Kashi Vishwanath Records: काशी में टूटे सारे रिकॉर्ड, इतने लाख लोग पहुंचे काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, जानें कैसे पहुंचे
Kashi Vishwanath Records: काशी नगरी का संबंध भगवान शिव से है। यहां 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा काशी विश्वनाथ का मंदिर मौजूद है।
Kashi Vishwanath Records: वाराणसी यानी कि काशी में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भगवान काशी विश्वनाथ का मंदिर मौजूद है। यह जगह लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है और बड़ी संख्या में लोग यहां पर दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। सावन और महाशिवरात्रि जैसे पर्व पर तो यहां बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती है। फिलहाल तो कोई त्यौहार नहीं है लेकिन फिर भी रविवार के दिन यहां 5 लाख से ज्यादा लोगों ने दर्शन किए हैं। अगर आप भी वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर जाना चाहते हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आप यहां कैसे जा सकते हैं और कैसे दर्शन कर सकते हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर की जानकारी
काशी
वाराणसी, जिसे काशी और बनारस भी कहा जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में गंगा नदी के तट पर स्थित एक प्राचीन नगर है। हिन्दू धर्म में यह एक अतयन्त महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थल है, और बौद्ध व जैन धर्मों का भी एक तीर्थ है। हिन्दू मान्यता में इसे "अविमुक्त क्षेत्र" कहा जाता है। वाराणसी संसार के प्राचीन बसे शहरों में से एक है। काशी नरेश वाराणसी शहर के मुख्य सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी धार्मिक क्रिया-कलापों के अभिन्न अंग हैं। वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है। ये शहर सहस्रों वर्षों से भारत का, विशेषकर उत्तर भारत का सांस्कृतिक एवं धार्मिक केन्द्र रहा है।
क्यों प्रसिद्ध है काशी
इसे 'बनारस' और 'काशी' भी कहते हैं। हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है और इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है। इसके अलावा बौद्ध एवं जैन धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है। वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी, श्री कशी विश्वनाथ मन्दिर एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है। वाराणसी धार्मिकता, संस्कृति और विद्या केंद्र के रूप में महत्वपूर्ण है। वाराणसी के घाट गंगा नदी के किनारे स्थित हैं। यह शहर काशी विश्वनाथ मंदिर, सारनाथ, बनारसी साड़ी, बनारसी पान के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है।
काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास
काशी विश्वनाथ मंदिर अनादि काल से शैव दर्शन का केंद्र रहा है। इसे समय-समय पर कई मुस्लिम शासकों द्वारा ध्वस्त किया गया और उनमें अंतिम शासक औरंगजेब है। मंदिर की वर्तमान संरचना महारानी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा वर्ष 1780 में करवाई गई थी। इसका प्रबंधन 1983 से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है।
मन मोह लेंगे काशी के घाट
शहर में 88 घाट हैं। अधिकांश घाट स्नान और पूजा समारोह घाट हैं, जबकि दो घाटों का उपयोग विशेष रूप से श्मशान स्थलों के रूप में किया जाता हैं। 1700 ईस्वी के बाद अधिकांश वाराणसी घाटों का पुनर्निर्माण किया गया था, जब शहर मराठा साम्राज्य का हिस्सा था।
कैसे पहुंचे काशी
ट्रेन से कैसे पहुंचे काशी
वाराणसी में चार रेलवे स्टेशन हैं। मंदिर से वाराणसी सिटी स्टेशन की दूरी दो किमी, वाराणसी जंक्शन की दूरी करीब 6 किमी है और बनारस रेलवे स्टेशन की दूरी चार किलोमीटर है। वहीं मुगल सराय रेलवे स्टेशन मंदिर से 17 किमी की दूरी पर है। यह सभी स्टेशन भारत के दूसरे शहरों से ट्रेनों के जरिए जुड़े हुए हैं। स्टेशन के बाहर से मंदिर के लिए सीधे रिक्शा, आटो या टैक्सी उपलब्ध है।
हवाई मार्ग से कैसे पहुंचे काशी
बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट देश और विदेश के सभी शहरों से जुड़ा हुआ है। एयरपोर्ट से काशी विश्वनाथ मंदिर की दूरी 20 से 25 किमी की है। टूरिस्ट टैक्सी या कैब लेकर एयरपोर्ट से मंदिर पहुंच सकते हैं।