Gandhi Sagar Jal Jheel: जन्नत से कम नहीं है मध्य प्रदेश के गांधी सागर का दीदार, देखने को मिलेंगे शानदार नजारे

Gandhi Sagar Jal Jheel Mandsaur: मध्य प्रदेश में एक से बढ़कर एक पर्यटन स्थल मौजूद है जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते हैं। अगर आप प्राकृतिक खूबसूरती का दीदार करना चाहते हैं तो आपको गांधी सागर बांध और झील देखने जाना चाहिए।

Update: 2024-01-05 11:16 GMT

Gandhisagar Nature Retreat (Photos - Social Media)

Gandhi Sagar Jal Jheel Mandsaur: मध्य प्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य है जहां पर घूमने फिरने के लिए एक से बढ़कर एक जगह मौजूद है। नए साल की शुरुआत हो चुकी है और सभी लोग घूमने फिरने का प्लान बना रहे हैं। अगर आप नए वर्ष में कहीं घूमने जाना चाहते हैं तो आज हम आपको मध्य प्रदेश की एक खूबसूरत जगह के बारे में बताते हैं जहां की सुंदरता आपका दिल जीत लेगी।एमपी और राजस्थान की बॉर्डर पर मौजूद मंदसौर में एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गांधी सागर मौजूद है जो पर्यटन की दृष्टि से काफी खास माना जाता है। यह जगह इतनी खूबसूरत है कि जब आप यहां पर जाएंगे तो यहां की सुंदरता में खो जाएंगे।

आकर्षण का केंद्र है झील

मध्य प्रदेश के मंदसौर और नीमच के अलावा गांधी सागर झील राजस्थान के कोटा और झालावाड़ जिले की सरहदों पर बनी हुई है। 65 वर्ग किलोमीटर एरिया में फैली हुई है झील एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है। इस झील के दोनों किनारो पर पर्यटन की दृष्टि से कई सारी जगह बनाई गई है जो सैलानियों को अपनी और आकर्षित करती है।


क्रूजर और मोटर बोट का लें आनंद

घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए क्रूजर और मोटर बोट की सुविधा उपलब्ध है। यह दोनों ही एडवेंचर राइड है जो आपको झील की खूबसूरती का आनंद लेने का मौका देने वाली है। अगर आप झील के किनारे की खूबसूरती को देखना चाहते हैं तो यहां के हिंगलाज रिजॉर्ट और कुछ अन्य छोटे-बड़े होटल में रुक सकते हैं जहां से आपको लेक व्यू आसानी से दिखाई देगा। गांधी सागर झील से सटे हुए इलाके में आपको वन्य जीव तो देखने को मिलेंगे इसके अलावा यह सबसे बड़ी गिद्ध सेंचुरी के रूप में भी प्रसिद्ध है। एक ऐसी प्रजाति है जो आम लोगों की बहुत से काफी दूर हो गए हैं लेकिन यहां पर इन्हें स्वतंत्र विचरण करते हुए देखा जा सकता है। गिद्धों का अंदाज यहां आने वाले लोगों को काफी आकर्षित करता है।

मनमोहक पहाड़ियों के नजारे

गांधी सागर बांध की झील का निर्माण दोनों तरफ से पहाड़ियों से गिरी चंबल नदी पर किया गया है। शाम के समय में इस झील की रौनक यहां की ऊंची ऊंची पहाड़ियों की वजह से और भी मनमोहक नजर आती है। बांधके एक छोर पर बुजुर्गों और बच्चों के लिए पार्क भी बनाया गया है जहां की हरियाली शांति और सुकून का अहसास देती है। यहां भारत माता की मूर्ति भी लगी हुई है जो आकर्षण का केंद्र रहती है।

ये है खास जगह

यह जगह मंदसौर से 145 किलोमीटर दूर है जहां पर आसानी से सड़क के जरिए पहुंचा जा सकता है। महज 2 दिन के टूर में आप यहां के आसपास मौजूद शानदार स्थान का दीदार भी कर सकते हैं। यहां से 12 किलोमीटर दूर ऐतिहासिक हिंगलाजगढ़ किला मौजूद है। 35 किलोमीटर की दूरी पर कवला का प्राचीन मंदिर मौजूद है जिससे एक झील भी सटी हुई है। पर आपको भानपुरा की छतरियां और आदिमानव द्वारा बनाए गए कप मार्क्स भी देखने को मिलेंगे। शाम के वक्त इस दिल के किनारे की खूबसूरती किसी का भी दिल जीत सकती है।


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