही है। मुख्यमंत्री को देरी के कारणों को बताना चाहिए। फिलहाल महाराष्ट्र सरकार में सिर्फ दो मंत्री हैं - शिंदे और देवेन्द्र फडणवीस। इसी दो सदस्यीय कैबिनेट के जरिये कामकाज चल रहा है। कैबिनेट विस्तार में विलम्ब का एक कारण ये भी बताया जा रहा है कि सरकार गठन के बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि अभी स्पष्टता का इंतजार करना चाहिए।