Chitrakoot: चित्रकूट में घूमने वाली इतनी सारी जगहें, देखें मंदिर से लेकर खूबसूरत वादियाँ
Chitrakoot: चित्रकूट वहीं पवित्र धाम है जहां भगवान रामचंद्र ने वनवास के दौरान 11 साल यही गुजारे थे। उत्तर विंध्य रेंज में मौजूद ये छोटा सा शहर अपने अंदर बहुत सी खूबसूरती को संजोय हुए है।
Chitrakoot : उत्तर प्रदेश के चित्रकूट का नाम हिंदू पौराणिक कथाओं में और इतिहास में कई बार सुनने को मिलता है। इन्हें पढ़ने-सुनने के बाद कई बार मन में इस जगह को लेकर बहुत तरह के सवाल रहते हैं कि सालों बाद अब ये जगह कैसी होगी। क्या यहां इतिहास से जुड़े साक्ष्य आज भी मौजदू हैं ऐसे ही कई सवाल। तो अगर इन सवालों के जवाब चाहिए और आपको चित्रकूट की सैर करनी है तो बने रहिए इस खबर में हमारे साथ। यहां आपको चित्रकूट घूमने वाली हर जगह से बारे में बताया जाएगा।
चित्रकूट वहीं पवित्र धाम है जहां भगवान रामचंद्र ने वनवास के दौरान 11 साल यही गुजारे थे। उत्तर विंध्य रेंज में मौजूद ये छोटा सा शहर अपने अंदर बहुत सी खूबसूरती को संजोय हुए है। हिंदू पौराणिक कथाओं और महाकाव्य रामायण की वजह से भी इस जगह का अधिक महत्व हैं। ऐसे में अगर आप चित्रकूट घूमने (Chitrakoot Me Ghumne Wali Jagah) का मन बना रहे हैं तो एक बार जरूर घूम कर आएं। आइए आपको चित्रकूट में घूमने वाली जगहों में प्रसिद्ध दार्शनिक और पर्यटक स्थलों के बारे में बताते हैं।
राम घाट (Ram Ghat)
चित्रकूट में घूमने और दर्शन करने वाली जगहों में मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित रामघाट है। पौराणिक कथाओं में बताया जाता है कि वनवास काल के समय में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने इस घाट पर कुछ समय व्यतीत किया था। साथ ही इस घाट पर स्नान भी किया था।
गुप्त गोदावरी और गुप्त गोदावरी की गुफाएं (Gupt Godavari)
चित्रकूट में घूमने वाली जगहों में गुप्त गोदावरी भी काफी मशहूर जगह है। ये राम घाट के दक्षिण में करीबन 19 किमी. आगे धार्मिक मान्यताएं रखने वाली गुफा है। पौराणिक कथाओं में इस गुफा के बारे में माना जाता है कि गोदावरी गुफा के अंदर की चट्टानों से एक बारहमास यानी साल के 12 महीने धारा निकलती हैं। साथ ही गोदावरी नदी की और एक अन्य चट्टान भी बहती हुई गायब हो जाती हैं। ये भी कहा जाता है कि गुफा में एक विशाल चट्टान को छत से बाहर निकलते हुए देखा जाता है। ये विशाल दानव मयंक का अवशेष है।
चित्रकूट जलप्रपात और दंतेवाड़ा मां काली मंदिर (Chitrakoot Falls Dhantewara Maa Kali Mandir)
चित्रकूट में घूमने की जगहों के बारे में बात करने पर चित्रकूट जलप्रपात का नाम बहुत लिया जाता है। हां ये बात और है कि इस जलप्रपात तक पहुंचना थोड़ा सा मुश्किल है। जलप्रपात तक पहुंचने के लिए आपको जगदलपुर तक कोई साधन बुक करना पड़ता है।
घूमने वाली जगहों में और धार्मिक मान्यता रखने वाले कई मंदिर चित्रकूट में है। इन मंदिरों में दंतेवाड़ा मां काली मंदिर के दर्शन काफी सिद्धि प्राप्त है। इसलिए इस मंदिर का दर्शन करना बिल्कुल न भूलें।
अनुसुइया आश्रम (Sati Anusuya Ashrama)
चित्रकूट में घूमने की जगहों में सती अनुसुइया आश्रम काफी हरियाली से भरी जगह है। चित्रकूट शहर से ये जगह करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर घने जंगल में है। ऐसे में पौराणिक कथाओं में इस जगह के बारे में बताया गया है कि महर्षि अत्रि अपनी पत्नी अनुसूया और तीन पुत्रों के साथ इस स्थान पर निवास करते थे। साथ ही भगवान राम ने देवी सीता के साथ इस स्थान का भ्रमण किया था और माता सीता को देवी अनुसुइया ने सतित्त्व का महत्व बतलाया था।
हनुमान धारा (Hanuman Dhara)
चित्रकूट में धार्मिक मान्यता रखने वाले इस धाम हनुमान धारा का काफी महत्व है। ये धार्मिक स्थल चित्रकूट से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर चित्रकूट के जंगल में एक पहाड़ी पर हैं। हनुमान जी के इस मंदिर में दर्शन करने के लिए पर्यटकों को और भक्तों को 360 सीढ़ियां चढ़के पहाड़ी पर जाना होता है।
पौराणिक कथाओं में इस जगह के बारे में कहा जाता है कि लंका में आग लगाने के बाद बजरंग बलि ने चित्रकूट की इस पहाड़ी पर ऊंची छलांग लगाई थी। तब अपनी गुस्सा को शांत करने के लिए हनुमान जी ने इस धारा के ठन्डे पानी में खड़े होकर अपनी गुस्सा को शांत किया था। तब से इस जगह का नाम हनुमान धारा के नाम से प्रसिद्ध है।
साथ ही हनुमान धारा पर्वतमाला के बीच में एक झरना है। जहां हनुमान जी की एक विशाल मूर्ति के ठीक सिर पर दो जल के कुंड हैं। जोकि हमेशा जल से भरे रहते हैं और यहा से लगातार हर पल जल बहता रहता है। इस लगातार बहती धारा का जल हनुमानजी को स्पर्श करता हुआ बहता रहता है।
स्फटिक शिला (Sphatik Shila)
चित्रकूट में स्फटिक शिला जानकी कुंड से कुछ दूरी पर मंदाकनी नदी के तट पर स्थित है। यहां इस स्फटिक शिला पर भगवान राम के पैरों के निशान हैं। जोकि पर्यटकों को पौराणिक कथाओं से रूबरू होने का अवसर देते हैं।
ऐसा माना जाता हैं कि यही वो जगह है जहां भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता का श्रृंगार किया था। इसके अलावा इसी स्थान पर जयंत नाम के एक कौवा ने सीता जी को काट लिया था। ये जयंत एक राक्षस था।
परम कुटी (Param Kutir)
परम कुटी चित्रकूट की एक पवित्र जगहों में से एक है। इसी जगह पर निर्वासन काल में भगवान राम के भाई लक्ष्मण ने सीता जी के लिए एक झोपड़ी के रूप में बनाई थी।