Char Dham Yatra Details: चार धाम यात्रा के बाद अपने साथ लाएं ये चीजें, सफल होगी आपकी यात्रा
Char Dham Yatra Details: हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का काफी महत्व माना गया है। चलिए उन चीजों के बारे में बताते हैं जो यात्रा के बाद आपको अपने साथ लाना चाहिए।
Char Dhaam Yatra : हिंदू धर्म में चार धाम को बहुत ही पवित्र स्थल माना जाता है। मान्यता है कि अगर व्यक्ति अपने जीवन में चार धाम की यात्रा कर ले, तो उसे जीवन- मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है। उत्तराखंड में स्थित गंगोत्री, यमुनोत्री बद्रीनाथ, और केदारनाथ को उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा में शामिल किया जाता है। चलिए आज हम आपको चार धाम यात्रा का महत्व और किन चीजों को साथ लाकर इसे सफल बनाया जा सकता है यह बताते हैं।
गंगोत्री धाम (Gangotri Dham)
गंगोत्री उत्तराखंड के चार धाम तीर्थस्थलों में से एक है। गोमुख गंगोत्री ग्लेशियर में भागीरथी नदी का स्रोत है, जो गंगा नदी के मुख्य धाराओं में से एक है। गोमुख गंगा नदी का उद्गम स्थल भी है। देवप्रयाग के बाद से यह अलकनंदा में मिलती है, इसलिए देवप्रयाग को संगम स्थल कहा जाता है।
यमुनोत्री (Yamunotri)
चार धाम यात्रा में दूसरा मुख्य स्थल यमुनोत्री है। यमुनोत्री, यमुना नदी का स्त्रोत है। यह जिला उत्तरकाशी में गढ़वाल हिमालय में 10,804 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यमुनोत्री में पश्चिमीतम मंदिर है, जो बंदर पूंछ पर्वत की एक झुंड के ऊपर स्थित है। यमुनोत्री में मुख्य आकर्षण देवी यमुना के लिए समर्पित मंदिर और जानकीचट्टी में पवित्र तापीय झरना हैं। भूगर्भ से उत्पन्न 90 डिग्री तक गर्म पानी के जल का कुंड सूर्य-कुंड और पास ही ठन्डे पानी का कुंड, जिसे गौरी कुंड कहा जाता है, जो यहां का सबसे खास स्थल है।
बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dhaam)
बद्रीनाथ धाम को नर और नारायण का संगम स्थल भी कहा जाता है। धर्म शास्त्रों की मान्यता के अनुसार बद्रीनाथ को विशालपुरी भी कहा जाता है। बद्रीनाथ धाम में विष्णु भगवान की पूजा की जाती है, इसलिए इसे विष्णुधाम भी कहा जाता है। बद्रीनाथ लगभग 3,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गढ़वाल हिमालय में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित यह शहर नर और नारायण पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है। बद्रीनाथ मंदिर में चार भुजाओं वाली काली पत्थर की बहुत छोटी मूर्तियां है।
केदारनाथ धाम (Kedarnaath Dhaam)
केदारनाथ धाम चार धाम यात्रा में शामिल स्थल में से एक है। केदारनाथ उत्तरी भारत के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है, जो समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है। इस क्षेत्र का ऐतिहासिक नाम 'केदार खंड' भी है। केदारनाथ धाम भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। शिव पुराण के अनुसार केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का पूजन करने के बाद जो व्यक्ति जल ग्रहण कर लेता है, उसे दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता है। इसे मोक्ष का द्वार भी कहा जाता है।
ये चीजें सफल बनाएगी यात्रा (These Things Will Make The Journey Successful)
अगर आप चार धाम।यात्रा पर जाते हैं तो आपको कुछ चीजें साथ लानी चाहिए जो आपकी यात्रा को सफल बनाएगी। चारधाम यात्रा के दर्शन करने के बाद तुलसी और वैजयंती की माला, पवित्र जल, गोपी चंदन और मोरपंख, नारियल जैसी चीजें साथ लाना चाहिए।