Greenland History Wiki in Hindi: क्यों ग्रीनलैंड को खरीदना चाहती है अमरीकी सरकार, जानिए इसकी वजह
History of Greenland Wikipedia in Hindi: ग्रीनलैंड में ऐसा क्या है, जिसे अमरीकी सरकार खरीदना चाहती है, आइए जानते है इस बर्फ के द्वीप के बारे में;
History of Greenland: ग्रीनलैंड (Greenland) दुनिया के सबसे बड़े द्वीपों में से एक है, जो आर्कटिक और अटलांटिक महासागरों के बीच स्थित है। यह अपनी बर्फीली परत, कठोर जलवायु और अनूठी भौगोलिक विशेषताओं के लिए जाना जाता है। ग्रीनलैंड, भले ही स्वायत्त क्षेत्र हो, डेनमार्क के अधीन है। इसका स्वशासन है। लेकिन रक्षा और विदेश नीति जैसे कुछ महत्वपूर्ण मामलों में डेनमार्क की भूमिका है।
भौगोलिक स्थिति और विशेषताएं (Greenland Geographical Location and Features)
ग्रीनलैंड का क्षेत्रफल लगभग 21,66,086 वर्ग किलोमीटर है। लेकिन इसका अधिकांश हिस्सा (लगभग 80 फ़ीसदी) बर्फ की मोटी परत से ढका हुआ है। इसकी सीमाएं:उत्तर में आर्कटिक महासागर,पूर्व में अटलांटिक महासागर,पश्चिम में कनाडा का आर्कटिक द्वीपसमूह।ग्रीनलैंड का तटवर्ती इलाका अधिकांशतः बर्फ मुक्त रहता है और यहीं अधिकतर जनसंख्या निवास करती है।
राजनीतिक स्वामित्व और प्रशासन (Greenland Political Ownership and Governance)
ग्रीनलैंड डेनमार्क का स्वायत्त क्षेत्र है। हालांकि यह डेनमार्क का हिस्सा है। लेकिन इसे 1979 में सीमित स्वशासन प्राप्त हुआ और 2009 में स्वशासन का विस्तार किया गया।डेनमार्क रक्षा, विदेश नीति और मुद्रा का जिम्मा संभालता है।ग्रीनलैंड सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और प्राकृतिक संसाधनों पर नियंत्रण रखती है।ग्रीनलैंड के निवासी डेनिश नागरिक होते हैं और यूरोपीय संघ का हिस्सा नहीं हैं।
जनसंख्या और संस्कृति (Greenland Population and Culture)
ग्रीनलैंड की जनसंख्या लगभग 56,000 है, जो इसे दुनिया का सबसे कम घनी आबादी वाला क्षेत्र बनाती है। अधिकांश आबादी स्थानीय इनुइट समुदाय की है, जो यहां हजारों वर्षों से रहते आ रहे हैं। यहाँ यूरोपीय प्रभाव भी यहां देखा जाता है, विशेषकर भाषा और प्रशासन में। ग्रीनलैंडिक (कालाallisut) आधिकारिक भाषा है, लेकिन डेनिश और अंग्रेजी भी व्यापक रूप से बोली जाती है। अधिकांश लोग ईसाई धर्म के लूथरन संप्रदाय को मानते हैं।
प्राकृतिक संसाधन और अर्थव्यवस्था (Greenland Natural Resources and Economy)
ग्रीनलैंड की अर्थव्यवस्था मुख्यतः मछली पकड़ने और मछली निर्यात पर निर्भर करती है। इसके अतिरिक्त, पर्यटन, खनिज (जैसे सोना, यूरेनियम, और दुर्लभ मेटल्स), और तेल के भंडार यहां की अर्थव्यवस्था के अन्य प्रमुख स्तंभ हैं।ग्रीनलैंड के बर्फ के नीचे दुर्लभ खनिजों और हाइड्रोकार्बन का बड़ा भंडार है। बर्फ की चादरें, हिमखंड और उत्तरी रोशनी (Northern Lights) ग्रीनलैंड को एक आकर्षक पर्यटन स्थल बनाते हैं।हालांकि, जलवायु परिवर्तन के कारण बर्फ के पिघलने की घटनाएं हो रही हैं, जिससे प्राकृतिक संसाधनों की खोज और पर्यटन में वृद्धि हुई है।
जलवायु और पर्यावरण- ग्रीनलैंड में मुख्य रूप से आर्कटिक जलवायु है।सर्दियां लंबी और ठंडी होती हैं, जबकि गर्मियां छोटी और ठंडी होती हैं।औसत तापमान गर्मियों में लगभग 10°C और सर्दियों में -20°C से भी कम हो सकता है। यहां का पर्यावरण वैश्विक जलवायु परिवर्तन से अत्यधिक प्रभावित हो रहा है। ग्रीनलैंड की बर्फ की चादरें तेजी से पिघल रही हैं, जिससे समुद्र स्तर में वृद्धि का खतरा है।
इतिहास और खोज (Greenland Ki History)
ग्रीनलैंड की खोज 10वीं शताब्दी में वाइकिंग्स द्वारा की गई थी।वाइकिंग नेता, जिन्होंने ग्रीनलैंड का नामकरण किया और इसे बसाया।18वीं सदी में ग्रीनलैंड डेनमार्क का उपनिवेश बना।धीरे-धीरे डेनमार्क का हिस्सा बन गया।
महत्व और वैश्विक भूमिका (Greenland Importance)
ग्रीनलैंड रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है । क्योंकि यह उत्तरी अटलांटिक और आर्कटिक महासागरों के बीच स्थित है।यहां के बर्फ भंडार जलवायु परिवर्तन के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण हैं।आर्कटिक क्षेत्र में इसके स्थान के कारण, ग्रीनलैंड अमेरिका और रूस जैसी महाशक्तियों के लिए रणनीतिक महत्व रखता है।हाल के वर्षों में अमेरिका और अन्य देशों ने ग्रीनलैंड में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में रुचि दिखाई है।
आधुनिक चुनौतियां और भविष्य
ग्रीनलैंड अपनी स्वतंत्रता और विकास के लिए डेनमार्क पर निर्भरता को कम करने की कोशिश कर रहा है।खनिज और तेल भंडार का दोहन ग्रीनलैंड को आर्थिक स्वतंत्रता दिला सकता है।बर्फ पिघलने और पर्यावरणीय परिवर्तन ग्रीनलैंड के भविष्य के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं।ग्रीनलैंड की सरकार पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है।
ग्रीनलैंड अपनी अनूठी भौगोलिक, सांस्कृतिक और सामरिक विशेषताओं के कारण विश्व के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। डेनमार्क के साथ इसका संबंध और प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता इसे एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाती है। हालांकि, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक चुनौतियां इसके विकास को प्रभावित करती हैं। लेकिन ग्रीनलैंड वैश्विक परिदृश्य में अपनी विशेष पहचान बनाए रखता है।
अमेरिका और ग्रीनलैंड: द्वीप को खरीदने की इच्छा और चुनौतियां
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दुनिया के सबसे बड़े द्वीप, ग्रीनलैंड, को खरीदने की इच्छा व्यक्त की है। यह द्वीप डेनमार्क के अधीन एक स्वशासित क्षेत्र है। ट्रंप ने 2019 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी इस विचार पर चर्चा की थी। लेकिन तब इसे लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था।
अमेरिका का क्षेत्रीय खरीददारी का इतिहास
ग्रीनलैंड को खरीदने की यह सोच कोई नई बात नहीं है। अमेरिका ने पहले भी कई बार क्षेत्रीय खरीदारी की है। उदाहरण के लिए:
- अलास्का: 1867 में अमेरिका ने रूस से अलास्का को 7.2 मिलियन डॉलर में खरीदा था। आज के समय में यह कीमत 153.5 मिलियन डॉलर के बराबर होगी।
- लुइसियाना: 1803 में अमेरिका ने फ्रांस से लुइसियाना को 15 मिलियन डॉलर में खरीदा था, जो आज के हिसाब से लगभग 418.8 मिलियन डॉलर है।
- यूएस वर्जिन आइलैंड्स: 1917 में डेनमार्क से इन द्वीपों को 25 मिलियन डॉलर में खरीदा गया था, जो आज लगभग 616.2 मिलियन डॉलर के बराबर है।
ग्रीनलैंड की खरीद को लेकर 1946 में भी अमेरिका ने एक प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव में ग्रीनलैंड को 100 मिलियन डॉलर के सोने के बदले खरीदने की बात कही गई थी। यह राशि आज लगभग 1.6 बिलियन डॉलर होगी।
ग्रीनलैंड की अनुमानित कीमत
836,000 वर्ग मील में फैले इस विशाल द्वीप की कीमत का अनुमान अलास्का की समायोजित कीमत से 50% अधिक हो सकता है। इसे 230.25 मिलियन डॉलर के बराबर आंका गया है।
ग्रीनलैंड की स्थिति और जनसंख्या
ग्रीनलैंड में लगभग 57,000 लोग रहते हैं। यह पिछले 600 वर्षों से डेनमार्क का हिस्सा है। हालांकि, यह एक अर्ध-संप्रभु क्षेत्र है और अपने आंतरिक मामलों का अधिकांश प्रबंधन स्वयं करता है।
डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने स्पष्ट कर दिया है कि ग्रीनलैंड "ग्रीनलैंड के लोगों का है।” इसका भविष्य केवल वहां की स्थानीय आबादी तय कर सकती है। उन्होंने कहा, "ग्रीनलैंड बिक्री के लिए नहीं है।"
अमेरिका की ग्रीनलैंड में दिलचस्पी
अमेरिका की ग्रीनलैंड में रुचि के कई रणनीतिक कारण है। ग्रीनलैंड उत्तरी अमेरिका से यूरोप तक के सबसे छोटे मार्ग पर स्थित है।यहां दुर्लभ खनिजों के बड़े भंडार हैं, जो बैटरी और उच्च तकनीकी उपकरणों के निर्माण के लिए बेहद जरूरी हैं। ग्रीनलैंड में अमेरिका का एक बड़ा सैन्य अड्डा पहले से मौजूद है, जो सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है।ट्रंप के अनुसार, यह द्वीप चीनी और रूसी जहाजों पर नजर रखने के लिए अहम है।
क्या ग्रीनलैंड को खरीदना संभव है
ग्रीनलैंड को खरीदने की योजना में कई कानूनी, आर्थिक, और राजनीतिक बाधाएं हैं।अमेरिकी संविधान के तहत, इस तरह की खरीदारी के लिए कांग्रेस की मंजूरी अनिवार्य होगी।ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट एगेड ने भी इस विचार को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि ग्रीनलैंड बिकाऊ नहीं है।
भविष्य की चुनौतियां
2019 में, ग्रीनलैंड खरीदने के विचार को लेकर ट्रंप ने डेनमार्क की अपनी यात्रा रद्द कर दी थी। इसका कारण डेनमार्क की प्रधानमंत्री द्वारा इस विचार को सिरे से खारिज करना था।ट्रंप का मानना है कि ग्रीनलैंड अमेरिकी आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन इसे खरीदना आसान नहीं होगा।
ग्रीनलैंड की रणनीतिक और आर्थिक महत्ता को देखते हुए, अमेरिका की इसमें रुचि स्वाभाविक है। हालांकि, इसके स्वामित्व को बदलना डेनमार्क और ग्रीनलैंड के स्थानीय लोगों की सहमति के बिना असंभव है। ग्रीनलैंड का भविष्य उसके संसाधनों और रणनीतिक स्थिति के कारण हमेशा अंतरराष्ट्रीय ध्यान का केंद्र रहेगा।