Famous Horror Place: बैठने वाले की जान ले लेती है यह कुर्सी, सालों से है शापित
Famous Horror Place: भूत प्रेत पर आजकल बहुत कम लोग विश्वास करते हैं और इसे ढकोसला बताते हैं। लेकिन कुछ चीज वाकई में ऐसी है जो आज भी सच मानी जाती है।
Death Chair In Thirsk Museum : आधुनिकता के इस दौर में भूत पिक्चर्स जैसी चीजों पर बहुत कम लोग विश्वास करते हैं। लोगों को यह चीज अंधविश्वास लगती है। लेकिन दुनिया में आज भी ऐसी कई जगह मौजूद है जहां के बारे में लोगों का कहना है कि यह घटनाएं असल में होती है। जब लोग यहां जाते हैं तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसी कुर्सी के बारे में बताते हैं जो शापित कहीं जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जो इंसान इस पर बैठता है वह अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। अगर आप भी इस कुर्सी को देखना चाहते हैं तो चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं।
ऐसी है शापित कुर्सी की कहानी (Story Of The Cursed Chair)
इस कुर्सी के बारे में बताया जाता है कि जो भी इस पर बैठता है वह जिंदा वापस नहीं लौटता। अब कोई भी सोचेगा कि भला कुर्सी पर बैठने से कैसे किसी की मौत हो सकती है। आपको बता दें कि यूके में एक एसी चेयर है जिसे डेथ चेयर कहा जाता है। इस पर जो भी बैठता है वह जिंदा नहीं बचता। यह 300 साल पुरानी कहानी है जो लोगों के बीच अभी भी प्रचलित है।
किसकी थी शापित कुर्सी (Whose Cursed Chair Was it?)
जानकारी के मुताबिक की कुर्सी नॉर्थ यॉर्कशायर के थॉमस बस्बी के पास थी। इस कुर्सी से उन्हें कभी कोई खतरा नहीं रहा लेकिन उनकी मौत के बाद यह शापित हो गई। जिसने भी इस पर बैठकर आराम करने की कोशिश की उसने मृत्यु को बुला लिया।
थॉमस ने दिया था कुर्सी को शाप (Thomas Cursed The Chair)
बताया जाता है कि हर रोज थॉमस के ससुर इस कुर्सी पर बैठकर आराम फरमाने लगे थे। इस बात पर उसे इतना गुस्सा आया कि उसने अपने ससुर को मार दिया। इसके बाद उस पर केस चलने लगा। 1704 में से फांसी की सजा दी गई। मरने से पहले उसने श्राप दिया कि जो भी इस कुर्सी पर बैठेगा उसकी मौत हो जाएगी।
बात ना मानने पर लगा था शाप (There Was a Curse For Not Obeying)
जब थॉमस ने यह कहा तो लोगों ने उसकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया। लोग इस कुर्सी पर बैठते चले गए और मृत्यु को प्यारे होते चले गए। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कुछ सैनिक इस कुर्सी पर बैठ गए थे और उनमें से कोई भी जिंदा नहीं बचा। बाद में इस कुर्सी की जगह भी बदलती गई लेकिन इसने अपना कमल दिखाना बंद नहीं किया। आखिरकार इसको एक स्थानीय म्यूजियम में रख दिया गया। यहां इस कुर्सी को जमीन पर रखने की जगह छत से टांग दिया गया है और इसके शापित होने की कहानी भी लिखी गई है।