CharDham Yatra: चारधाम यात्रा पर जाने से पहले जान लें नियम, किस धाम से करें शुरुआत

Uttarakhand Chardham Yatra: चारधाम में दर्शन करने के लिए भक्त बेसब्री से इंतजार करते है,लेकिन आपको पता है कि यात्रा का सही क्रम क्या है ?

Written By :  Yachana Jaiswal
Update: 2024-05-08 06:30 GMT

Uttarakhand Chardham Yatra Details(Pic Credit -Social Media)

Uttarakhand Chardham Yatra Details: हर साल भारत समेत विदेशों से भी श्रद्धालु उत्तराखंड में स्थित चार धाम की यात्रा करने आते है। आपको बता दें कि यह चार धाम यात्रा साल भर में सिर्फ 6 महीनों के लिए चलती है। इसलिए भक्त दर्शन करने के लिए बेसब्री से इंतजार करते है और आतुर रहते है। चारधाम की यात्रा में चार तीर्थस्थलों के दर्शन किए जाते है। लेकिन यात्रा से पहले भक्तों को चार धाम के सही क्रम के बारे में जानकारी होना जरूरी है। पहले किस धाम की यात्रा के साथ तीर्थ की शुरुआत करें। हम आपको यात्रा के सही क्रम के बारे में यहां पर बताएंगे।

चारधाम आस्था का प्रमुख केंद्र

चारधाम यात्रा में केदारनाथ,बद्रीनाथ गंगोत्री और यमुनोत्री प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। ये तीर्थस्थल हर साल सबसे अधिक संख्या में तीर्थयात्रियों को आकर्षित करते हैं, इस प्रकार ये पूरे उत्तरी भारत में धार्मिक यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र बन जाते हैं।

इस क्रम में होती है चारधाम की य़ात्रा

परंपरागत रूप से,शास्त्रों में वर्णित है कि तीर्थयात्रा पश्चिम से शुरू करके पूर्व में प्रस्थान करना चाहिए और वहीं चारधाम की यात्रा समाप्त होती है। इस प्रकार, चार धाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री धाम से शुरू करनी चाहिए, फिर धाम का दूसरी पड़ाव गंगोत्री धाम होता है। यह पहले धाम यमुनोत्री से 220 किलोमीटर दूर है। मान्यता है कि यहां पर पहुंच कर सभी पाप धुल जाते है। अंत की ओर बढ़ने के साथ भगवान शिव के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं केदारनाथ जो उत्तरकाशी में स्थित है। यहां पर दर्शन करने से सभी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। उसके बाद चारधाम यात्रा का अगला और अंतिम पड़ाव बद्रीनाथ होता है। हिंदू परंपराओं के अनुसार, हजारों भक्त आनंद का अनुभव करने और सभी सांसारिक राक्षसों से अपनी आत्मा को सफलतापूर्वक शुद्ध करने की आशा में इस पवित्र तीर्थयात्रा पर जाते हैं।

साल 2024 के लिए इस तारिख से शुरु होगी चारधाम यात्रा

चारधाम यात्रा हर साल आयोजित की जाती है और हिंदुओं के लिए इसका गहरा धार्मिक महत्व है। "चारधाम" शब्द दो हिंदी शब्दों से बना है - 'चार' का अर्थ है चार, और 'धाम' का अर्थ है धार्मिक स्थान। चारधाम यात्रा 2024 अक्षय तृतीया के अवसर पर 10 मई से शुरू होने वाली है। चारधाम यात्रा नवंबर तक चलने की उम्मीद है.

चारधाम मंदिरों के खुलने की तारीखें(Chardham Yatra 2024)

  • केदारनाथ मंदिर 10 मई 2024 - 07:00 पूर्वाह्न
  • बद्रीनाथ मंदिर 12 मई, 2024 - 06:00 पूर्वाह्न
  • गंगोत्री 10 मई 2024 - 12:25 अपराह्न
  • यमनोत्री 10 मई, 2024 - 07: 00 पूर्वाह्न
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