How To Visit Kartarpur Sahib: बिना वीजा के पाकिस्तान जा सकते हैं इंडियन सिटीजन
Visit Kartarpur Sahib From India: कोई भी इंडियन सिटिजन एक दिन के लिए पाकिस्तान जा सकता है और यहां के करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकता है। चलिए कैसे आपको विस्तार में बताते हैं।
Visit Kartarpur Sahib From India : भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए अच्छी खबर भारतीय पासपोर्ट रखने वाले भारतीय अब सप्ताह के सातों दिन करतारपुर की वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों करतारपुर जाने के इच्छुक सिख तीर्थयात्रियों के लिए अपनी तरफ एक पुल बनाने पर सहमत हुए हैं। जिनके पास भारतीय पासपोर्ट और OCI (भारत की विदेशी नागरिकता) कार्ड हैं, वे करतारपुर गुरुद्वारे के दर्शन के लिए इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं। दोनों देश 5000 भारतीय तीर्थयात्रियों को अनुमति देने पर सहमत हुए हैं, जो सभी सातों दिन गुरुद्वारा जा सकते हैं। पाकिस्तान मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. फैसल ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर खोलने को लेकर दोनों देशों के बीच 80 फीसदी मुद्दों पर सहमति बन गई है।
करतारपुर दरबार साहिब की हिस्ट्री (History of Kartarpur Darbar Sahib)
गुरुनानक देव जी ने अपने जीवन के कुछ आखिर साल करतारपुर में बिताए थे। जहां उहोंने 18 सालो तक खेती भी की थी। 22 सितंबर 1539 में उहोंने ने अपने जीवन की अंतिम सांस ली । उसके बाद से ही इस जगह को गुरुद्वारा साहिब दरबार बना दिया गया। कहा जाता हैं को इसी गुरुद्वारे में सबसे पहले लंगर की की शुरुआत हुई थी, ऐसा भी माना जाता है, यहां जो भी आता है कभी भूखा नही जाता, नानक देव जी यहां आए हर बंदे को खाना खिलाते हैं। इस गुरुद्वारे के अंदर गुरुनानक देव की समाधि है और बाहर उनकी कब्र है।भारत के विभाजन के बाद 1947 इसके बाद से भारत के जो सिख समुदाय के लोग थे उनका दरबार साहब जाने का सपना अधूरा सा हो गया था, पर अब ऐसा नहीं है 9 नवंबर 2019 करतारपुर साहिब कॉरिडोर के खुलने के बाद से अब तक करीब 2 लाख तीर्थयात्री यहां दर्शन के लिए आ चुके हैं. कॉरिडोर सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है. हालांकि, पाकिस्तान हर तीर्थयात्री से हर यात्रा के लिए 20 अमेरिकी डॉलर वसूलता है. भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार से कई बार आग्रह किया है कि तीर्थयात्रियों पर कोई शुल्क न लगाया जाए।
कैसे पहुंचे करतारपुर साहिब (How To Reach Kartarpur Sahib)
अगर आप यहां जाना चाहते हैं तो आपको पंजाब के डेरा बाबा नानक बॉर्डर जाना होगा।
यहां जाने के बाद इंडियन इमिटेशन होता है और यात्रियों को पोलियो की खुराक दी जाती है क्योंकि पाकिस्तान में अब भी पोलियो है।
इसके बाद यात्रियों को एक छोटी सी कर में बैठकर इंडिया-पाकिस्तान बॉर्डर तक ले जाया जाता है।
यहां बॉर्डर पैनल क्रॉस करके आप सीधा पाकिस्तान पहुंच जाते हैं।
यहां पर एक छोटी सी गाड़ी आपको पाकिस्तानी इमिटेशन की ओर लेकर जाएगी।
यहां पर आपको छोटी सी फीस भरनी होगी और आप चाहे तो भारतीय रुपए लेकर पाकिस्तानी रुपए भी ले सकते हैं।
इसके बाद पाकिस्तानी इमीग्रेशन आपको मिल जाएगा जो आपको ऑफीशियली रूप से पाकिस्तान में एंट्री की परमिशन देता है।
यहां से एक बड़ी बस की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है जो आपको करतारपुर लेकर जाती है।
ऐसा है करतारपुर साहिब (Kartarpur Sahib Is Like This)
करतारपुर साहिब, सिखों का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है. यह गुरुद्वारा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल ज़िले की शकरगढ़ तहसील में स्थित है. यह भारत-पाकिस्तान सीमा से करीब 5 किलोमीटर दूर है. इसे मूल रूप से गुरुद्वारा दरबार साहिब के नाम से जाना जाता है. माना जाता है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है. यहां पर आप अपना पूरा दिन बिता सकते हैं। यहां पर आप खाने का आनंद भी ले सकते हैं और इसके पास एक मार्केट भी है जहां शॉपिंग की जा सकती है।
वापसी का समय (Return Time)
करतारपुर गुरुद्वारा के दर्शन करने के बाद शाम को 4:00 से 4:30 के बीच वहां से वापस निकालना होता है। जैसे आप गए थे वैसे ही आपको वापस भारत आना होता है।
होगा सुरक्षित वातावरण (There Will Be A Safe Environment)
भारत के विदेश मंत्रालय ने उल्लेख किया कि तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित किया गया था। इस संदर्भ में, पाकिस्तान स्थित व्यक्तियों या संगठनों के बारे में चिंताएं साझा की गईं जो तीर्थयात्रा को बाधित करने की कोशिश कर सकते हैं और तीर्थयात्रियों की भावनाओं के साथ खेलने के अवसर का दुरुपयोग कर सकते हैं। भारत ने तीर्थयात्रियों को सहायता प्रदान करने के लिए करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में एक कांसुलर उपस्थिति का अनुरोध किया है। पाकिस्तान ने भी आश्वासन दिया कि कोई भी भारत विरोधी गतिविधि नहीं होगी।