Ayodhya Devkali Mandir: ये है अयोध्या का देवकाली मंदिर, जहाँ शादी के बाद पहली बार माँ सीता और प्रभु राम ने एक साथ की थी पूजा

Ayodhya Devkali Temple History: अयोध्या के देवकाली मंदिर की काफी मान्यतायें हैं आइये जानते है मंदिर का इतिहास और यहाँ की मान्यताएं।

Update:2023-10-21 10:15 IST

Ayodhya Devkali Temple History (Image Credit-Social Media)

Ayodhya Devkali Temple History: नवरात्रि के पावन त्योहार में जहाँ एक और सभी भक्त माँ की काली को प्रसन्न करने का कोई भी मौका नहीं चूकते हैं ऐसे में माँ के दरबार में अपनी हाज़री लगाना भी उन्हें याद रहता है। ऐसे में माँ भी अपने भक्तों की झोली खाली नहीं रहने देतीं हैं। जहाँ कुछ लोग माँ के नौ दिन व्रत रखते हैं तो कुछ परेवा और अष्टमी में इस व्रत को रखते हैं। इसके साथ साथ माँ के दरबार में भी भारी संख्या में श्रद्धालू आते हैं। ऐसे में अयोध्या के देवकाली मंदिर की भी काफी मान्यतायें हैं आइये जानते है मंदिर का इतिहास और यहाँ की मान्यताएं।

देवकाली मंदिर

अयोध्या में स्थित देवकाली मंदिर रामायण की कई कहानियों से जुड़ा है और नया घाट के पास स्थित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम के साथ विवाह के बाद माता सीता देवी गिरिजा देवी की मूर्ति के साथ अयोध्या पहुंचीं थी। राजा दशरथ ने मूर्ति के लिए एक सुंदर मंदिर बनवाया और माता सीता मंदिर में देवी की पूजा करती थीं। देवी देवकाली की वही प्रभावशाली मूर्ति अब भी यहाँ मौजूद है।

Navratri 2023 (Image Credit-Social Media) 


 लोग यहाँ अपने बच्चों के मुंडन संस्कार, विवाह के बाद माँ का आशीर्वाद लेना और हर शुभ काम को शुरू करने से पहले माँ देवकाली के दर्शन हेतु ज़रूर आते हैं। अगर आप भी यहाँ आकर माँ से अपनी कोई मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करना चाहते हैं तो आइये जानते हैं कि आप यहाँ तक कैसे पहुंच सकते हैं।

कैसे पहुँचें देवकाली मंदिर

हवाईजहाज से

लखनऊ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है जो अयोध्या से 152 किलोमीटर दूर है। अयोध्या गोरखपुर हवाई अड्डे से लगभग 158 किलोमीटर, प्रयागराज हवाई अड्डे से 172 किलोमीटर और वाराणसी हवाई अड्डे से 224 किलोमीटर दूर है।

Navratri 2023 (Image Credit-Social Media) 

ट्रेन से

फैजाबाद या अयोध्या जिले के प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं और लगभग सभी प्रमुख शहरों और कस्बों से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। रेल मार्ग से अयोध्या लखनऊ से 171 कि.मी. गोरखपुर से 157 कि.मी. प्रयागराज से और वाराणसी से 196 कि.मी. दूर है। रेल मार्ग से अयोध्या 135 कि.मी. दूर है। लखनऊ से 164 कि.मी. गोरखपुर से 164 कि.मी. प्रयागराज से और वाराणसी से 189 कि.मी. दूर है।

Navratri 2023 (Image Credit-Social Media) 

सड़क द्वारा

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों की सेवाएँ 24 घंटे उपलब्ध हैं, और सभी स्थानों से यहाँ पहुँचना बहुत आसान है। सड़क मार्ग से अयोध्या लखनऊ से 172 किलोमीटर, गोरखपुर से 138 किलोमीटर, प्रयागराज से 192 किलोमीटर और वाराणसी से 244 किलोमीटर दूर है।

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