Cleanest Village Mawlynnong: एशिया का सबसे स्वच्छ गांव मावलिननॉन्ग, आइये ले चलें आपको यहां की वादियों में

Asia Cleanest Village Mawlynnong: मावलिननॉन्ग गांव चारों तरफ से हरी भरी घाटियों, क्रिस्टल जैसे साफ पानी वाले नदी , पेड़ों से लटकते हुए ऑर्किड फूल और साफ सुथरे सड़कों के साथ मनमोहक प्राकृतिक दृश्य से सबका मन मोह लेता है ।

Written By :  Sarojini Sriharsha
Update:2023-10-29 16:27 IST

Asia Cleanest Village Mawlynnong (Photo - Social Media)

Asia Cleanest Village Mawlynnong: भारत के मेघालय राज्य के पूर्वी खासी हिल्स में शिलांग शहर से लगभग 90 किमी दूर स्थित एक छोटा सा गाँव मावलिननॉन्ग, जिसे ‘गॉड्स ओन गार्डन’ के रूप में भी जाना जाता है। 2003 में यात्रा पत्रिका डिस्कवर इंडिया द्वारा "एशिया का सबसे स्वच्छ गांव" चुना गया था। इसके बाद यह गांव पर्यटकों को अपनी ओर खींचता चला गया। मावलिननॉन्ग को "भगवान का अपना बगीचा" कहे जाने के कई कारण हैं जिनमें सबसे प्रमुख स्वच्छता है।

इस गांव में एक समुदाय-आधारित इकोटूरिज्म पहल है जिसने गांव की स्वच्छता को बनाए रखने में सामूहिक प्रयास किया है। इस गांव में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। जगह जगह बांस के बने हुए कूड़ेदान देख सकते हैं। यहां कचरे को बांस से बने डस्टबिन में इकट्ठा किया जाता है और गड्ढे में ढक दिया जाता है, बाद में फिर इसे खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। गांव में लोग सामान ले जाने के लिए कपड़ों से बने थैलों का प्रयोग करते हैं। खासकर यहां के बच्चे अपने आसपास के मोहल्लों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं। यहां के आदिवासी स्थानीय लोगों में साक्षरता दर भी करीब 100 फीसदी है। ऐसे इसकी साक्षरता दर 90 फीसदी है।

मावलिननॉन्ग गांव चारों तरफ से हरी भरी घाटियों, क्रिस्टल जैसे साफ पानी वाले नदी , पेड़ों से लटकते हुए ऑर्किड फूल और साफ सुथरे सड़कों के साथ मनमोहक प्राकृतिक दृश्य से सबका मन मोह लेता है । इस गांव का मुख्य व्यवसाय कृषि है। यहां का मुख्य फसल सुपारी है। अनानास और लीची की फसल गर्मियों में खासतौर पर की जाती है। इसका निर्यात भी किया जाता है। यहां की आबादी में ज्यादातर ईसाई और खासी जनजाति के लोग हैं।यहां कई देखने लायक जगह हैं, जिनका लुत्फ पर्यटक उठा सकते हैं। कुछ प्रमुख हैं :

उमंगोट नदी :


उमंगोट नदी जिसे डावकी नदी से भी जाना जाता है, मावलिननॉन्ग का एक दर्शनीय स्थल है जिसे आप शिलांग से मावलिननॉन्ग गांव आते समय रास्ते में देख सकते हैं। इस नदी को भारत की सबसे साफ नदी के रूप में जाना जाता है, इसका पानी इतना साफ है कि नावें नदी के तल पर तैरती हुई दिखाई देती हैं । पर्यटकों को एक बार इस नदी में नौका विहार का आनंद जरूर उठाना चाहिए।

बोफिल झरना :


मावलिननॉन्ग से डावकी नदी के तरफ ड्राइव करते समय इस अद्भुद और आलौकिक आनंद देने वाले बोफिल झरने को देखने का मौका मिलेगा। इस झरने से गिरने वाला पानी एकदम दूध जैसा दिखता है , यह पानी बांग्लादेश के सिलहट सीमा के उपर से गिरता है। इस अद्भुद दृश्य को देखने के लिए दूर दूर से सैलानी यहां आते हैं।

स्काई व्यू :


यह मावलिननॉन्ग में घूमने की सबसे अच्छी जगह है । जिसे स्काई वॉक भी कहा जाता है। 85 फीट ऊंचाई वाले इस स्काई व्यू या स्काई वॉक से मावलिननॉन्ग गांव के साथ-साथ भारत बांग्लादेश सीमा को पूरी तरह देख सकते हैं। यह पेड़ से बंधा हुआ एक सीढ़ी जैसा संरचना है, जो गन्ना और बांस से एक ट्री हाउस के रूप में बना हुआ है , जिसे नोहवेट व्यूपॉइंट के नाम से भी लोग जानते हैं।

मावलिननॉन्ग झरना:


गांव के भीतर स्थित मध्य आकार के इस झरने में पर्यटक अपने परिवार, दोस्त के साथ पिकनिक मना सकते हैं। इस जगह का प्राकृतिक मनमोहक दृश्य और झरने की सुरीली आवाज सैलानियों को एक शांतिपूर्ण एहसास देता है।

मावलिननॉन्ग सेक्रेड फॉरेस्ट :


मेघालय के पूर्वी खासी पहाड़ियों में स्थित इस गांव का यह एक मशहूर पर्यटक स्थल है। यह एक जंगल है जिसमें कई प्रकार के औषधीय पौधे पाए जाते हैं । इसे देखने के साथ साथ यहां आपको आदिवासी संस्कृति , जैव विविधता और पर्यावरण के बारे में जानने का भी मौका मिलता है। यहां खासी जनजाति जंगल की पूजा करते हैं। इस जंगल के करीब एक हेरिटेज विलेज बनाया गया हैं । जिसमें कृत्रिम आदिवासी झोपड़ियां बनाई गई हैं। यहां भी पर्यटकों को एक फोटो लेने का अच्छा प्वाइंट मिल जाता है।

लिविंग रूट ब्रिज और रिवाई गांव :


मावलिननॉन्ग गांव से करीब 8 किमी की दूरी पर स्थित लिविंग रूट ब्रिज और रिवाई गांव भी पर्यटक ट्रेकिंग के लिए जा सकते हैं। इस गांव का सबसे आकर्षक स्थल लिविंग रूट ब्रिज है जिसे पेड़ों की जड़ों को आपस में जोड़कर बनाया गया है। यह एक कई सौ साल पुराना छोटा सा पुल है जिसका उपयोग स्थानीय लोग नदी पार करने के लिए करते हैं।

बैलेंसिंग रॉक:


मावलिननॉन्ग में बैलेंसिंग रॉक एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है, जहां आप स्थानीय लोककथाओं और संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं। प्राचीन परम्पराओं के अनुसार, यहां के गांववासी इस चट्टान को एक शक्तिशाली आत्मा का स्वरूप मानते हैं, जो उनके गांव और निवासियों की रक्षा करती है।

कैसे पहुंचे ?

हवाई मार्ग से मावलिननांग जाने के लिए कोई सीधी फ्लाइट नहीं है , यहां पहुंचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा शिलांग जिसे उमरोई हवाई अड्डा या बड़ापानी विमानक्षेत्र भी कहा जाता है। यहां से मावलिननॉन्ग गांव लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शिलांग पहुंचकर आप बस या टैक्सी के जरिए मावलिननांग गांव पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग से गुवाहाटी रेलवे स्टेशन मावलिननॉन्ग का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है। यहां से मावलिननॉन्ग लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बस या टैक्सी से इस गांव तक पहुंचा जा सकता है।

सड़क मार्ग से शिलांग के जरिए राज्य के सभी प्रमुख शहरों के सड़क मार्ग और बसों द्वारा यह गांव जुड़ा हुआ है। गुवाहाटी से मावलिननांग के लिए बस ले सकते हैं । इसके अलावा आप अपनी निजी कार या टैक्सी बुक करके भी यहां पहुंच सकते हैं।

मावलिननॉन्ग एक छोटा गांव है इसीलिए यहां ठहरने के विकल्प सीमित है। यदि आप परिवार या दोस्तों के साथ यहां आने का प्लान कर रहे हैं तो आप होम स्टे का कर सकते हैं। इसमें आप गांव में रहने जैसा एहसास कर सकते हैं। वैसे अभी ऑनलाइन भी आप किसी अच्छी होटल में रूम बुक कर सकते हैं।

सितंबर-नवंबर के दौरान अगर आप यहां आते हैं तो गांव में मनाए जाने वाले कई त्योहार का आनंद ले सकते हैं।

मेघालय के इस गांव का मौसम साल भर सुहावना रहता है, पर्यटक वर्ष के किसी भी समय एशिया के इस सबसे स्वच्छ गांव की यात्रा कर सकते हैं। लेकिन मानसून के दौरान गांव हरा भरा और आकर्षक हो जाता है । जिसमें सैलानी एक रोमांटिक और खुशनुमा मौसम का आनंद ले सकेंगे।

यहां खाने में आपको चिकन ,चावल, आलू सब्जी, दाल, रोटी और चटनी के अलावा दक्षिण-पूर्व एशियाई भोजन और पारंपरिक आदिवासी भोजन भी मिल जाएगा। लोकल फूड में मोमोज, जलेबी, तुंगरीम्बाई, जादो, डोनिंग, चाउमीन, पाइनएप्पल, स्मोक्ड मीट, दोह खलीह, पुखलीन, चिल्ली पोर्क का भी टेस्ट पर्यटक ले सकते हैं।

हरे भरे स्वच्छ गांव और वातावरण का अनुभव करना हर कोई आज की भागदौड़ की जिंदगी में चाहता है। ऊपर से यहां पहाड़, स्वच्छ जल और घर में रहने का एहसास एक बार यात्रा करने का जरूर मन करेगा।

( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं ।)

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