Bakhira Bird Sanctuary: लखनऊ के नजदीक बखिरा बर्ड सैंक्चुअरी है सारस पक्षियों के लिए मशहूर, ये है एक रामसर साइट

Bakhira Bird Sanctuary: बखिरा झील पूर्वी उत्तर प्रदेश की एक महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि है। अभयारण्य कई प्रवासी और निवासी पक्षियों के लिए प्रजनन और घोंसला बनाने का स्थान प्रदान करता है।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2023-12-15 12:15 IST

Bakhira Bird Sanctuary (Image: Social Media)

Bakhira Bird Sanctuary: बखिरा बर्ड सैंक्चुअरी या बखिरा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी पूर्वी उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में स्थित है। यह जगह गोरखपुर से तक़रीबन 40 किलोमीटर दूर है। संत कबीर नगर जिले में मीठे पानी का यह दलदल पूर्वी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा प्राकृतिक बाढ़ क्षेत्र आर्द्रभूमि है। यह अभयारण्य 1980 में स्थापित किया गया था और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972) के तहत संरक्षित है।

बखिरा वन्यजीव अभयारण्य को 1990 में उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन वन और वन्यजीव विभाग द्वारा एक पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था। यहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी रहते हैं। इसे बखिरा ताल के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ है आर्द्रभूमि। यह उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक आर्द्रभूमि है और यह एक बारहमासी आर्द्रभूमि है। यहाँ पानी का स्रोत वर्षा और आमी नदी, जो की राप्ती नदी की एक सहायक है।


कैसे पड़ा बखिरा नाम

बखिरा वन्यजीव अभयारण्य का क्षेत्रफल लगभग 29 वर्ग किमी है। इस वन्यजीव अभयारण्य का नाम बखिरा यही के बगल में एक गांव के नाम पर पड़ा है। बखिरा एक पक्षी अभयारण्य है और यहां 40,000 से अधिक पक्षी हैं और वे 30 विभिन्न प्रजातियों के हैं। सर्दियों के दौरान अभयारण्य में बहुत सारे प्रवासी पक्षी दिखाई देते हैं। यह आर्द्रभूमि अपने पक्षी जीवन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है। इसे बीते वर्ष फरवरी में एक रामसर साइट घोषित किया गया था।


क्या होता है रामसर साइट

रामसर साइट, रामसर कन्वेंशन के तहत नामित एक वेटलैंड को संदर्भित करती है, जो आर्द्रभूमि के संरक्षण और टिकाऊ उपयोग के उद्देश्य से एक अंतरराष्ट्रीय संधि है। यह सम्मेलन 1971 में ईरानी शहर रामसर में अपनाया गया था, और यह 1975 में लागू हुआ। रामसर सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य आर्द्रभूमियों के क्षरण और हानि को रोकने के लिए उनके संरक्षण और बुद्धिमानी से उपयोग को सुनिश्चित करना है। एक बार जब किसी वेटलैंड को रामसर साइट के रूप में नामित किया जाता है, तो इसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त होती है। रामसर साइटों में विभिन्न प्रकार की आर्द्रभूमियाँ शामिल हो सकती हैं, जैसे दलदल, झीलें, नदियाँ, पीटलैंड, तटीय क्षेत्र और मूंगा चट्टानें। किसी साइट को रामसर साइट के रूप में नामित करना वैश्विक स्तर पर उस आर्द्रभूमि के संरक्षण और टिकाऊ उपयोग के लिए एक प्रतिबद्धता है।


बखिरा वन्यजीव अभयारण्य का महत्व

बखिरा वन्यजीव अभयारण्य भारत में पाए जाने वाले पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों के साथ-साथ प्रवासी पक्षियों को भी संरक्षित करने में मदद करता है। यह बड़ी संख्या में निवासी और प्रवासी पक्षियों को प्रजनन और घोंसला बनाने का स्थान प्रदान करता है। प्रवासी पक्षी चीन, तिब्बत, साइबेरिया और यूरोप से आते हैं। बखिरा वन्यजीव अभयारण्य जलीय जानवरों और पौधों को भी आश्रय प्रदान करता है। वहाँ विभिन्न मछलियाँ, उभयचर और सरीसृप पाए जाते हैं।

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