History Of GB Road: क्या आपको पता है दिल्ली के जीबी रोड का असली नाम? यहां जानें इसका इतिहास
History Of GB Road: श्रद्धानंद मार्ग के नाम से प्रसिद्ध दिल्ली का इलाका किसी समय जीबी रोड के नाम से पहचाना जाता था। हालांकि, आज भी लोगों के बीच यह नाम प्रचलित है। चलिए हम आपको इसकी कहानी बताते हैं।
History Of GB Road : दिल्ली का जीबी रोड एक प्रसिद्ध इलाका है जिसे लेकर कई तरह की कहानियां प्रचलित है। फिलहाल यह जगह रेड लाइट एरिया की वजह से पूरे भारत में फेमस है। हालांकि जीबी रोड को रेड लाइट एरिया से अलग हार्डवेयर मार्केट की वजह से भी पहचाना जाता है। यहां दोपहर के समय सामान्य बाजार की दुकान खोल हैं लेकिन रात में तस्वीर पूरी तरह से बदली हुई नजर आती है। यहां के कोर्ट के बारे में आपने सुना होगा लेकिन आज हम आपको उसके नाम और इस गली के इतिहास के बारे में बताते हैं।
जीबी रोड का इतिहास (History Of GB Road)
दिल्ली के जीबी रोड यानी गारस्टिन बास्टिन रोड की कहानी बहुत पुरानी है. कहा जाता है कि मुगल काल में इस इलाके में पांच रेड लाइट एरिया यानी कोठे हुआ करते थे. अंग्रेज़ों के आने के बाद उन्होंने इन सभी को एक कर दिया और इसका नाम जीबी रोड रखा. जीबी रोड का नाम अंग्रेज़ी अफ़सर गारस्टिन बास्टियन के नाम पर पड़ा. साल 1965 में इसका नाम बदलकर स्वामी श्रद्धानंद मार्ग कर दिया गयाI
जीबी रोड दिल्ली का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया है. यहां देहव्यापार का सबसे बड़ा कारोबार होता है. दिन में यहां ऑटो मोबाइल पार्ट्स और हार्डवेयर की दुकानें खुलती हैं. सूरज ढलने के बाद करीब 25 इमारतों में करीब 116 कोठे सज जाते हैं और इनमें 4,000 से ज़्यादा सेक्स वर्कर रहते हैं. हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि यहां का माहौल डरावना होता है. कुछ लोगों ने यहां भूत या आत्मा को भी देखा हैI
ऐसी है जीबी रोड की कहानी (The Story of GB Road)
जीबी रोड के बारे में सबसे पहले तो यह जान लीजिए किस जगह का नाम अभी जीबी रोड नहीं बल्कि स्वामी श्रद्धानंद मार्ग है लेकिन इसे किसी समय जीबी रोड के नाम से पुकारा जाता था। हालांकि नाम बदलने के बावजूद भी ब्रैकेट में जीबी रोड लिखा हुआ दिखाई देता है। जानकारी के मुताबिक 1966 में इस जगह का आधिकारिक नाम श्रद्धानंद मार्ग कर दिया गया था। यह दिल्ली की एक पुरानी जगह है जिसका नाम शाहजहानाबाद है। यह दीवार से घिरा हुआ था जहां पर गेट और बुर्ज थे इन बुर्ज को अंग्रेजी में बास्टियन कहा जाता था। इस बुर्ज का नाम एक अंग्रेजी अफसर के नाम पर रखा गया था जिसका नाम गारस्टिन था। कहां जाता है कि दिल्ली में पांच कोठी हुआ करते थे और गारस्टिन ने इन सभी जगह को इकट्ठा कर दिया और तब से इसे गारस्टिंग बास्टियन रोड के नाम से पहचाने जाने लगा। बाद में इसे शॉर्टकट में जीबी रोड कहां जाने लगा वैसे अब इसका नाम बदल गया हैI
क्या जीबी रोड सुरक्षित है? (Is GB Road Safe?)
रात के समय दिल्ली जीबी रोड पर जाना असुरक्षित है। इस इलाके में अपराध की दर अधिक होती है, जिसमें चोरी, लूटपाट, और यौन उत्पीड़न शामिल हैं। इसके अलावा, इस इलाके में रोशनी की कमी होती है, जो अपराधियों को छिपने और अपराध करने में मदद करती है। अपराध की दर अधिक: जीबी रोड एक रेड लाइट एरिया है, जहां अपराध की दर अधिक होती है।