Himachal Famous Momos: 12 हजार मोमोज बनाने वाली फैक्ट्री, जानिए किस प्रोसेस से तैयार होकर आप तक पहुंचते हैं ये

Himachal Famous Momos: अगर आपको हम मोमोज़ की फैक्ट्री में ही ले चलें तो वहां जाकर आपका मन इन मोमोज़ को खाने के लिए बेताब तो ज़रूर हो जायेगा। आइये जानते हैं कैसे बनते हैं ये मोमोज़ और कितनी लागत आती है इसमें।

Update:2023-08-21 13:26 IST
Himachal Famous Momos (Image Credit-Social Media)

Himachal Famous Momos: आप एक प्लेट मोमोज़ कितनी देर में ख़त्म कर सकते हैं? शायद आपका जवाब 5 से 10 मिनट होगा लेकिन अगर आपको हम मोमोज़ की फैक्ट्री में ही ले चलें तो वहां जाकर आपका मन इन मोमोज़ को खाने के लिए बेताब तो ज़रूर हो जायेगा। आज हम जिस फैक्ट्री के बारे में बताने जा रहे हैं वहां इन मोमोज़ को लोग नहीं बनाते बल्कि इन्हे अलग ही तरह से बनाया जाता है। जिसके लिए 20 लाख रूपए खर्च किये गए हैं। आइये जानते हैं कैसे बनते हैं ये मोमोज़ और कितनी लागत आती है इसमें।

12 हज़ार मोमोज़ बनाने वाली मशीन

मोमोज़ आजकल हर गली नुक्कड़ पर आपको मिल जायेंगे इनकी डिमांड के साथ साथ इनकी पूर्ति भी की जा रही है। लोगों के बीच ये अब इतने पॉपुलर हो चुके हैं कि इनके अलग अलग वैराइटी भी आपको रेस्टोरेंट्स से लेकर हर जगह मिल जाएगी। फिर चाहे वो तंदूरी मोमोज़ हों या चिल्ली मोमोज़। ऐसे में अगर आप भी मोमोज़ की फैक्ट्री लगाना चाहते हैं और आपकी कोशिश है कि इसमें आपको घाटा भी न हो तो इससे बेहतर और कुछ नहीं है। मोमोज़ बनाने के लिए आपने लोगों को मशक्कत करते देखा ही होगा। वहीँ अगर हम आपसे पूछें कि आपकी प्लेट तक आने वाला मोमो किसने बनाया होगा तो आप किसी दूकानदार या किसी शख्स का नाम लेंगे। लेकिन हम आपको बता दें कि इन मोमोज़ को फैक्ट्री में बनाया जाता है और तैयार किये गए इन मोमोज़ को सब जगह सप्लाई किया जाता है। वहीँ इन्हे कोई इंसान नहीं बल्कि मशीन द्वारा बनाया जाता है।

मोमोज़ की इस फैक्ट्री में एक घंटे में करीब 1200 मोमोज़ बनते हैं वहीँ अगर मैनुअली इसे बनाया जाये तो पूरे दिन में 500 से ज़्यादा मोमोज़ नहीं बनते। इस मशीन के अंदर सिर्फ मोमोज़ की फिलिंग और गुथा हुआ मैदा डाला जाता है। मैदे को भी आप मशीन की सहायता से गूथ सकते हैं इसके बाद फिलिंग और मैदा मशीन में अलग अलग जगह डाल दिया जाता है और अपने आप मोमोज़ बनकर तैयार निकलने लगते हैं इसके बाद इन्हे स्टीम भी किया जाता है। जिसमे एक बार में करीब 1200 मोमोज़ स्टीम हो जाते हैं।

मोमोज़ की फिलिंग बनाने के लिए सोया बीन को पानी में भिगोकर रखा जाता है और फिर उसे मशीन की सहायता से कंप्रेस करके पूरी तरह निचोड़ लिया जाता है। इसके बाद इसे पीस के इसका कीमा बनाया जाता है और फिर कढ़ाई में तेल गर्म करके कई तरह के मसालों, अदरक, लहसुन, सोया का कीमा नमक सबकुछ मिलकर एक फिलिंग तैयार कर ली जाती है।

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अब जब आप इन मोमोज़ को खाएंगे तो आपको भी इसके बनाने का प्रोसेस ज़रूर याद आएगा।

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