Famous Places in Moradabad: कभी मुरादाबाद जायें तो इन 10 जगहों को घूमना ना भूलें
Famous Places in Moradabad: आम के बागों के लिए प्रसिद्ध मोरादाबाद में आमों की कई स्वादिष्ट किस्में हैं जो देश ही नहीं विदेशों तक में प्रसिद्ध है। ख़ासतौर पर मुरादाबाद अपने पीतल और धातु उद्योग के लिए विश्व प्रसिद्ध है। पीतल बाज़ार, जिसे पीतल मंडी के नाम से भी जाना जाता है, एक हलचल भरा बाज़ार है जहाँ आप सजावटी वस्तुओं, बर्तनों और अन्य सहित पीतल की वस्तुओं की एक बड़ा बाज़ार पा सकते हैं।
Famous Places in Moradabad: मुरादाबाद उत्तर प्रदेश में स्थित एक शहर है जो शिल्प कौशल के अपने समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है, विशेष रूप से धातु और पीतल के बर्तनों में। यह शहर अपने जटिल धातुकर्म के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें पीतल के बर्तन, बर्तन, सजावटी सामान और बहुत कुछ शामिल है। मुरादाबाद में पीतल बाजार (पीतल मंडी) अपने विभिन्न प्रकार के पीतल उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है।
मुरादाबाद का इतिहास प्राचीन काल से है। इसने मुगलों सहित विभिन्न राजवंशों और शासकों का प्रभाव देखा है। इस शहर ने भारत की ऐतिहासिक घटनाओं और सांस्कृतिक विकास में भूमिका निभाई है। मोरादाबाद अपने स्ट्रीट फूड और मिठाइयों के लिए जाना जाता है।
आम के बागों के लिए प्रसिद्ध मुरादाबाद में आमों की कई स्वादिष्ट किस्में हैं जो देश ही नहीं विदेशों तक में प्रसिद्ध है। ख़ासतौर पर मुरादाबाद अपने पीतल और धातु उद्योग के लिए विश्व प्रसिद्ध है। पीतल बाज़ार, जिसे पीतल मंडी के नाम से भी जाना जाता है, एक हलचल भरा बाज़ार है जहाँ आप सजावटी वस्तुओं, बर्तनों और अन्य सहित पीतल की वस्तुओं की एक बड़ा बाज़ार पा सकते हैं।
मुरादाबाद के फेमस प्लेसेस
मंडावर का महल (Mandawar Ka Mahal): मंडावर कैसल के नाम से भी जाना जाने वाला यह ऐतिहासिक महल क्षेत्र की स्थापत्य और कलात्मक विरासत को प्रदर्शित करता है। यह महल अपने जटिल डिजाइनों के लिए जाना जाता है और यह फोटोग्राफी और अन्वेषण के लिए एक बेहतरीन जगह है।
साईं मंदिर( Sai Temple): मुरादाबाद में साईं मंदिर शिरडी साईं बाबा को समर्पित है। यह एक शांत पूजा स्थल है जो ध्यान और प्रार्थना के लिए शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करता है।
मुराद अली का किला (Murad Ali Fort): मुरादाबाद में मुगल शासक का मुराद अली का किला है जो अब गवर्नमेंट कॉलेज कहलाता है। इसी कालेज के मैदान के नीचे से एक सुरंग निकलती है जो कहा जाता है कि मुगल शासक के समय दिल्ली ताक जाती थी। स्थानीय शासन ने अब सुरंग बंद कर दी है। कहा जाता है कि कई बार लोग सुरंग में गए तो लेकिन वापस नहीं लौट कर आये।
बड़ी जामा मस्जिद( Badi Jama Masjid): यह मस्जिद एक वास्तुशिल्प चमत्कार और एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। इसकी भव्य संरचना और जटिल विवरण इसे शहर में एक महत्वपूर्ण स्थल बनाते हैं।
गणेश घाट का पुल (Ganesh Ghat Bridge): मुरादाबाद और रामपुर हाइवे पर मुंडा पांडे के समीप एक गणेश घाट का पुल है। फिलहाल अब वहां छोटा सा मंदिर बन गया है। उस घाट पर 70 के दशक में एक रेल का इंजन और एक बोगी गिर गई थी जिसका अभी तक तक कोई पता नहीं लग सका।
प्राचीन झारखंडी का मंदिर (Jharkhandi Temple): मुरादाबाद में प्राचीन झारखंडी का मंदिर है, जहां नागफणी के बीच शिवलिंग है। यह मुगल साम्रज्य के समय प्रकट हुआ था। इस मंदिर की मान्यता है की जो स्त्री सावन में 16 दिन चिराग जलाएगी उसकी हर मनोकामना पूर्ण होगी। इससे 200 मीटर की दूरी पर कामेश्वर नाथ मंदिर है, यह 84 घंटे मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर में चोरासी घंटे मौजूद है। यहाँ शिवलिंग पर भांग चढ़ाने पर चहेरे के दाने मिट जाते हे ओर भक्तो की इच्छा पूर्ण होती है।
मुरादाबाद चिड़ियाघर (Moradabad Zoo): मुरादाबाद चिड़ियाघर, जिसे कान्हा फन सिटी के नाम से भी जाना जाता है, विभिन्न प्रकार के जानवरों और मनोरंजन विकल्पों के साथ एक परिवार-अनुकूल आकर्षण है।
आम का बाग (Mango Orchard): मुरादाबाद अपने आम के बागों के लिए जाना जाता है, खासकर आम के मौसम के दौरान। यदि आप सही समय पर आते हैं, तो आप सीधे बगीचों से ताजे और स्वादिष्ट आमों का आनंद ले सकते हैं।
डियर पार्क और देवी का प्राचीन: यहाँ का डियर पार्क बहुत प्रसिद्ध है। यह जल्दी ही बना है। यह मुरादाबाद-रामपुर हाइवे पर स्थित है। दलपतपुर के गांव में बुझ पूरे वाली देवी का प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है यहां आज भी बकरे की बाली दी जाती है और मंदिर परिसर में हजारों बकरे घूमते मिल जायेंगे। मुरादाबाद में शहीद मंजू खा की मजार है। जिन्हे अंग्रेजो ने मारकर नीम के पेड़ से लटका दिया था.
मोरादाबाद की विरासत, शिल्प कौशल और धार्मिक स्थल आगंतुकों के लिए विविध प्रकार के अनुभव प्रदान करते हैं। चाहे आप इतिहास, संस्कृति, पीतल के बर्तनों की खरीदारी में रुचि रखते हों, या बस स्थानीय आकर्षणों का आनंद ले रहे हों, मोरादाबाद में हर यात्री के लिए कुछ न कुछ है।