Duniya Ki Rahasyamayi Jheel: धरती की सबसे रहस्यमयी झीलों का पौराणिक कथाओं से विज्ञान तक का क्या है सफर? आइए जानें!
Duniya Ki Rahasyamayi Jheel: दुनिया भर में ऐसी कई रहस्यमयी झीलें मौजूद हैं, जिनका भूगोल, इतिहास और वैज्ञानिक शोध हमें प्रकृति के गहरे और अनसुलझे रहस्यों से रूबरू कराते हैं।;
Duniya Ki Rahasyamayi Jheel: धरती पर अनेक प्रकार की झीलें पाई जाती हैं, जिनमें से कुछ सामान्य होती हैं, तो कुछ बेहद रहस्यमयी। कुछ झीलें वैज्ञानिकों के लिए अध्ययन का विषय बनी हुई हैं, तो कुछ झीलों के बारे में स्थानीय लोग अजीबोगरीब कहानियाँ बताते हैं। इन झीलों की गहराई, पानी का रंग, उनका निर्माण और उनसे जुड़ी पौराणिक मान्यताएँ इन्हें और भी रहस्यमयी बना देती हैं। इस लेख में, हम ऐसी ही कुछ गुप्त और रहस्यमयी झीलों का भूगोल और उनसे जुड़े रहस्यों पर चर्चा करेंगे।
झीलों का निर्माण और उनका भौगोलिक महत्व
झीलें विभिन्न प्रकार की हो सकती हैं और उनके निर्माण की प्रक्रिया भी अलग-अलग होती है। कुछ झीलें ज्वालामुखीय क्रेटर में बनती हैं, कुछ हिमनदों (ग्लेशियरों) के पिघलने से, तो कुछ भूस्खलन या विवर्तनिक हलचलों के कारण निर्मित होती हैं। इन झीलों का पर्यावरण और जलवायु पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वे जलचक्र (Water Cycle) का हिस्सा होती हैं और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए आवश्यक होती हैं।
दुनिया की कुछ रहस्यमयी और गुप्त झीलें
दुनिया में कुछ ऐसी झीलें मौजूद है जो अपने भूगोल, रहस्य और अनोखे गुणों के कारण प्रसिद्ध हैं।
रूपकुंड झील (Roopkund Lake) - कंकालों की झील
रूपकुंड झील(Roopkund Lake) भारत के उत्तराखंड(Uttarakhand) राज्य में स्थित एक रहस्यमयी हिमालयी झील है, जिसे "कंकालों की झील" के नाम से भी जाना जाता है। यह झील समुद्र तल से लगभग 5,020 मीटर (16,470 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ यहाँ पाए जाने वाले सैकड़ों मानव कंकालों के कारण प्रसिद्ध है।
क्यों इसे 'कंकालों की झील' कहा जाता है?
रूपकुंड झील की खोज के समय यहाँ सैकड़ों कंकाल पाए गए थे, जो सर्दियों में बर्फ से ढके रहते हैं और गर्मियों में बर्फ पिघलने पर दिखाई देने लगते हैं। वैज्ञानिकों और इतिहासकारों के अनुसार, ये कंकाल 9वीं शताब्दी के लोगों के हो सकते हैं।
भारी ओलावृष्टि का प्रभाव - 2004 में हुए डीएनए विश्लेषण के अनुसार, इन लोगों की मृत्यु एक अचानक आई भारी ओलावृष्टि के कारण हुई होगी। ओले गोल और कठोर क्रिकेट बॉल के आकार के थे, जिससे इन लोगों की खोपड़ियों में गंभीर चोटें आईं और वे बच नहीं सके।
तीर्थयात्रियों का समूह - कुछ शोधों के अनुसार, ये कंकाल राजा जसधवल (कन्नौज के शासक) और उनके साथ यात्रा कर रहे तीर्थयात्रियों के हो सकते हैं, जो नंदा देवी तीर्थ यात्रा के दौरान किसी आपदा के शिकार हो गए।
संक्रमण या महामारी - कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि ये लोग किसी महामारी से मारे गए होंगे और उन्हें झील के पास दफनाया गया।
युद्ध या अनुष्ठानिक बलि - कुछ किंवदंतियों के अनुसार, यह स्थान कभी किसी युद्ध क्षेत्र के रूप में इस्तेमाल किया गया होगा, या फिर किसी धार्मिक अनुष्ठान के दौरान बलि दी गई होगी।
वैज्ञानिक और ऐतिहासिक अध्ययन
2004 में ब्रिटिश और भारतीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने इन कंकालों का डीएनए परीक्षण किया और पाया कि ये कंकाल दो अलग-अलग समूहों के थे जिनमें एक समूह दक्षिण एशियाई मूल का था और दूसरा समूह भूमध्यसागरीय क्षेत्र (यूरोप या ग्रीस) से संबंधित था।
2019 में हुए नए शोध में पता चला कि ये कंकाल अलग-अलग समय के हैं, कुछ 1200 साल पुराने, तो कुछ कई सौ साल बाद के भी हैं।
पौराणिक कथाएँ और लोककथाएँ
रूपकुंड झील से संबंधित कई पौराणिक कथाएँ और लोककथाएँ भी हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार रूपकुंड झील में मृत आत्माएँ वास करती हैं और यह श्रापित है। हालांकि रूपकुंड झील का रहस्य आज भी पूरी तरह से सुलझा नहीं है, लेकिन यह झील इतिहास, विज्ञान और रोमांच का अनूठा संगम प्रस्तुत करती है।
बाइकल झील(Baikal Lake) - दुनिया की सबसे गहरी और प्राचीन झील
बाइकल झील (Lake Baikal) रूस के साइबेरिया क्षेत्र(Russia's Siberia Region) में स्थित दुनिया की सबसे गहरी और प्राचीन मीठे पानी की झील है। जिसकी गहराई 1,642 मीटर (5,387 फीट) तक पहुँचती है। यह झील लगभग 636 किमी लंबी और 79 किमी चौड़ी है, जो इसे दुनिया की सबसे विशाल झीलों में से एक बनाती है। इसका कुल क्षेत्रफल 31,722 वर्ग किलोमीटर है, और इसे दुनिया की सबसे पुरानी झीलों में से एक माना जाता है, जिसकी आयु लगभग 2.5 करोड़ वर्ष आंकी गई है। बैकाल झील अपने विशाल जल भंडारण के लिए भी जानी जाती है, क्योंकि इसमें पृथ्वी के कुल तरल मीठे पानी का लगभग 22% हिस्सा मौजूद है। इसकी गहराई, शुद्धता, और जैव विविधता इसे न केवल एक प्राकृतिक अजूबा बनाती है, बल्कि वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण बनाती है।
बाइकल झील की अनूठी विशेषताएँ
• बाइकल झील को "गैलापागोस ऑफ रशिया" कहा जाता है क्योंकि यहाँ कई अनोखे जीव पाए जाते हैं
• यह झील की एकमात्र मीठे पानी की सील है, जो दुनिया में कहीं और नहीं मिलती।
• इस झील में ओमुल मछली नामक एक दुर्लभ और विशिष्ट मछली प्रजाति पाई जाती है।
• झील में पाए जाने वाले स्पंज और प्लवक जैसे जलजीवों में कुछ सूक्ष्मजीव और जीवाणु वैज्ञानिकों के लिए शोध का महत्वपूर्ण विषय हैं।
• बाइकल झील का पानी इतना साफ और पारदर्शी है कि 40 मीटर (130 फीट) तक की गहराई में भी वस्तुएँ देखी जा सकती हैं।
• झील में प्राकृतिक रूप से पानी को शुद्ध करने वाले माइक्रोऑर्गैनिज्म मौजूद हैं।
• दिसंबर से अप्रैल तक बाइकल झील पूरी तरह बर्फ में बदल जाती है।
• झील की बर्फ इतनी साफ और पारदर्शी होती है कि इसके अंदर तक देखा जा सकता है।
• बाइकल झील टेक्टोनिक एक्टिविटी से बनी है और यह एक रिफ्ट झील है, जिसका अर्थ है कि यह हर साल 2 सेमी फैलती जा रही है।
• वैज्ञानिकों का मानना है कि यह झील भविष्य में एक नया महासागर बना सकती है।
बाइकल झील से जुड़े कुछ रहस्य और मिथक
कुछ स्थानीय मछुआरों ने झील में अजीब रोशनी और रहस्यमय घटनाओं की रिपोर्ट की है, जिससे एलियन और यूएफओ जैसी घटनाओं को लेकर कई अटकलें लगाई जाती हैं। कई लोगों का दावा है कि उन्होंने झील के ऊपर अनजान उड़न तश्तरियों (यूएफओ) जैसी वस्तुओं को मंडराते देखा है, जिससे यह स्थान और भी रहस्यमय बन जाता है। इसके अलावा, झील से जुड़ी एक पुरानी किंवदंती यह भी है कि इसके नीचे एक प्राचीन सभ्यता के अवशेष छिपे हो सकते हैं। कुछ मान्यताओं के अनुसार, यह झील किसी प्राचीन शहर के ऊपर बनी है, जो किसी प्राकृतिक आपदा के कारण जलमग्न हो गया था। हालांकि, इस दावे का अब तक कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन यह झील के प्रति जिज्ञासा और रहस्य को और बढ़ा देता है।
क्रेटर लेक ,अमेरिका (Crater Lake, America) - ज्वालामुखीय झील का रहस्य
क्रेटर लेक (Crater Lake) अमेरिका(America) के ओरेगन (Oregon) राज्य में स्थित एक शानदार और रहस्यमयी झील है। इस झील की गहराई 594 मीटर (1,949 फीट) है, जिससे यह अमेरिका की सबसे गहरी और दुनिया की नौवीं सबसे गहरी झील बनती है। इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 53 वर्ग किलोमीटर है, जो इसे आकार में छोटा लेकिन अत्यधिक गहरा जल निकाय बनाता है। यह झील ज्वालामुखी के शक्तिशाली विस्फोट के परिणामस्वरूप बनी थी। करीब 7,700 साल पहले, माउंट मज़ामा नामक विशाल ज्वालामुखी में एक भयंकर विस्फोट हुआ, जिससे यह पर्वत लगभग 3,600 मीटर से घटकर 2,400 मीटर रह गया। विस्फोट के बाद ज्वालामुखी का शिखर धँसकर एक विशाल गड्ढे (Crater) में बदल गया, जो धीरे-धीरे बारिश और बर्फ के पानी से भर गया और क्रेटर झील का उदय हुआ।
क्रेटर लेक का रहस्य और विशेषताएँ
इस झील का पानी अत्यधिक नीला और पारदर्शी है।
झील की पारदर्शिता 37 मीटर (121 फीट) तक देखी जा सकती है, जो इसे दुनिया की सबसे स्वच्छ झीलों में से एक बनाती है।
इसमें बाहरी जलस्रोत (नदी/झरना) नहीं जुड़ते, जिससे इसमें किसी तरह की गंदगी या प्रदूषण नहीं होता।
झील में एक अनोखा तैरता हुआ पेड़ देखा जाता है, जिसे "ओल्ड मैन ऑफ द लेक" कहा जाता है।
यह पेड़ 100 से अधिक वर्षों से झील में स्थिर रूप से तैर रहा है! वैज्ञानिक भी यह समझ नहीं पाए हैं कि यह कैसे डूबता नहीं है।
झील के बीच में एक शंकु आकार का छोटा द्वीप स्थित है, जिसे वाइज़र्ड आइलैंड (Wizard Island) कहा जाता है।
यह एक छोटा ज्वालामुखी है, जो झील बनने के बाद ज्वालामुखीय गतिविधियों के कारण उभरा।
रहस्य और लोककथाएँ
स्थानीय क्लीमथ जनजाति का मानना है कि यह झील आध्यात्मिक शक्तियों का केंद्र है। जनजातियों की कहानियों में बताया गया है कि इस झील का निर्माण एक महाकाव्य युद्ध के बाद हुआ, जिसमें अंधेरे के देवता लोआ (Llao) और आकाश के देवता स्केल (Skell) आपस में लड़े थे। कई पर्यटकों और स्थानीय लोगों ने झील के आसपास अजीब रोशनी और रहस्यमयी छायाएँ देखने का दावा किया है।
बोइलिंग लेक , डोमिनिका(Boiling Lake Dominica) - खौलते पानी की झील
बोइलिंग लेक कैरिबियन द्वीप(Caribbean Islands)डोमिनिका में स्थित एक अनोखी और रहस्यमयी झील है। इस झील का पानी हमेशा खौलता रहता है, जिससे यह एक प्राकृतिक अजूबा बन गई है। मोर्न ट्रोइस पिटॉन्स नेशनल पार्क, डोमिनिका में स्थित यह झील दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी गर्म पानी की झील है, जिसकी तुलना केवल न्यूजीलैंड की फ्राइंग पैन लेक(Frying Pan Lake of New Zealand) से की जा सकती है। झील का व्यास लगभग 60 मीटर (200 फीट) है, और इसकी अनुमानित गहराई 59 मीटर (194 फीट) तक है। झील का पानी अत्यधिक गर्म होता है । किनारों पर इसका तापमान 82-92°C (180-197°F) के बीच रहता है, जबकि बीच का तापमान इतना अधिक होता है कि इसे माप पाना संभव नहीं है। इस झील का निर्माण भूगर्भीय गतिविधियों और ज्वालामुखीय गतिविधियों के कारण हुआ है, जिससे इसमें लगातार गर्म पानी बना रहता है।
क्यों खौलता रहता है इस झील का पानी?
बोइलिंग लेक एक ज्वालामुखीय झील है, जो एक फ्यूमरोल (Fumarole) के ऊपर स्थित है। फ्यूमरोल एक प्रकार का ज्वालामुखीय वेंट होता है, जिससे गर्म गैसें और लावा के नीचे मौजूद मैग्मा से निकलने वाली ऊष्मा बाहर आती रहती हैं।
झील के पानी के खौलने के कारण
• ज्वालामुखीय गैसें - झील के नीचे से सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गरम गैसें निकलती रहती हैं, जिससे पानी लगातार खौलता रहता है।
• गहरे क्रेटर में स्थित होना - यह झील एक ज्वालामुखी गड्ढे (crater) में स्थित है, जिससे यहाँ ऊष्मा बनी रहती है।
• हाइड्रोथर्मल एक्टिविटी - झील के नीचे से लगातार गर्म पानी के झरने (hot springs) निकलते रहते हैं, जो इसे उबलता रखते हैं।
रहस्य और परिवर्तनशीलता
• कभी-कभी झील खौलना बंद कर देती है और पानी का स्तर कम हो जाता है। इसका कारण है भूगर्भीय हलचल या ज्वालामुखीय गैसों का प्रवाह बदल जाना।
• वैज्ञानिकों ने 1875, 1900, 1971 और 1988 में इस झील के सूखने और दोबारा भरने की घटनाएँ दर्ज की हैं।
• झील के पास कई छोटे-छोटे गर्म पानी के गड्ढे और सल्फरयुक्त कीचड़ के पोखर भी पाए जाते हैं।
स्थानीय किंवदंतियाँ और रहस्य
स्थानीय लोग इस झील को शैतान का कड़ाह (Devil’s Cauldron) कहते हैं और मानते हैं कि इसमें अलौकिक शक्तियाँ हैं। कुछ ट्रेकर्स का दावा है कि उन्होंने झील में अजीब हलचल और वस्तुओं को रहस्यमय तरीके से गायब होते देखा है।
इन झीलों की भूगर्भीय संरचना और वैज्ञानिक व्याख्या
इन सभी रहस्यमयी झीलों की वैज्ञानिक व्याख्या की जाए, तो पता चलता है कि अधिकतर झीलें ज्वालामुखीय, विवर्तनिक (टेक्टोनिक) या हिमनदों के कारण बनी हैं। उदाहरण के लिए:
• रूपकुंड झील हिमालय के ग्लेशियर पिघलने से बनी है।
• बाइकल झील एक विवर्तनिक झील है, जो टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल से बनी थी।
• क्रेटर लेक एक ज्वालामुखीय झील है, जो एक बड़े विस्फोट के बाद बनी थी।
• बोइलिंग लेक एक सक्रिय ज्वालामुखीय क्षेत्र में स्थित है, जिससे इसका पानी उबलता रहता है।
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव और इन झीलों का भविष्य
जलवायु परिवर्तन इन झीलों के अस्तित्व के लिए खतरा बन रहा है। ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण हिमालय की झीलों का जलस्तर कम हो रहा है।
बाइकल झील में प्रदूषण और औद्योगिक गतिविधियों के कारण जल गुणवत्ता पर असर पड़ा है। क्रेटर लेक में जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में बदलाव देखा गया है। बोइलिंग लेक का पानी धीरे-धीरे ठंडा हो रहा है, जिससे इसकी सक्रियता पर सवाल उठ रहे हैं।