Baba Devpuri Morena: ग्वालियर आगरा हाइवे पर है देवपुरी बाबा का मंदिर, जानें इसके चमत्कार

Baba Devpuri Morena: ग्वालियर आगरा हाईवे पर एक बाबा का मंदिर मौजूद है जो बहुत ही प्रसिद्ध है। चलिए इस मंदिर के बारे में जानते हैं।

Update: 2024-07-18 14:20 GMT

Baba Devpuri Morena (Photos - Social Media) 

Baba Devpuri Morena : ग्वालियर आगरा हाईवे पर मुरैना से 18 किलोमीटर की दूरी पर धौलपुर रोड पर बाबा देवपुरी का मंदिर मौजूद है। यह जगह अनगिनत चमत्कार उसे भरी हुई है। बाबा देवपुरी के बारे में बताया जाता है कि वह बचपन से चमत्कारी थे। आश्रम की गौशाला में उन्होंने अपनी शक्ति से गोबर की टोकरी को हवा में उड़कर अपने सिर पर रखलिया था। यह देखकर उनके गुरु ने उन्हें आश्रम से दूर चले जाने को कहा था। इसके बाद देवपुरी ने खेती गुलाम अली को अपनी साधना भूमि बना लिया और यहां अनेक चमत्कार किए।

ऐसे हैं बाबा देवपुरी के चमत्कार (Miracles of Baba Devpuri)

ऐसा बताया जो आता है कि एक बार जब उसे गांव के लोग अल्प वर्षा के कारण काल से पीड़ित थे तब बाबा से मदद की गुहार लगाई गई। बाबा ने अपने चमत्कार से गांव को बारिश से तरबतर कर दिया। ऐसे ही एक कहानी गरीब आदमी से जुड़ी हुई है जैसे बाबा ने चांदी का सिक्का दिया था। बाबा ने कहा था कि चांदी का सिक्का रोज तकिए के नीचे रखकर सोने से उसे रोज एक सिक्का मिलेगा। लेकिन ये बात उसे किसी को नहीं बताना है। लेकिन गलती से एक दिन गरीब आदमी ने ये बात अपनी पत्नी को बता दी। उसी दिन से उसे सिक्का मिलना बंद हो गया।

Baba Devpuri Morena 


बाबा देवपुरी के थें तीन भाई (Baba Devpuri's Tave 3 Brothers)

जिनमें से एक भाई बाबा नेतमपुरी ने उनके साथ ही ज़िन्दा समाधि ली थी। बाबा नेतमपुरी की समाधि चम्बल किनारे स्थित गांव खाड़ोली, जिला मुरैना में है। बाबा देवपुरी ने भी चंबल नदी के किनारे समाधि ली थी। उनकी मुख्य समाधि मंदिर से 1.5 किमी दूर चंबल के बीहड़ में है। कहा जाता है की उनकी समाधि पर लगे हुए पेड़ ना ही आजतक सूखे हैं न ही मुरझाए हैं।

Baba Devpuri Morena 


ऐसे बना बाबा देवपुरी का मंदिर (This Is How Baba Devpuri's Temple Was Built)

माना जाता है की चंबल के आसपास जब सिर्फ जंगल था, तब वहां से एक गाड़ी गुजर रही थी । वह गाड़ी अचानक खराब हो गई और उसका चालक उस जंगल में बिना खाना-पानी के फंस गया। तभी वहां से कुछ दूरी पर उसे एक बाबा के दर्शन हुए। उसने जब उन बाबा से मदद मांगी, तो बाबा ने न सिर्फ उस आदमी को खाना और पानी दिया बल्कि बाबा के चमत्कार से उस आदमी का गाड़ी भी सही हो गयी । जब उसने पीछे पलटकर देखा, तो बाबा उसे नहीं दिखे। उसके बाद उस आदमी ने बाबा की समाधि से कुछ दूरी पर बाबा का मंदिर बनवाया और तब से वहां से आने-जाने वाली हर गाड़ी बाबा के दर्शन के लिए रूकती है और हर व्यक्ति वहां माथा टेकता है, साथ ही खोये की बर्फी का भोग लगाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से उसके रास्ते में आने वाली सारी बाधाएं दूर होंगी और बाबा का आशीर्वाद उस पर बना रहेगा। 

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