Incredible India: रहस्यमई अजूबों से भरी हुईं हैं भारत में मौजूद ये जगहें, विज्ञान भी नहीं ढूंढ पा रहा जिनकी काट

Incredible India: भारत देश अपने अंदर कई रहस्यों को छुपाये हुए है वहीँ कुछ ऐसी चीज़ें हैं जो आज भी लोगों के बीच कौतूहल का विषय बना हुआ है। आइये ऐसे ही कुछ रहस्यों को जानते और समझने का प्रयास करते हैं।

Report :  Jyotsna Singh
Update:2024-12-21 07:30 IST

Incredible India (Image Credit-Social Media)

Incredible India: इस दुनिया में ऐसा बहुत कुछ असमान्य और रहस्यमई भी है, जिन्हें या तो हम महसूस नहीं कर पाते या तो देख कर अनदेखा कर देते हैं। इसी कड़ी में आपने अक्सर अपने बड़े बुजुर्गों या आस पास के लोगों से भारत में मौजूद बेहद रहस्यमई किस्सों को बारे में जरूर सुना होगा। लेकिन इनमें से बहुतेरे ऐसे किस्से भी हैं जो महज किस्से या अफवाह नहीं हैं बल्कि इन्हें अपनी आंखों से देखा और महसूस किया जा सकता है। भारत में ऐसी कई जगहें हैं, जहां ऐसे अनगिनत रहस्य छिपे हुए हैं। जो आपके दिल की धड़कनों को बढ़ने के लिए मजबूर कर दें। शायद ही कोई ऐसा देश हो जहाँ इतनी विविधतापूर्ण जगहें हों जो आश्चर्य और मनोरंजन का कंप्लीट पैकेज हो। ऐसे ही भारत में घूमने के लिए कुछ बेहतरीन रहस्यमयी जगहों की सूची दी गई है जो आपको अचंभित कर देंगी। अपनी रोमांचक यात्रा के लिए इन्हें ज़रूर देखें।आइए जानते हैं भारत में मौजूद ऐसे कई विचित्र स्थानों के बारे में विस्तार से -

बुलेट बाबा का मंदिर


राजस्थान के बांडई में बुलेट बाबा का मंदिर काफी ज्यादा अचंभों से भरा हुआ है। राजस्थान में इस प्रसिद्ध मंदिर को लेकर मान्यता है कि यह रास्ते से गुजरने वाले यात्रियों की हर तरह से रक्षा करता है। लेकिन सिर्फ यही नहीं इस मंदिर से जुडी एक परंपरा इसे अनोखा बनाती है वह यह है कि लोग यहाँ देवी-देवताओं की सामान्य मूर्तियों की पूजा नहीं करते हैं। बल्कि वे एक बुलेट मोटरसाइकिल की रोज पूजा अर्चना करते हैं और उसे फूल माला चढ़ाते हैं। असल में इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि काफी वर्षों पहले एक राहगीर ओम सिंह राठौर या ओम बन्ना नामक एक व्यक्ति की इसी स्थान पर एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, जब वह अपनी बुलेट से अपने घर वापस जा रहा था। उसकी मृत्यु के बाद उस जगह पर एक के बाद एक अजीबों गरीब असामान्य घटनाओं की श्रृंखला शुरू हुई। वो ये कि दुर्घटनास्थल से पुलिस उस बुलेट को थाने ले जाती, उसका ईंधन टैंक खाली कर देती और उसे जंजीरों में बांध देती थी। लेकिन वह सुबह होने से पहले ही अपने उसी स्थान पर वापस आ जाती। यह प्रक्रिया एक नहीं बल्कि कई बार घटित हुई। आखिरकार जब अधिकारियों ने हार मान ली, तो स्थानीय लोगों ने इस बुलेट को चारों ओर दीवार से घेर कर एक मंदिर बना दिया। तबसे यह बाइक अपनी जगह पर खड़ी है। मान्यता है कि अब उस मंदिर के आस पास किसी के साथ कोई दुर्घटना नहीं होती। कोई अदृश्य शक्ति वहां सबकी रक्षा करती है। स्थानीय लोग इस मंदिर में आकर प्रतिदिन उस मोटरबाइक की पूजा करते हैं और खाने पीने की सामग्री भी रखते हैं।

कांगड़ा की अमर ज्वाला


भारत में मौजूद अजूबे स्थलों में ज्वाला जी मंदिर का भी नाम आता है। जो कि कांगड़ा जिले में हिमालय की निचली चोटियों पर स्थित एक पवित्र तीर्थस्थल है। इसे भारत के रहस्यमयी स्थानों में शामिल किया गया है।

असल में इस मंदिर के अंदर खोखले पत्थर के बीच में बने गड्ढे में एक ज्वाला है जो कई बरसों से लगातार जल रही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ज्वाला अपनी सतह के नीचे मीथेन जैसी प्राकृतिक गैसों की आपूर्ति को जला रही है। लेकिन अखंड ज्वाला भीषण बारिश और या जमा देने वाली ठंड हर मौसम की मार को आसानी सहते हुए अनवरत जलती रहती है।

आत्मघाती पक्षियों का स्थान



 असम के जटिंगा को आत्मघाती पक्षियों के स्थान के तौर पर जाना जाता है। यहां आने वाले प्रवासी पक्षी अपनी जान खुद ले लेते हैं। यह अजूबी घटना इस गांव को भारत का सबसे रहस्यमयी स्थान बनाती है। यहां पर हर वर्ष मानसून की अंधेरी और धुंधली रातों में, गांव के ऊपर से उड़ते प्रवासी पक्षी पेड़ों, इमारतों, खंभों और अन्य चीज़ों से खुद को बार बार जोर से टक्कर मारते हैं। और चोटिल होकर प्राण त्याग देते हैं। हर साल सितंबर और अक्टूबर के दौरान सामूहिक पक्षी आत्महत्या की जगह बन जाती है जटिंगा। भारत में घूमने के लिए उन अजीब जगहों में से एक है यह जगह। हालांकि पक्षीविज्ञानियों का कहना है कि घने कोहरे और अधिक ऊंचाई के कारण पक्षी बेहोश हो जाते हैं, जिसके कारण वे पेड़ों और इमारतों से टकराकर मर जाते हैं। जबकि प्रवासी पक्षियों के भीतर हर मौसम में खुद को सुरक्षित जगह पर ले जाने का हुनर होता है। ऐसे जैव वैज्ञानिकों के सिद्धांतों का खंडन करने वाले कई तर्क मौजूद हैं।

राजस्थान का अभिशक्त गांव



 राजस्थान का परित्यक्त गांव कुलधरा भी अपने अजूबेपन के चलते एक बहुत ही चर्चित स्थान बन चुका है। इस जगह को लेकर मान्यता है कि पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा बसा हुआ यह गांव अब खाली घरों, टूटी हुई इमारतों और एक पुराने मंदिर के साथ एक बंजर भूमि में तब्दील हो चुका है।

करीब 2 शताब्दी पहले, 1,500 से ज़्यादा पालीवाल ब्राह्मण रातों-रात गांव से भाग गए थे । तब से, कोई भी यहाँ रहने का साहस नहीं जुटा पा रहा है और यह अब भारत में परित्यक्त स्थानों में से एक माना जाता है। इस जगह की मान्यता को चुनौती देने के लिए कई लोगों ने यहां रहने की कोशिश की। लेकिन रात होते ही घने अंधकार म

में इस जगह के डूबने के साथ ही यहां होने वाली रहस्यमई असाधारण गतिविधियों ने उन्हें सुबह ही भागने पर मजबूर कर दिया। द्यहां तक कि दिन के समय भी कुलधरा घूमने आने वाले पर्यटकों को गांव के अंदर पैर रखते ही एक असहज भावना का सामना करना पड़ता है। जाहिर है, कुलधरा के असली निवासियों ने गांव पर एक अभिशाप छोड़ दिया था कि उनके बाद कोई भी यहाँ बस नहीं पाएगा।यह जैसलमेर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है ।

डुमास बीच



 गुजरात में मौजूद डुमास बीच, पर लोगों को अक्सर कानों में किसी की फुसफुसाकर बोलने की आवाज साफ सुनाई देती है। ये भारत के रहस्यमयी स्थानों में से एक गिना जाता है । इसी के साथ गुजरात के सूरत में डुमास बीच के साथ कई डरावनी कहानियाँ जुड़ी हुई हैं। माना जाता है कि गुजरात का यह सबसे प्रेतवाधित स्थान है। समुद्र तट पर टहल रहे लोगों के गायब होने की भी खबरें आई हैं। इस जगह को लेकर यह भी कहा जाता है कि इस समुद्र तट पहले हिंदुओं के लिए एक दफन स्थल था और इस प्रकार यह मृतकों की आत्माओं से भरा हुआ है।

तमिलनाडु के तैरते पत्थर


रामेश्वरम, तमिलनाडु के तैरते पत्थरत भी लोगों के लिए आश्चर्य का विषय बने हुए हैं। तमिलनाडु में रामेश्वरम हिंदू पौराणिक कथाओं में बहुत महत्व रखता है। यह वह स्थान है जहाँ रामायण के अनुसार , भगवान राम की वानर सेना ने श्रीलंका तक जाने के लिए तैरते पत्थरों का एक पुल बनाया था। रामायण के अनुसार, पुल ऐसे पत्थरों से बनाया गया था जो भगवान राम का नाम लिखे जाने पर तैरते रहते थे। जैसा कि पता चला है, यह सिर्फ़ एक कहानी नहीं थी। पुल वास्तव में ऐसे पत्थरों से बना था, जो आज भी यहाँ पाए जाते हैं और रामेश्वरम में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण हैं।

चिलकुर के वीज़ा देवता



 हैदराबाद के चिलकुर में बालाजी मंदिर एक अजीब सी मान्यता को लेकर चर्चित है। इस मंदिर में मौजूद भगवान बालाजी आपको वीज़ा दिलवाने में सहायता करते हैं। चाहे गरीब हो या कुलीन, हर तरह के लोग यहाँ बालाजी के सामने अपनी बीजा मिलने की मन्नत मांगते हैं और सच तो यह है कि इस मंदिर में आने के तुरंत बाद ही उन्हें वीज़ा मिल जाता है। इसी वजह से यह मंदिर भारत के रहस्यमयी स्थानों में से एक गिना जाता है।

महाराष्ट्र में नागों का गांव



 शेटपाल, महाराष्ट्र में फिसलता हुआ गांव बहुत प्रसिद्ध है। यहां नाग पूजा एक प्राचीन और व्यापक प्रथा है। लेकिन महाराष्ट्र के इस गांव को नागों का गांव कहते हैं। यहां हर घर में एक रिवाज प्रमुखता से निभाता जाता है, जिसमें घर की छत की कड़ियों में नागों के लिए आराम करने की जगह बनाना बहुत जरूरी है। यहाँ के साँप बहुत मिलनसार हैं। क्योंकि इस गाँव में कभी भी साँप के काटने की कोई घटना नहीं हुई है। यह भारत के सबसे रहस्यमयी स्थानों में से एक है।

भूतिया रोशनियाँ



 पश्चिम बंगाल के दलदल अपने कई रहस्यों के चलते चर्चित है। ये अंधेरे में काफी डरावने भी हो सकते हैं। पश्चिम बंगाल में दलदलों के ऊपर अलग-अलग रंगों की अप्राकृतिक चमकती रोशनी मछुआरों के लिए किसी मनहूस घटना का पूर्व संदेश मानी जाती है। कई वर्षों से ’ अलेया लाइट्स ’ के नाम से जानी जाने वाली ये लाइट्स मछुआरों के लिए एक बुरा सपना हैं, क्योंकि ये आमतौर पर उन्हें भ्रमित कर देती हैं और वे समुद्र में अपना रास्ता खो देते हैं। आज तक रिपोर्ट किए गए कई मामलों में, इन अजीबोगरीब रोशनी के कारण कई मछुआरों की जान भी चली गई है। इस अस्पष्टीकृत घटना के कारण ये दलदल भारत के सबसे रहस्यमय स्थानों में से एक हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये रोशनी इन दलदलों में प्रचुर मात्रा में मौजूद सड़ते हुए कार्बनिक पदार्थों से बनने वाली ज्वलनशील गैस मिथेन की वजह से पैदा होती है।

आंध्र प्रदेश में लटकता हुआ स्तंभ



 लेपाक्षी, आंध्र प्रदेश में एक लटकता हुआ स्तंभ लोगों के बीच लंबे समय से रोचकता का विषय बना हुआ है। इस स्थल पर कुल 70 खंभे बने हुए हैं जिनमें से एक खंभा हवा में लटका हुआ है, यानी यह बिना किसी सहारे के मौजूद है। लोग मंदिर में आते हैं और खंभे के नीचे से कुछ चीजें रखते हैं, उनका मानना ​​है कि इससे उनके जीवन में समृद्धि आएगी।

कर्नाटक का मिनी रेगिस्तान




 तलकाड, कर्नाटक में लघु रेगिस्तान दुनिया के अजूबों में गिना जाता है। नदी के तट पर रेत में दबा गांव तलकाड़ में कभी 30 मंदिर हुआ करते थे, जिनमें से 5 लिंगम हैं जो भगवान शिव के 5 मुखों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस जगह को लेकर ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की एक विधवा भक्त ने एक बार इस भूमि को श्राप दिया था, जिसके बाद यह गांव इस अजीब रेगिस्तान में बदल गया।

महाराष्ट्र के शिवपुर में लेविटेटिंग स्टोन



 भारत के रहस्यमयी स्थानों में से एक हज़रत कमर अली दरवेश दरगाह कोई अनोखी दरगाह नहीं है। यह दरगाह एक विशेष चट्टान के लिए जानी जाती है जिसका वजन 70 किलोग्राम है और इसे केवल एक ही तरीके से उठाया जा सकता है। पत्थर को उठाने के लिए, 11 लोगों को इसके चारों ओर इकट्ठा होना पड़ता है, इसे अपनी तर्जनी से छूना पड़ता है और जोर से उस संत का नाम पुकारना पड़ता है, जिसके बाद पत्थर जादुई तरीके से हवा में ऊपर उठ जाता है। पत्थर को किसी और तरीके से नहीं उठाया जा सकता, चाहे वह कितना भी ताकतवर क्यों न हो। ऐसा माना जाता है कि क़मर अली नामक एक सूफी संत ने लगभग 800 साल पहले बॉडी बिल्डिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इस पत्थर को श्राप दिया था।

20,000 से अधिक चूहों का निवास स्थान करणी माता मंदिर



 राजस्थान का करणी माता मंदिर काफी सिद्ध मंदिरों में गिना जाता है। इसके अलावा यह भारत के सबसे अजूबे स्थानों में भी शामिल है। इस मंदिर में 20,000 से अधिक चूहे रहते हैं। यह यहां के स्थानीय लोगों के बीच आस्था का केंद्र बिंदु भी है। यहां किसी को भी उन्हें मारने और डराने की इजाजत नहीं है। इन चूहों को यहां कब्बा शब्द से संबोधित किया जाता है। साथ ही इन्हें अत्यधिक शुभ माना जाता है, उनकी पूजा की जाती है। यहां उनकी रक्षा भी की जाती है। ये चूहे अपनी मान्यताओं के कारण काफी कीमती माने जाते हैं।इस स्थान पर दुर्लभ, सफेद चूहों को उनके बेटे माना जाता है और कहा जाता है कि चूहे करणी माता के पुनर्जन्म वाले रिश्तेदार और परिवार के सदस्य हैं।

शनि शिंगणापुर के बिना दरवाजे के घर



 दरवाजा घरों की सुरक्षा के लिए सबसे पहली जरूरत माना जाता है। वहीं शनि शिंगणापुर, अहमदनगर से 35 किमी दूर स्थित एक छोटा सा गाँव है, जहां दरवाजों को लेकर अनोखी परंपरा है। ये जगह अपने शनि मंदिर के लिए तो प्रसिद्ध ही है लेकिन इस गांव में किसी भी घर, स्कूल और व्यावसायिक इमारत में दरवाज़ा या चौखट बनाने का रिवाज नहीं है। इसके बावजूद भी, यहाँ कभी भी एक भी चोरी या किसी तरह केअपराध की सूचना नहीं मिली है। ग्रामीणों का भगवान शनि पर अटूट विश्वास है और उनका मानना ​​है कि शनि देव सबकी रक्षा करते हैं।

उत्तर प्रदेश में गुरुत्वाकर्षण को चुनौती देने वाला महल



 लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्थित बड़ा इमामबाड़ा भारत के सबसे रहस्यमय ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। 18वीं शताब्दी की एक आश्चर्यजनक रचना, अरबी और यूरोपीय वास्तुकला के मिश्रण के साथ इस स्मारक का केंद्रीय मेहराबदार हॉल लगभग 50 मीटर लंबा और लगभग 3 मंजिल ऊंचा है लेकिन इसे सहारा देने के लिए कोई खंभा या बीम नहीं है ।

लेह, लद्दाख का चुंबकीय पर्वत


लद्दाख में समुद्र तल से 11,000 फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित मैग्नेटिक हिल भारत की सबसे अनोखी जगहों में से एक मानी जाती हैं। यहां पर पहाड़ी पर चढ़ते समय गाड़ियाँ बिना स्टीयरिंग घुमाएं ही खुद ब खुद धीरे-धीरे ऊपर चढ़ती चली जाती हैं। यहाँ कोई भी अपनी गाड़ी को बंद करके गाड़ी चला सकता है। यह रोमांचक घटना दरअसल पहाड़ी के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के कारण होने वाला एक ऑप्टिकल भ्रम है।

लद्दाख में कोंगका ला दर्रा है यूएफओ का बसेरा


लद्दाख में करीब 16,970 फीट की ऊंचाई पर स्थित कोंगका ला दर्रा जिस पर बहुत ही गिनती के लोगों ने जाने की कोशिश की है। यह भारत और चीन के बीच विवादित क्षेत्र है।इसे भारत के सबसे रहस्यमय स्थानों में से एक गिना जाता है। इस जगह पर किए जाने वाले अध्ययनों के अनुसार, यहाँ कई यूएफओ और अजीबोगरीब मानव जैसी आकृतियाँ देखी गई हैं। इस जगह से जुड़े दूसरे स्थानों पर रहने वाले स्थानीय लोगों का तो इस बात पर अटूट विश्वास है कि यहां एलियंस निवास करते हैं।

चमोली में कंकालों की झील


उत्तराखंड का चमोली क्षेत्र कई रहस्यमई अजूबों से जुड़ा हुआ है। यहां कंकालों की झील मौजूद है। यहां रूपकुंड झील हिमालय के सबसे निर्जन स्थान पर 16,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक ग्लेशियर झील है। लेकिन इस दुर्गम झील के नीचे जो कुछ है, वही ज़्यादातर लोगों के भीतर खौफ पैदा करता है।भारत के इस रहस्यमयी स्थान पर हर साल बर्फ पिघलने पर जमी हुई रूपकुंड झील की सतह के नीचे लगभग 300 से 600 नर कंकालों को देखा गया है। रेडियोकार्बन परीक्षण और फोरेंसिक जांच से पता चलता है कि ये कंकाल 15वीं शताब्दी ईस्वी के हैं।स्थानीय लोगों का मानना ​​है कि ये लाशें कन्नौज के तत्कालीन राजा और रानी के साथ उनके पूरे जाते की हैं, जो तीर्थ यात्रा पर जा रहे थे, लेकिन भयंकर ओलावृष्टि के कारण झील में गिर गए थे।

इडुक्की में लाल बारिश


क्या आपने कभी आसमान से लाल रंग की बारिश होते हुए देखी है। केरल के इडुक्की में लाल बारिश होते देखी जा चुकी है। इडुक्की में लाल रंग की बारिश पहली बार 25 जुलाई, 2001 को हुई थी। जो करीब दो महीने तक हल्की-हल्की बूंदा बांदी के रूप से होती रही थी। जिससे लोगों के कपड़ों और इमारतों पर लाल रंग के धब्बे लग गए थे। यहां पर स्थानीय लोगों द्वारा बारिश के लाल पानी को एक जगह इकट्ठा कर रखा गया। कुछ देर बाद रक्त-लाल बारिश का पानी साफ पानी में बदल गया, जिसके नीचे लाल कण जमा हो गए। वैज्ञानिकों का कहना है कि लाल कण इस क्षेत्र में स्थानीय रूप से उगने वाले शैवाल के हवा में उड़ने वाले बीजाणु हैं।

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