BEST Places in Kota कोटा के इन स्थलों की जरूर करें सैर, समृद्ध इतिहास और संस्कृति से हों रूबरू
BEST Places to Visit in Kota: कोटा राजस्थान राज्य में मनमोहक चंबल नदी के तट पर बसा एक शहर है। आपको कोटा में घूमने के लिए कई जगहें मिलेंगी जो आपकी पूरी यात्रा को सार्थक बना देंगी।
Bes Places To Visit In Kota: कोटा राजस्थान राज्य का तीसरा सबसे बड़ा शहर है और यह लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। चंबल नदी के तट पर स्थित कोटा शहर अपनी विशिष्ट चित्रकला शैली, महलों, संग्रहालयों और पूजा स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर सोने के आभूषणों, डोरिया साड़ियों, रेशमी साड़ियों और प्रसिद्ध कोटा पत्थर के लिए जाना जाता है। यह शहर राजस्थान के सबसे बड़े शहरों में से एक है और इसकी संस्कृति अविश्वसनीय रूप से समृद्ध है।
कोटा का इतिहास (Kota History in Hindi)
कोटा का इतिहास 12वीं शताब्दी का है जब राव देव ने इस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की और हाड़ौती की स्थापना की। 1631 में बूंदी से अलग होकर कोटा का स्वतंत्र राजपूत राज्य बनाया गया था। कोटा राज्य का इतिहास उथल-पुथल भरा रहा है क्योंकि इस पर कई मुगल शासकों, जयपुर के महाराजाओं और यहाँ तक कि मराठा सरदारों ने भी हमला किया था। कोटा शहर अपनी वास्तुकला की भव्यता के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है जिसमें खूबसूरत महल, मंदिर और संग्रहालय शामिल हैं जो पुराने युग की भव्यता को प्रदर्शित करते हैं।
गढ़ पैलेस (Kota Garh Palace)
कोटा में सबसे प्रमुख पर्यटक आकर्षण 'गढ़' है। यह विशाल परिसर, जिसे सिटी पैलेस के नाम से भी जाना जाता है, मुख्य रूप से राजपूत वास्तुकला शैली में बनाया गया है। यह महल इतिहास में अलग-अलग समय पर राजपूत वंश के विभिन्न शासकों द्वारा निर्मित सुइट्स और अपार्टमेंट का एक विशाल परिसर है।
राव माधो सिंह संग्रहालय (Kota Rao Madho Singh Museum)
गढ़ महल की दीवारों के भीतर स्थित राव माधो सिंह संग्रहालय में कोटा स्कूल के राजपूत लघु चित्रों का शानदार संग्रह है। आगंतुक आकर्षक मूर्तियों, हथियारों और अन्य मूल्यवान प्राचीन वस्तुओं को देखने में घंटों बिता सकते हैं।
अभेद महल और अभेद जैविक उद्यान (Kota Abhed Mahal and Abhed Biological Park)
कोटा से 8 किलोमीटर दूर, एक तालाब के किनारे स्थित यह मध्ययुगीन महल कोटा के शासकों का मनोरंजन स्थल था। यह वह जगह है जहाँ वे वन्यजीवों और क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए जाते थे। अभेड़ा महल के पास ही कोटा की अधिष्ठात्री देवी करणी माता का मंदिर है। अभेड़ा जैविक उद्यान कोटा के अभेड़ा महल के पास नांता रोड पर स्थित है। इसे वन विभाग द्वारा नवनिर्मित किया गया है। कोटा का जैविक उद्यान जंगली जानवरों के लिए पर्यावरण के अनुकूल स्थान है।
दादा देवी मंदिर (Kota Dada Devi Temple)
कोटा से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, कोटा के राजघराने की देवी का मंदिर घने जंगलों से घिरा हुआ है और शांत चिंतन में कुछ समय बिताने के लिए एक आदर्श स्थान है। यह मंदिर देवी दुर्गा के अवतार श्री दाद देवी माता जी को समर्पित है।
चरण चौकी (Kota Charan Chauki)
कोटा शहर से 15 किलोमीटर दूर दाद देवी के रास्ते में चरण चौकी है। यह वह पौराणिक स्थान है जहाँ भगवान कृष्ण ने मथुरा से द्वारका जाते समय कुछ पलों के लिए विश्राम किया था। कहा जाता है कि उनके पदचिह्न यहाँ संरक्षित हैं।
गार्डन ऑफ जॉय (सिटी पार्क) (Kota City Park)
गार्डन ऑफ जॉय (सिटी पार्क) कोटा शहर के मध्य झालावाड़ रोड पर 30 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित पार्क है, जिसके 85 प्रतिशत भाग पर सघन पौधारोपण किया गया है, जिसके मध्य में 1.25 किलोमीटर लंबी नहर विकसित की गई है, पार्क में पर्यटकों के लिए फूड जोन, कैफे की व्यवस्था है। बच्चों के आकर्षण के लिए सिटी बाजार एम्फीथियेटर, किड्स जोन, ओपन जिम, बॉटनिकल गार्डन, श्रुबरी गार्डन और बोटिंग का आनंद ले सकते हैं।
चम्बल रिवर फ्रंट (Kota Chambal River Front)
कोटा शहर में कोटा बैराज से नयापुरा पुलिया तक 2.75 किलोमीटर लंबाई में चंबल नदी के दोनों किनारों पर खूबसूरत चंबल रिवर फ्रंट विकसित किया गया है। चंबल रिवर फ्रंट भारत में विकसित पहला हेरिटेज रिवर फ्रंट है। इस रिवर फ्रंट के दोनों किनारों पर 26 घाट बनाए गए हैं। इन घाटों को अलग-अलग थीम पर तैयार किया गया है। चंबल रिवर फ्रंट पर बने विश्व धरोहर घाट पर दुनिया के अलग-अलग देशों की नौ प्रसिद्ध इमारतें और स्थापत्य कलाएं बनाई गई हैं। जिस तरह किशोर सागर तालाब के किनारे सेवन वंडर्स पार्क बनाया गया है, जहां देश और दुनिया के सात अजूबे बनाए गए हैं, उसी तर्ज पर रिवर फ्रंट पर बने विश्व धरोहर घाट पर दुनिया की नौ प्रसिद्ध इमारतों की कलाकृति बनाई गई है। बार्सिलोना फाउंटेन की तर्ज पर यहां भी फाउंटेन बनाया गया है। यहां आने वाले पर्यटक रंग-बिरंगी रोशनी और संगीत के साथ फाउंटेन शो का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा यहां देश का पहला एलईडी गार्डन भी बनाया गया है। यहां आने वाले लोगों को असली पेड़-पौधे और पक्षियों की जगह एलईडी एलिमेंट्स देखने को मिलेंगे। रिवर फ्रंट के पूर्वी क्षेत्र में राशि घाट भी विकसित किए गए हैं जिन पर अलग-अलग राशि चिह्न बने हुए हैं।