Side Effects of Smartphone: इस गांव ने बच्चों के लिए स्मार्टफोन को बैन किया
Side Effects of Smartphone: स्मार्टफोन के दुष्प्रभाव से आज़िज़ आ कर एक गांव के लोगों ने मिलकर तय किया कि गांव के बच्चों को किशोरावस्था के पहले स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा।
Side Effects of Smartphone: स्मार्टफोन के दुष्प्रभाव से आज़िज़ आ कर एक गांव के लोगों ने मिलकर तय किया कि गांव के बच्चों को किशोरावस्था के पहले स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा।
बचपन बचाने की कोशिश
ये गांव है ग्रेस्टोन्स जो आयरलैंड में स्थित है। डबलिन के करीब स्थित इस तटीय गांव में सभी पेरेंट्स ने मिल कर इस प्रतिबंध को लागू किया है जिसके तहत बच्चों के सेकेंडरी स्कूल पहुंचने तक यानी आमतौर पर 12 या 13 वर्ष की आयु तक स्मार्टफोन के उपयोग पर रोक लगा दी जाएगी। ये प्रतिबंध इस उद्देश्य से लगाया गया कि बच्चों का बचपन पूरी तरह बना रहे और वे एडल्ट सामग्री से बचे रहें। स्मार्टफोन का उपयोग बचपन को ही खत्म किये जा रहा है।
बताया गया है कि क्षेत्र के आठ प्राथमिक विद्यालयों में पेरेंट्स एसोसिएशन प्रतिबंध का विकल्प चुन सकते हैं। इसे न केवल स्कूल में बल्कि घर पर भी लागू किया जाना है। क्षेत्र के स्कूलों ने पहले ही सेल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया का प्रभाव बच्चों पर मौजूद रहा।
कुछ विरोध भी
सभी पेरेंट्स प्रतिबंध के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन पहल का नेतृत्व करने वाले एक प्राथमिक विद्यालय के प्रिंसिपल राहेल हार्पर ने काफी पेरेंट्स ने यह विकल्प चुना है। देश के स्वास्थ्य मंत्री, स्टीफन डोनेली, जिनके तीन बच्चे हैं और ग्रेस्टोन्स के पास रहते हैं, ने प्रतिबंध के समर्थन में पिछले सप्ताह आयरिश टाइम्स में एक लेख भी लिखा। उन्होंने लिखा - आयरलैंड यह सुनिश्चित करने में एक विश्व लीडर है कि बच्चों और युवाओं को टारगेट नहीं किया जाएगा। हमें।अपने बच्चों के सामने आने वाली सामग्री को सीमित करना आसान बनाना चाहिए।
बच्चों पर स्मार्टफोन के उपयोग का प्रभाव एक चिंता का विषय बनता जा रहा है। अध्ययन में पता चला है कि जो बच्चे हर दिन स्क्रीन के सामने दो घंटे से ज्यादा समय बिताते हैं उन्हें सोच और भाषा कौशल पर केंद्रित परीक्षणों पर कम अंक मिलते हैं। पीडियाट्रिक मेडिकल जर्नल में 2019 में प्रकाशित एक अध्ययन ने इस सिद्धांत का समर्थन किया कि पूर्वस्कूली आयु वर्ग के बच्चों में स्क्रीन के उच्च प्रदर्शन को मस्तिष्क के कम विकास से जोड़ा जा सकता है।