OMG! फिर इतिहास रचने की तैयारी में ISRO, अब मंगल ग्रह पर भेजेगा हेलीकॉप्टर
ISRO Mars Helicopter: अगर पुराने मंगल मिशन की तरह ही भारत अपने अगले मिशन में कामयाब रहता है तो एक बार फिर से इसरो इतिहास रच सकता है।
ISRO to send helicopter on Mars: मंगल ग्रह पर भारत का पहला मिशन- मार्स ऑर्बिटर मिशन था। जिसे मंगलयान भी कहा गया। इसरो एक बार फिर से इतिहास रचने की तैयारी में है। अगर पुराने मंगल मिशन की तरह ही भारत अपने अगले मिशन में कामयाब रहता है तो एक बार फिर से इसरो इतिहास रच सकता है। दरअसल भारत अपने अगले मंगल मिशन में एक हेलीकॉप्टर शामिल करने वाला है, जो नासा के इनजेनिटी ड्रोन के नक्शेकदम पर काम करेगा।
मंगल पर हेलीकॉप्टर भेजेगा इसरो
मंगलयान की तरह ही भारत अपने अगले मंगल मिशन में एक हेलीकॉप्टर शामिल कर सकता है। सूत्रों की मानें तो ISRO इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इसरो मंगल ग्रह पर एक लैंडर के साथ हेलीकॉप्टर भेजने की तैयारी में गई। बता दें वह नासा के इनजेनिटी क्वाडकॉप्टर की तरह ही रहेगा। जानकारी के लिए बता दें कि, इनजेनिटी ने तीन साल तक मंगल ग्रह पर 72 उड़ानें भरते हुए 18 किलोमीटर की यात्रा की थी। इसरो का इस हेलीकॉप्टर में तापमान सेंसर, आर्द्रता सेंसर, दबाव सेंसर, पवन गति सेंसर, विद्युत क्षेत्र सेंसर, ट्रेस और धूल सेंसर जैसे कई इंस्ट्रूमेंट्स कैसे काम करेंगे, इस पर विचार किया जा रहा है।
लेकिन, इसरो का अगला मिशन मंगल थोड़ा मुश्किल भी है। दरअसल मंगलग्रह के वायुमंडल में उड़ान भरने के लिए जिस ड्रोन हेलीकॉप्टर का तैयार किया जा रहा है, उसकी डिजाइनिंग ऐसी होगी कि वो मंगल ग्रह की सतह से करीब 100 मीटर ऊंचाई से उड़ान भरने में सक्षम हो। बता दें नासा के Ingenuity ड्रोन हेलीकॉप्टर ने अपनी दो घंटे से ज्यादा की उड़ान के दौरान 79 फीट (24 मीटर) की ऊंचाई तक पहुंचा था। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि चीन भी मंगल ग्रह पर ड्रोन हेलीकॉप्टर भेजने के लिए अपने मिशन पर काम कर रहा है। अगर यह मिशन कामयाब होता है तो भारत एक बार फिर से इतिहास रच सकता है।