Prayagraj Famous Shiv Mandir: उत्तर प्रदेश का ऐसा मंदिर, जहां दर्शन के लिए पहाड़ी पर चढ़ना है जरूरी

Prayagraj Famous Shiv Mandir: आज हम प्रयागराज के एक ऐस ही मंदिर के बारे में बात करने जा रहे है, जो प्रयागराज के नजदीक होते हुए भी हिडेन है।

Written By :  Yachana Jaiswal
Update: 2024-05-11 03:30 GMT

Prayagraj Famous Temple (Pic Credit-Social Media)

Prayagraj Famous Sujawan Mahadev: उत्तर प्रदेश राज्य का प्रयागराज जिला के बारे में सुनकर जो एक चीज याद आती है वो है संगम। गंगा और यमुना नदी का। उसक बाद यहां पर लग्न वाला कुंभ और फिर यहां के खूबसूरत मंदिर जो धार्मिक और पौराणिक दोनों ही तरह से महत्वपूर्ण है। आज हम प्रयागराज के एक ऐस ही मंदिर के बारे में बात करने जा रहे है, जो प्रयागराज के नजदीक होते हुए भी हिडेन है। यह जगह फिल्म में लिए जाने के बाद ज्यादा मशहूर हुई। हम जिस जगह के बारे में बात कर रहे है, असल में वो एक मंदिर है।

बॉलीवुड फिल्म की गई है शूट 

हम बात कर रहे है, सुजावन महादेव मंदिर के बारे में। यह मंदिर प्रयागराज शहर से दूर यमुना नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जो ज्यादातर समय पानी से घिरा रहता है। बॉलीवुड की फिल्म ओमकारा की शूटिंग भी इसी मंदिर में की गई थी। जिसमे अजय देवगन, सैफ अली खान, बिपाशा बसु, करीना कपूर, विवेक ओबेरॉय जैसे सुपर स्टार थे। यह मंदिर घूरपुर भीटा में स्थित है। 

नाम: सुजावन महादेव

पता: भीटा पहाड़ घूरपुर, प्रयागराज,उत्तर प्रदेश 



सभी के लिए एक आदर्श सौंदर्य स्थल

बरसात के समय यह पहाड़ पर बसा मंदिर नदी के पानी से घिरा होता है। उस दौरान इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आपको नाव बुक करनी पड़ती है। लेकिन आम तौर पर आप सड़क मार्ग से मंदिर के प्रवेश द्वार तक जा सकते हैं। पहाड़ी के शीर्ष पर आपको एक मनमोहक शिवलिंग मिलेगा। यहां पर दृश्य भी बहुत अच्छा है। लेकिन आपको आसपास कोई दुकान नहीं मिलेगी। तो आप एक घंटे के लिए उस जगह पर जा सकते हैं और फिर निकल सकते हैं।



शहर के शोर से दूर प्रकृति की गोद में है मंदिर

यह मंदिर प्रयागराज में यमुना नदी के बीच में प्रकृति की एक अनोखी कृति भी है। शहर से करीब 25 किमी दूर पश्चिम में यमुना नदी के बीच में सुजावन देव मंदिर की लोकेशन मन को बहुत लुभाती है। पहुंच मार्ग बहुत अच्छा नहीं है और पहुंचने में समय भी लगता है। यहां भगवान शिव व माता यमुना का मंदिर है। इस मंदिर में वर्ष भर लोगों का आना जाना लगा रहता है। मंदिर के आस-पास की भीटा पहाड़ी में कभी नगरीय सभ्यता थी। इस मंदिर की आस्‍था हजारों लोगों से जुड़ी हुई है। प्रकृति की गोद में मंदिर स्थित होने से भव्‍यता और बढ़ जाती है।



घूमने के लिए पूरी तैयारी के साथ जाए 

सुविधाओं के मामले में मंदिर के आसपास वस्तुतः कुछ भी नहीं है, लेकिन पास में एक गांव है और कुछ सुविधाएं थोड़ी दूर पर हैं। इसलिए अपनी सभी आवश्यकताओं के साथ अच्छी तरह तैयार रहें। आप वहां कार से आसानी से पहुंच सकते हैं। जगह घूमने और फोटोग्राफी करने के लिए आपको लगभग एक घंटे का समय लगेगा जो कि बहुत जरूरी है।



मंदिर पर खास तौर पर प्रसिद्ध है भाईदूज

मृत्यु के देवता यमराज, भाई दूज के दिन नदी तट पर इस स्थान पर अपनी बहन यमुना से मिलने आए थे, यमुना के स्वागत और आतिथ्य से प्रसन्न होकर उन्होंने उनकी इच्छा पूरी की। जो भी व्यक्ति भाई दूज के दिन यमुना के जल से स्नान करेगा उसे स्वर्ग में स्थान मिलेगा। हर साल भाई दूज के दिन मंदिर में एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है और इसमें शामिल होने के लिए सैकड़ों लोग आते हैं। चूँकि यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, इसलिए हर साल यहां पर महाशिवरात्रि भी मनाई जाती है।



मंदिर की उत्पत्ति पर कुछ कहना मुश्किल

आध्यात्मिकता के साथ-साथ रहस्य और एक अच्छी कहानी की तलाश करने वालों के लिए एक छिपा हुआ रत्न है। इस मंदिर की उत्पत्ति के बारे में कोई नहीं बता सकता लेकिन इसके पीछे एक कहानी और कई लोककथाएं हैं। मिट्टी और ईंटों की खुदाई करते समय, ईस्ट इंडिया रेलवे के लिए काम करने वाले ठेकेदारों को एक प्राचीन स्थान के संकेत मिले। इससे संकेत मिलता है कि यहां कोई प्राचीन सभ्यता अस्तित्व में रही होगी। जिस पहाड़ी पर मंदिर स्थित है उसे भीटा पहाड़ी भी कहा जाता है। यह पहाड़ी उस राज्य का उत्तरी सिरा मानी जाती है। वर्ष में एक बार इस स्थान पर यमुना नदी से बाढ़ आ जाती है। वह चरम मानसून के दौरान होता है। उस दौरान आपको नाव का सहारा लेकर मंदिर तक पहुचना होता है।



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