Bhopal Shaurya Smarak History: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर करें भोपाल के शौर्य स्मारक का दीदार

Bhopal Shaurya Smarak History: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी देशभक्ति से ओतप्रोत होना चाहते हैं। चलिए आज हम आपको भोपाल के शौर्य स्मारक के बारे में बताते हैं।

Update: 2024-08-01 08:01 GMT

Shaurya Smarak Bhopal (Photos - Social Media) 

Shaurya Smarak Bhopal : भोपाल भारत देश में मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी है और भोपाल जनपद का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। भोपाल को राजा भोज की नगरी तथा 'झीलों की नगरी' भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ कई छोटे-बड़े तालाब हैं। यह नगर अचानक चर्चा में तब आ गया, जब 1984 में अमरीकी कम्पनी, यूनियन कार्बाइड से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के रिसाव से लगभग 20,000 लोग मारे गये थे। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस देश भर में धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इस दिन आप मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बने शौर्य स्मारक पर जाकर भारत के वीर सपूतों को नमन कर सकते हैं। अगर आप देशभक्ति में डुबाना चाहते हैं तो भोपाल की शौर्य स्मारक में जाएं यहां पर आपके दिल में देशभक्ति की भावना जाग जाएगी। चलिए आज हम आपको शौर्य स्मारक के बारे में जानकारी देते हैं।

यहां है शौर्य स्तंभ (Here Is The Shaurya Stambh)

शौर्य स्मारक भोपाल का प्रसिद्ध स्थल है। यहां पर एक सुंदर सा गार्डन है जहां हमारे देश के लिए शहीद हुए सैनिक और वीरों के बारे में विस्तार से जानकारी मिलती है। यहां पर एक स्तंभ भी बना हुआ है जिसे शौर्य स्तंभ कहा जाता है। यह हमारे वीर सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने देश के लिए अपनी जान कुर्बान की है।

Shaurya Smarak Bhopal 


स्मारक में है युद्ध के दृश्य (There Are War Scenes In The Monument)

शौर्य स्मारक को मुंबई के वास्तुकार सोना जैन ने बनाया था। इस स्मारक में युद्ध स्थल से जुड़ी तमाम जानकारी भी मिलती है जो पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है। इसकी वास्तु कला महाभारत और रामायण की प्राचीन काल के साथ ही ऐतिहासिक समय में हुए युद्ध और दृश्यों को ध्यान में रखते हुए की गई है।

Shaurya Smarak Bhopal 


गर्भ गृह में दी जाती है सैनिकों को श्रद्धांजलि (Tribute Is Paid To Soldiers in The Sanctum Sanctorum)

शौर्य स्मारक में कई सारी विशेषताएं हैं जो इसे अन्य जगहों से अलग बनाती है। यहां आने वाले पर्यटकों को देशभक्ति की प्रेरणा मिलती है। इस स्मारक की बनावट पारंपरिक हिंदू मंदिर की स्थापना शैली से मिलती-जुलती दिखाई देती है। इसमें एक गर्भ गृह है और एक मुख्य कक्ष है। इस मुख्य कक्ष में सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है। युद्ध के समय अपनी जान कब आने वाले सैनिकों के सम्मान में यह बनाया गया है।

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