BA Pass Chicken Wala: एक IAS से भी ज्यादा कमा रहा बिहार का बीए पास चिकन वाला, मात्र 5 महीने में किया 15 लाख का कारोबार
BA Pass Chicken Wala in Bihar : ये दोनों युवक मात्र एक ठेला लगाकर हर महीने 3 लाख का कारोबार कर रहे हैं। चौंक गए ना आप भी तो चलिए आज हम आपको ऐसे ही जुनूनी दो युवाओं से मिलाते हैं।
BA Pass Chicken Wala Bihar : आज के युवा नित नयी कोई सफलता को एक नया आयाम दे रहे हैं। ऐसे ही भागलपुर के दो युवा, बीए पास चिकेन स्टॉल के नाम से आजकल अपने काम क लेकर काफी प्रसिद्धि पा रहे हैं। दरअसल ये दोनों युवक मात्र एक ठेला लगाकर हर महीने 3 लाख का कारोबार कर रहे हैं। चौंक गए ना आप भी तो चलिए आज हम आपको ऐसे ही जुनूनी दो युवाओं से मिलाते हैं।
ऐसे हुई बिज़नेस की शुरुआत
दरअसल कई साल पहले दो दोस्त आनंद कुमार (25) और शुभम आनंद (25) ने स्कूल में पढ़ाई करने के दौरान ही ये ठान लिया था कि बड़े होकर साथ में खुद का बिजनेस स्टार्ट करना है। फिर जब दोनों बड़े हुए तो आनंद पढ़ाई करने दिल्ली यूनिवर्सिटी चला गया और दूसरा दोस्त शुभम भागलपुर के तिलकामांझी विश्वविद्यालय से स्नातक करने लगा। फिर कुछ सालों बाद दोनों दोस्तों की मुलाक़ात हुई । और दोनों ने बचपन में साथ में देखे हुए सपने को साकार करने की ठानी।
हालाँकि फिर घर से परिपूर्ण होने के बावजूद इन लोगों ने कभी भी अपने घर से आर्थिक मदद नहीं ली।
60 हजार रुपये लोन
दोनों दोस्तों ने 60 हजार रुपये लोन लेकर भागलपुर में BA पास चिकेन चावल का स्टॉल की शुरुआत की । फिर बाद में जेएलएनएमसीएच के सामने स्थाई स्टॉल लगाने लगे । उनकी बढ़ती प्रसिद्धि का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके स्टॉल पर हर दिन तकरीबन 100 से 150 लोग खाना खाते हैं।
दिल्ली में कचोरी वाले से मिली थी प्रेरणा
आनंद के अनुसार जब वे दिल्ली में पढ़ाई कर रहे थे। तब उनके कॉलेज के सामने एक डोमिनोज पिज्जा का शॉप था, तो ठीक उसके नीचे 30 रुपए में भर पेट कचोरी सब्जी खिलाने वाला स्टॉल लगाता था । आनंद ने बताया कि कचोरी सब्जी वाले स्टॉल पर हमेशा काफी लोगो की भिड़ रहती थी। लोग कम पैसे में खाने का आनंद लेने जम के आते थे। तभी उन्होंने सोच लिया कि वो भी चिकेन चावल का स्टॉल लगायेंगे,ताकि कम पैसों में लोग भर पेट खाना खा सके।
मात्र 70 रुपए प्रति थाली या 40 रुपए में भी मिलती है थाली
दूसरे दोस्त शुभम के अनुसार उनके स्टॉल पर 70 रुपए में दो पीस चिकेन और चावल की थाली दी जाती है। लेकिन अगर कोई गरीब भी उनके यहाँ खाना खाने आता है तो उसे भी वे मात्र 40 रुपए में यही खाना खिलाते है। जिसमें चिकेन और चावल के क्वांटिटी में थोड़ी कमी हो जाती है।
मज़ेदार बात यह है कि इनके स्टाल में अमीर - गरीब सभी तरह के लोग खाना खाने आते है। ख़ास बात यह है कि इस स्टॉल में खाने की हाइजीन का विशेष ख्याल रखा जाता है।
मात्र 5 महीने में किया 15 लाख का कारोबार
इनसे बात करने पर पता चला कि इन दो दोस्तों ने मिलकर जब बीए पास चिकन चावल की शुरुआत की थी तब वे ठेले से शहर में घूम- घूम कर दुकानदारों को खिलाते थे। लेकिन फिर बाद में उन्होंने भागलपुर के जेएलएनएमसीएच के गेट के ठीक सामने स्थाई स्टॉल लगाने लगे । धीरे - धीरे उनके ग्राहक भी काफी बढ़ गए । अब रोजाना उनके दुकान पर 100 से 150 लोग खाना खाते है।यानी कि रोजाना 10 से 12 हजार का कारोबार होता है। जिसका हिसाब लगाए तो महीने का 3 लाख का कारोबार ये दोनों बड़े आसानी से कर रहे हैं। साथी आनंद ने बताया कि 5 महीने में इनलोगों ने लगभग 15 लाख का कारोबार किया है। इस कमाई के पैसों से ये लोग अपने स्टॉल को बढ़ाने के लिए नए इक्यूमेंट्स भी जोड़ रहे है।
खुद के साथ जरूरतममंदों को भी दे रहे हैं रोजगार, सरकार से भी मदद की गुहार
आनंद और शुभम ने ना सिर्फ खुद की जिंदगी को सेटल किया बल्कि उन्होंने अपने स्टॉल पर ऐसे लोगो को काम पर रखा है,जिन्हे रोजगार की सख्त जरूरत थी। उन्होंने सरकार से भी मदद की गुहार लगाई है। वे सरकार से अपने स्टॉल को और ज्यादा बढाने के लिए भी गुहार लगा रहे है। उनका सपना है कि वे पूरे बिहार में लगभग 50 स्टॉल लगाकर कम से कम 200 लोगो को भी रोजगार दे सके।