Gadgets Prices High: कंपनियां बढ़ा रहीं गैजेट्स के दाम, फोन से लेकर गेमिंग कंसोल तक हुए महंगे

Gadgets Prices High: प्ले स्टेशन 5 की सप्लाई पहले से ही बाधित है और अब इसके दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। सोनी ने स्पष्ट किया है कि उसकी मूल्य वृद्धि बढ़ती मुद्रास्फीति की वजह से है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-08-26 16:12 IST

प्ले स्टेशन 5 कंसोल (photo: social media ) 

Gadgets Prices High: महंगाई के मौजूदा दौर में अब गैजेट्स भी महंगे होते जा रहे हैं। ये एक अभूतपूर्व स्थिति है क्योंकि आमतौर पर टेक उत्पादों के जारी होने के बाद शायद ही कभी कीमत में वृद्धि होती है। टेक उत्पादों की कीमतें आमतौर पर उपभोक्ताओं की दिलचस्पी बनाए रखने के लिए समय के साथ गिरती जाती हैं, क्योंकि इनकी कॉम्पोनेन्ट लागत में कमी आती जाती है। लेकिन अब उलटा हो रहा है।

लेकिन सोनी ने इस हफ्ते यूनाइटेड किंगडम और कनाडा सहित कई बाजारों में अपने प्ले स्टेशन 5 कंसोल के खुदरा मूल्य में वृद्धि की है। प्ले स्टेशन 5 की सप्लाई पहले से ही बाधित है और अब इसके दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। सोनी ने स्पष्ट किया है कि उसकी मूल्य वृद्धि बढ़ती मुद्रास्फीति की वजह से है। हालाँकि सोनी ने फिलहाल अमेरिका और भारत में प्लेस्टेशन 5 की कीमत नहीं बढ़ाई है। एप्पल ने भी कहा है कि 7 सितंबर को लॉन्च होने वाले आईफोन 14 की कीमत में अच्छी खासी वृद्धि हो सकती है।

क्या हैं वजहें

गैजेट्स के दाम बढ़ने की एक वजह मंदी और मुद्रास्फीति में तेजी है। जुलाई में जारी एक रिपोर्ट में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं – अमेरिका, यूरोप और चीन - के लिए अपने आर्थिक पूर्वानुमान को कम कर दिया है क्यों कि इन तीनों की ग्रोथ अनुमान से कहीं कम गति से हो रही है। अनुमानित मंदी भी कई वजहों के मेल से है, जैसे कि यूक्रेन युद्ध, चीन की मंदी, मुद्राओं में गिरावट और दुनिया भर में सख्त मौद्रिक नीति। आईएमएफ को आशंका है कि इस साल विश्व अर्थव्यवस्था सिर्फ 3.2 फीसदी बढ़ेगी, जो 2021 में 6.1 फीसदी थी। अगले साल सिर्फ 2.9 फीसदी की वृद्धि के साथ और भी खराब स्थिति होने का अनुमान है। अमेरिका में गैस और किराना के दाम अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर हैं। भारत भी उच्च मुद्रास्फीति की चपेट में है लेकिन फिर भी कुछ बेहतर स्थिति में है।

सब कंपनियों ने बढ़ा दी कीमतें

मेटा (पूर्व में फेसबुक) ने हाल ही में अपने दो साल पुराने 'क्वेस्ट 2' वर्चुअल रियलिटी हेडसेट की कीमत $ 100 डालर बढ़ा दी है।

स्मार्टफोन बाजार में अपेक्षाकृत नई कंपनी 'नथिंग' ने भी भारत में अपने पहले स्मार्टफोन की कीमत 1,000 रुपये बढ़ा दी है। 32,999 रुपये में लॉन्च किए गए नथिंग फोन के बेस वेरिएंट की कीमत अब 33,999 रुपये होगी।

दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन और मेमोरी चिप बनाने वाली कंपनी सैमसंग अपने फ्लैगशिप ग्रेड के फोल्डेबल स्मार्टफोन 'गैलेक्सी जेड फोल्ड 4' और 'फ्लिप 4' को भारत में कुछ ज्यादा कीमत पर ला रही है। फोल्ड 4 और फ्लिप 4 क्रमशः 1,54,999 रुपये और 89,999 रुपये से शुरू होते हैं जबकि फोल्ड 3 और फ्लिप 3 क्रमशः 1,49,999 रुपये और 84,999 रुपये से शुरू होते हैं। 'गैलेक्सी वॉच 5' भी गैलेक्सी वॉच 4 से 4000 रुपये अधिक महंगा है।

माइक्रोसॉफ्ट ने भी भारत में अपनी एक्सबॉक्स सीरीज एक्स और सीरीज एस की कीमत बढ़ा दी है। फ्लैगशिप सीरीज एक्स कंसोल, जिसकी कीमत पहले 49,990 रुपये थी, अब 52,990 रुपये हो गयी है। सीरीज एस की कीमत 34,990 रुपये से बढ़कर 36,990 रुपये हो गई।

दरअसल, टेक कंपनियों के लिए विनिर्माण लागत बढ़ रही है और साथ ही सप्लाई चेन की कमी भी है। इन हाईटेक उपकरणों के लिए चिप की सप्लाई भी बहुत तंग बनी हुई है जबकि माल ढुलाई शुल्क में वृद्धि और चीन में कोरोना के प्रकोप और लॉकडाउन का भी असर बना हुआ है। लेकिन सभी कंपनियां इसका बोझ उपभोक्ताओं पर डालने को तैयार नहीं हैं। उदाहरण के लिए, निन्टेंडो ने लागत बढ़ने के बावजूद अपने स्विच कंसोल की कीमतों को बनाए रखा है।

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