Hanuman Dhara Chitrakoot: लंका दहन के बाद यहां हनुमान जी ने बुझाई थी पूंछ की आग, बहुत प्रसिद्ध है ये स्थान

Hanuman Dhara Chitrakoot : हनुमान जी एक ऐसी भगवान है जो आज भी पृथ्वी पर साक्षात मौजूद हैं। हनुमान जी की कहानी मंदिर भी है जो लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है चलिए आज हम आपको ऐसी ही जगह हनुमान धारा के बारे में बताते हैं।

Update:2024-08-19 12:48 IST

Hanuman Dhara Chitrakoot (Photos - Social Media) 

Hanuman Dhara Chitrakoot : हनुमान जी एक ऐसी भगवान है जो आज भी पृथ्वी पर साक्षात मौजूद हैं। हनुमान जी की कहानी मंदिर भी है जो लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है चलिए आज हम आपको ऐसी ही जगह हनुमान धारा के बारे में बताते हैं। हनुमान धारा के बारे में कहा जाता है की जब श्री हनुमान जी ने लंका में आग लगाई उसके बाद उनकी पूंछ में लगी आग को बुझाने के लिए वो इस जगह आये जिन्हे भक्त हनुमान धारा कहते है।

यहां बुझाई थी हनुमान जी ने अपनी पूंछ की आग (Hanuman Ji Had Extinguished The Fire of His Tail Here)

यह विन्ध्यास के शुरुआत में राम घाट से 4 किलोमीटर दूर है। एक चमत्कारिक पवित्र और ठंडी जल धारा पर्वत से निकल कर हनुमान जी की मूरत की पूँछ को स्नान कराकर निचे कुंड में चली जाती है। कहा जाता है कि जब हनुमानजी ने लंका में अपनी पूँछ से आग लगाई थी तब उनकी पूँछ पर भी बहूत जलन हो रही थी। रामराज्य में भगवन श्री राम से हनुमानजी विनती की जिससे अपनी जली हुई पूँछ का इलाज हो सके। तब श्री राम ने अपने बाण के प्रहार से इसी जगह पर एक पवित्र धारा बनाई जो हनुमान जी की पूँछ पर लगातार गिरकर पूँछ के दर्द को कम करती रही।


जल धारा पर्वत पर मौजूद हैं कई मंदिर (There Are Many Temples Present on Jal Dhara Mountain)

हनुमान धारा पर आपको हनुमान जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है, जो ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। हनुमान जी के मंदिर के ऊपर सीता जी की रसोई है, जहां पर सीता जी ने ऋषियों के लिए खाना बनाया था। यहां पर आपको बहुत सारे मंदिर देखने के लिए मिल जाते हैं। हनुमान धारा मंदिर की जहां से सीढ़ियां शुरू होती हैं, वहां पर आपको बंदर मिलने शुरू हो जाते हैं। सीढ़ियों के एक तरफ आपको हनुमान जी की मूर्ति और दूसरी तरफ गणेश जी की मूर्ति देखने को मिलती है। आप ऊपर जाएंगे, तो आपको यहां पर राम जी, लक्ष्मण जी और सीता जी की भव्य मूर्तियां देखने को मिलती है। यहां से आपको नीचे का मनोरम नजारा देखने को मिलता है। आप सीढ़ियों से ऊपर जाएंगे, तो आपको यहां पर हनुमान जी का मुख्य मंदिर देखने को मिलेगा, जिसके नीचे ही आपको जलधारा दिख जाएगी। आप इस जल को पी सकते हैं। यह जल धारा गर्मियों के समय भी बहती है। हनुमान जी की भव्य मूर्ति यहां विराजमान है। आप उनके दर्शन कर सकते हैं। यहां पर आपको हनुमान जी की गदा देखने के लिए भी मिल जाती है। यहां पर सीता जी का मंदिर भी है।


चित्रकूट पहुंचने का तरीका (How To Reach Chitrakoot)

वायु मार्ग द्वारा : चित्रकूट के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट प्रयागराज है, यहां से आप बस द्वारा चित्रकूट पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग द्वारा : चित्रकूट पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी स्टेशन 8 कि.मी. दूर कर्वी है। यहां से आप बस या कार द्वारा चित्रकूट पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग द्वारा : सड़क मार्ग द्वारा चित्रकूट आने के लिए इलाहाबाद, बांदा, झांसी, महोबा, कानपुर, छतरपुर, सतना, फैजाबाद, लखनऊ, मैहर आदि प्रमुख शहरों से नियमित बस सेवा उपलब्ध है।

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