Kedarnath Dhyan Cave Booking: केदारनाथ यात्रा के दौरान ध्यान गुफा में इस तरह करें जाप, मिलेगी शरीर को नई ऊर्जा
Kedarnath Dham Dhyan Cave Booking: यात्रा की शुरुआत ऋषिकेश, हरिद्वार या देहरादून से होती है और मुख्य यात्रा गुप्तकाशी, सोनप्रयाग और गौरीकुंड से होकर जाती है।
Kedarnath Dhyan Cave : केदारनाथ यात्रा भारत में एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है जो उत्तराखंड राज्य में स्थित केदारनाथ मंदिर तक जाती है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक है। यात्रा की शुरुआत ऋषिकेश, हरिद्वार या देहरादून से होती है और मुख्य यात्रा गुप्तकाशी, सोनप्रयाग और गौरीकुंड से होकर जाती है। यहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसके अलावा गुफा में ध्यान साधना कर अलग अनुभव प्राप्त करते हैं। बता दें कि इस साल चार धाम यात्रा शुरू होने के बाद ध्यान करने वाली साधक एक विदेशी महिला है, जिसने 2 दिन गुफा में बिताकर भगवान शिव का जप किया। जिनका नाम सिमोन स्टेंस है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी साधना कर चुके हैं। दरअसल, साल 2019 में पीएम मोदी ने ध्यान गुफा में 17 घंटे तक साधना की थी। जब लोगों को इस पर नजर पड़ी तब यहां पर हमेशा कोई ना पहुंचते ही रहता है। बीते 6 सालों में यहां पर अब तक कई जाने-माने लोग साधना कर चुके हैं।
ऐसे करें बुकिंग (Kedarnath Dham Dhyan Cave Book kaise Karen)
अगर आप भी इस गुफा में साधना करना चाहते हैं और केदारनाथ धाम में कुछ दिन बिताना चाहते हैं, तो आपको gmvnonline.com पर जाना होगा यहां आप ध्यान गुफा के लिए बुकिंग कर सकते हैं। यहां एक दिन का किराया 3000 रुपए है इसके साथ ही धाम में दो अन्य गुफा का निर्माण भी किया गया है जहां श्रद्धालु श्रद्धा करने के लिए रुकते हैं इसकी भी ऑनलाइन बुकिंग की जाती है। बता दें कि इस गुफा का निर्माण 2 साल पहले ही हुआ था।
ऐसे पहुंचे (Kedarnath Dham Dhyan Cave Kaise Pahuche)
दूरी की बात करें तो यह केदारनाथ मंदिर से 800 मीटर की दूरी पर स्थित है। यहां का सुंदर नजारा लोगों का मन मोह लेती है। दरअसल, विराट हिमालय की गोद में बैठे होने का एहसास आपके यहां पर मिलेगा। यहां पहुंचने के लिए एक किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। सुविधाओं की बात करें तो यहां एक समय का भोजन दिया जाता है। साथ ही बिजली, पानी और शौचालय की उचित सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।