Dehradun Tourist Place Robbers Cave: देहरादून की सबसे खूबसूरत जगह, कभी लुटेरों के छिपने की बेहतरीन जगह थी ये गुफा
Dehradun Tourist Place Robbers Cave: आज हम आपको देहरादून में स्थित एक ऐसी गुफ़ा के बारे में बताने जा रहे हैं जो कभी लुटेरों के छिपने की बेहतरीन जगह हुआ करती थी।;
Dehradun Tourist Place Robbers Cave: हिमालय से घिरी हरी-भरी दून घाटी में बसा देहरादून, प्राचीन हिंदू-बौद्ध प्रभावों के एक भावपूर्ण मिश्रण के साथ शांति पाने के लिए एक बेहतरीन पर्यटन स्थल है। हिमालय की प्रचुरता से भरपूर हरे-भरे आश्रयस्थल और ब्रिटिश राज के समय से प्रसिद्ध शांत पनाहगाह, आज भी यहां पर्यटकों को भरपूर आनंदित करते हैं।इसी कड़ी में उत्तराखंड के देहरादून में लुटेरों की गुफा या गुच्छू पानी के नाम से एक बेहद लोकप्रिय जगह है। जिसका इस्तेमाल कभी लुटेरों द्वारा ब्रिटिश अधिकारियों से छिपने के लिए किया जाता था। अपने रोचक इतिहास से ओतप्रोत यह जगह प्राकृतिक सुंदरता और गहरे चूना पत्थर के बीच बहती एक जलधारा में लोगों को पानी के साथ खेलने का अनोखा रोमांच प्रदान करती है। आइए जानते हैं गुच्चू पानी के नाम से मशहूर इस गुफा के इतिहास के बारे में -
स्वप्न से भी सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य से घिरी है ये गुफा
स्थानीय रूप से गुच्चू पानी के नाम से जानी जाने वाली रॉबर्स गुफा, उत्तराखंड में देहरादून से लगभग 8 किमी दूर सहस्रधारा के पास एक खूबसूरत नदी गुफा है। यह देहरादून के देहरा पठार में विशाल चूना पत्थर क्षेत्र में स्थित है। इस गुफा में बहते पानी के भीतर चमकते हुए कंकड़ों के साथ तलछटी तक आर पार नजर आने वाला साफ पानी और गुफा के भीतर से आती हुई सूर्य की किरणें इस गुफा को बेहद अलौकिक दृश्य प्रदान करती हैं। जो किसी स्वप्न में देखे गए खूबसूरत ख्वाब से भी ज्यादा सुंदर नजर आती है।
गुफा में 10 मीटर ऊंचा झरना है, जिससे होकर गुफा में बहने वाली जलधारा उथली यानी जिसमें आराम से चला जा सकता है। पानी की अधिकतम ऊंचाई घुटने तक है। पानी बेहद शुद्ध और पारदर्शी है। अगर कोई वस्तु गलती से इस पानी में गिर जाती है, तो उसे खोने या बहने का डर नहीं रहता उसे आराम से उठाया जा सकता है। लगभग 600 मीटर लम्बी यह गुफा दो मुख्य भागों में विभाजित है। इसका मध्य भाग अब खंडहर हो चुके किले जैसा नजर आता है। इसके अलावा गुफा का शेष भाग, जो चूना पत्थर से निर्मित एक संकरी घाटी है।
गुच्चू पानी गुफा का इतिहास
गुच्चू पानी गुफा का इतिहास सुंदर परिदृश्य और समृद्ध जैव विविधता के साथ ही बेहद रोचक है। इसका इस्तेमाल 1800 के दशक के अंत में लुटेरों द्वारा ब्रिटिश अधिकारियों से छिपने और अपनी लूट को संग्रहीत करने के लिए किया जाता था।
इस गुफा को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि 1836-48 में ठगी और डकैती दमन अधिनियम पारित होने के बाद, ठगों और चोरों ने इस गुफा में शरण लेना शुरू कर दिया, जिसके कारण इस स्थान का नाम गुच्चू पानी के अलावा रॉबर्स केव पड़ा। गुफा के अंदरूनी हिस्से में घनघोर अँधेरा होने के कारण ब्रिटिश अधिकारियों के लिए यहाँ पहुँचना मुश्किल होता था। उस समय, दोनों तरफ़ गहरे रंग के चूना पत्थर की वजह से लुटेरे आसानी से छिप जाते थे और आसानी से उन्हें ढूंढना मुश्किल काम होता था।
गुफा के शुरुआती बिंदु तक पहुंचने के लिए लुटेरों की गुफा के अंत तक चलना होगा। अंत में, छोटी नदी जिसका पानी गुफा में बहता है, दिखाई देती है।आज, रॉबर्स केव एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है जहाँ पूरे भारत से लोग प्रकृति के करीब जाने के लिए आते हैं। रॉबर्स केव घूमने का आदर्श समय मार्च से जून तक गर्मियों के महीनों और अक्टूबर से फरवरी तक सर्दियों के मौसम के दौरान है। गर्मियों में देश के अन्य भागों में व्याप्त नमी से राहत मिलती है।
मानसून में यहां जाना होता है असुरक्षित
- मानसून के मौसम में यहां जाना असुरक्षित साबित हो सकता है। इस मौसम में यहां जल स्तर अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाता है। बाकी मौसम में यहां पानी में डूबने का कोई डर नहीं होता है।यहां बच्चे भी आराम से मस्ती कर सकते हैं।
- रॉबर्स गुफा के आसपास का क्षेत्र हरी-भरी हरियाली, चट्टानी चट्टानों और झरनों से सुसज्जित है, जो इसे प्रकृति प्रेमियों और साहसिक गतिविधियों में रुचि रखने वालों के लिए एक बेहद मनोरम स्थान है।