Best Places to Visit in Hardoi: हरदोई जाएँ तो ये पांच जगह घूमना न भूलें, इतिहास और आध्यात्मिकता का है अद्भुत मिश्रण

Best Places to Visit in Hardoi: यह जिला अवध क्षेत्र में स्थित है और इसमें मंदिर, ऐतिहासिक स्थल और प्राकृतिक सुंदरता सहित विभिन्न आकर्षण हैं। इस जिले से तीन प्रमुख नदियां-गोमती, राम गंगा, और साई-होकर गुजरती हैं।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2023-11-05 11:30 IST

Best Places to Visit in Hardoi (Image credit: social media)

Best Places to Visit in Hardoi: हरदोई उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 100 किमी दूर स्थित एक जिला है। यह अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह जिला अवध क्षेत्र में स्थित है और इसमें मंदिर, ऐतिहासिक स्थल और प्राकृतिक सुंदरता सहित विभिन्न आकर्षण हैं। इस जिले से तीन प्रमुख नदियां-गोमती, राम गंगा, और साई-होकर गुजरती हैं।

यह जिला कपड़ा बुनाई और गमछा, शर्ट और अन्य उत्पाद बनाने के लिए जाना जाता है। यहाँ के मल्लावा क्षेत्र के बुनकर हर साल 70 करोड़ के उत्पाद तैयार करते हैं। यह क्षेत्र लगभग पांच हजार बुनकरों को रोजगार प्रदान करता है। इस क्षेत्र में कारीगर आधारित ज़री और ज़रदोज़ी क्लस्टर लंबे समय से मौजूद है। पौराणिक कथाओं के अनुसार हरदोई जिले का संबंध "हिरण्यकश्यप" से है। इसका वर्तमान नाम हरदोई इसके पूर्व नाम "हरिद्रोही" का विकृत रूप है। हरदोई जिला कृषि आधारित उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है। हरदोई जिले और इसके आसपास लगभग 150 चावल मिलें स्थापित हैं। हरदोई जिले में कई चीनी मिलें भी हैं।

हरदोई जिले के प्रमुख टूरिस्ट स्थल

यदि आप कभी हरदोई जानें का प्लान बना रहे हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। आज हम इस लेख में आपको हरदोई के उन पांच जगहों के बारे में बताएँगे जहाँ आपको जरूर जाना चाहिए।


बावन-पुरी

हरदोई जिले में बावन-पुरी जरूर देखने लायक है। बावन ग्राम के पूर्व में सूरज कुंड नाम का तालाब है तथा उस तालाब के समीप नकटिया देवी मंदिर है। यह मंदिर काफी प्राचीन है। ऐसी कहा जाता है कि अस्त्र के प्रहार से कुसुम्बी देवी की मूर्ती खंडित हो गयी थी तबसे इसे नकटिया देवी के नाम से जाना जाता है। बावन तथा आसपास के ग्रामों के निवासी कोई भी शुभ कार्य करने से पूर्व इस मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं।


संकट हरण मंदिर सकाहा

हरदोई जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित संकट हरण मंदिर सकाहा एक प्राचीन शिव मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि यहाँ दर्शन करने से भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और इसीलिए इस मंदिर का नाम संकट हरण मंदिर पड़ा। यह मंदिर जिला मुख्यालय से लगभग 18 किमी दूर सकाहा नाम के गावं में स्थित है। मंदिर में स्थापित शिव लिंग का दिन में तीन बार रंग परिवर्तन होता है। जानकारी के अनुसार सुबह के समय इस शिवलिंग का रंग भूरा, दोपहर इसका रंग काला वहीँ रात को इसका रंग सुनहरा हो जाता है।


राजा नरपति सिंह स्मारक

रुइयागढ़ी माधोगंज शहर से लगभग दो किलोमीटर उत्तर में स्थित एक छोटा सा गाँव है। यह एक बहादुर सेनानी राजा नरपत सिंह के लिए प्रसिद्ध है। अवध के अधिकांश हिस्से पर कब्ज़ा करने के बाद, ब्रिटिश सेना ने हरदोई पर हमला करने का प्रयास किया, लेकिन राजा नरपत सिंह की अटूट बहादुरी के कारण हार गए। इसके बाद अंग्रेजों ने बड़ी संख्या में सैनिकों और तोपों के साथ आक्रमण किया। इस युद्ध में राजा नरपति सिंह शहीद हो गये। उन्ही की याद में यहाँ स्मारक बना हुआ है। 


प्रह्लाद कुंड

ऐसा माना जाता है कि हरदोई हिरण्यकश्यप का शहर था। उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान हरि का भक्त था और उसे मारने के लिए हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को आग में जला दिया था। होलिका को वरदान था कि वह आग से नहीं जलेगी। होलिका और प्रह्लाद अग्नि कुंड में बैठ गये। जिसमें होलिका आग में जलकर भस्म हो गई और भक्त प्रह्लाद को भगवान विष्णु ने बचा लिया। जिस स्थान पर होलिका प्रहलाद को लेकर अग्नि कुंड में बैठी थीं आज भी वह कुंड हरदोई में मौजूद है। कहा जाता है कि यहीं से होलिका दहन की प्रथा की शुरुआत हुई।


सांडी पक्षी अभयारण्य

सांडी पक्षी अभयारण्य हरदोई जिले के सांडी में हरदोई-सांडी रोड पर है। इसकी स्थापना 1990 में की गई थी। सांडी पक्षी अभयारण्य को प्राचीन काल में "दहरझील" (झील) भी कहा जाता था। झील का कुल आकार 309 एकड़ है। गर्रा नदी अभयारण्य के करीब बहती है। इसी नदी के किनारे प्रवासी पक्षी अभ्यारण में जाने से पहले देखे जा सकते हैं। सर्दियों के मौसम की शुरुआत में नवंबर में प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो जाता है। अगर यहाँ आपको ढेर सारे पक्षी देखना हो तो दिसंबर के महीने में यहाँ घूमने का प्लान बनायें।

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