Jaipur Famous Restaurant: यहां से दिखेगा पूरा जयपुर, हाईएस्ट प्वाइंट ऑफ व्यू के साथ उठाए खाने का लुत्फ

Jaipur Highest Point Restaurant: जब आप भारत के गुलाबी शहर के कई शानदार आश्चर्यों को देखने के लिए जयपुर जाए, तो अपने होटल से बाहर निकलकर इस नजारे को अपने यात्रा कार्यक्रम में शामिल जरूर करें।

Written By :  Yachana Jaiswal
Update:2024-04-13 13:15 IST

Jaipur Tourism In India (Pic Credit-Social Media)

Jaipur Most Beautiful Restaurant: आप जयपुर घूमने का प्लान कर रहे है तो, एक बहुत ही खूबसूरत जगह है। जिसे आप घूमना बिल्कुल भी मिस मत करिएगा। यहां से आपको सबसे खूबसूरत सनसेट का नजारा देखने को मिलता है। यह सबसे हाईएस्ट पॉइंट पर बना रेस्टोरेंट भी है। जहां आपको एक खूबसूरत शाम के साथ संगीत और खाना खाने का लुत्फ उठा सकते है। जब आप भारत के गुलाबी शहर के कई शानदार आश्चर्यों को देखने के लिए जयपुर जाए, तो अपने होटल से बाहर निकलकर इस नजारे को अपने यात्रा कार्यक्रम में शामिल जरूर करें।

जयपुर का हाईएस्ट ओपन एयर रेस्टोरेंट (Highest Open Air Restaurant)

नाहरगढ़ किला भले ही विशाल आकार का दावा न करता हो, लेकिन इसमें कई दिलचस्प विशेषताएं हैं जो आपको घंटों तक रोमांचित रख सकती हैं। साथ ही, किले का अविश्वसनीय स्थान इसे यात्रियों के लिए शहर के जीवन की हलचल से बचने और कुछ शांत क्षण बिताने के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है। इस खूबसूरत किले में टॉप पर दो रेस्टोरेंट है जहां से गजब का नजारा जयपुर का देखने को मिलता है। 



वर्तमान में, नाहरगढ़ किला परिसर के अंदर दो रेस्तरां संचालित हैं। भले ही किले में प्रवेश शाम तक बंद हो जाता है, लेकिन आप देर रात तक इन रेस्तरां में शानदार रात्रिभोज का आनंद ले सकते हैं, जयपुर के शानदार रात के दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। ये दोनों रेस्तरां ड्रिंक्स भी सर्व करते हैं। नाहरगढ़ किले में रेस्तरां हैं:

वांस अपॉन अ टाइम(Once Upon A Time)

समय: 11:00 बजे सुबह से 11:00 रात तक प्रतिदिन

दो लोगों के लिए औसत कीमत: ₹ 3000/-



पड़ाव (Padao operated by RTDC)

समय: 11:00 बजे सुबह से 11:00 रात तक प्रतिदिन

दो लोगों के लिए औसत कीमत: 1000/- 



जगह - ब्रह्मपुरी, जयपुर

समय - सुबह 10:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक; प्रतिदिन

प्रवेश शुल्क - भारतीयों के लिए ₹50; छात्रों के लिए ₹ 25; विदेशियों के लिए ₹200/ही

वर्ष में निर्मित - 1734

किले का वास्तुशिल्पीय शैली - भारत-यूरोपीय वास्तुकला

कई सुविधाओ से पूर्ण है रेस्टोरेंट 

किले के अंदर रेस्टोरेंट पूरा ओपन एयर हैं जो आपको एक विलासिता वाला माहौल प्रदान करता है। जिसमे बैठने के लिए आरामदेय काउच और सोफे के साथ आपके मनोरंजन के लिए लाइव संगीत का भी इंतजाम है। आप यहां पर खाना खाने के साथ शानदार नजारे का लुत्फ संगीत के साथ उठा सकते है।



नाहरगढ़ किले का इतिहास

नाहरगढ़ किला गर्व से अरावली पहाड़ियों की एक चोटी पर स्थित है, नाहरगढ़ किले का निर्माण 1734 में जयपुर के तत्कालीन महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने करवाया था। उन्होंने शाही परिवार के शिकार अभियानों के लिए विश्राम स्थल के रूप में किले का निर्माण कराया था। शुरुआत में किले का नाम सुदर्शनगढ़ था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर नाहरगढ़ कर दिया गया। बाद में 1868 में इसका विस्तार किया गया था। नाहरगढ़, जिसका अर्थ है बाघों का निवास, एक अवरोधक था, जो हमलावर दुश्मनों के खिलाफ जयपुर की रक्षा करता था। किले की विशाल किलेबंदी की दीवारें जयगढ़ किले तक फैली हुई थीं, जिसने जयपुर शहर के चारों ओर रक्षा की एक दीवार बनाई। अपने पूरे इतिहास में इस किले को कभी किसी हमले का सामना नहीं करना पड़ा। आज भी यह महल स्थानीय पिकनिक मनाने वालों का पसंदीदा स्थान है। रात की रोशनी में किला शानदार दिखता है। यह शहर की रोशनी का एक शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। 1868 में, किले का जीर्णोद्धार और विस्तार जयपुर के तत्कालीन राजा सवाई राम सिंह द्वारा किया गया था। 1883 से 1892 की अवधि के दौरान, लगभग 3,50,000 रुपये की भारी लागत पर किले में कई महल जोड़े गए।



किले का लोकेशन:

नाहरगढ़ किला शहर के रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से लगभग 20 किलोमीटर दूर है। चूंकि कोई सार्वजनिक परिवहन नहीं है, इसलिए आने-जाने के लिए टैक्सी किराए पर लेना या कार किराए पर लेना सबसे अच्छा और सुरक्षित विकल्प है।



नाहरगढ़ किले का वास्तुकला

जयपुर में घूमने के लिए शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक, नाहरगढ़ किला, वास्तुकला की इंडो-यूरोपीय शैली में बनाया गया है। किले में एक भव्य प्रवेश द्वार है, जिसे टैडीगेट कहा जाता है, और इसके परिसर में कई प्रभावशाली संरचनाएँ हैं। किले परिसर के अंदर कुछ मंदिर हैं, जिनमें से एक नाहर सिंह भोमिया को समर्पित है और दूसरा जयपुर के शासकों को समर्पित है। किले की लहरदार दीवारें कई किलोमीटर तक फैली हुई हैं।माधवेंद्र पैलेस किले के भीतर सबसे आकर्षक संरचना है। सवाई माधो सिंह द्वारा निर्मित, इस दो मंजिला महल परिसर में राजा और उनकी रानियों के लिए अलग-अलग रहने के क्वार्टर हैं। नौ रानियों में से प्रत्येक के लिए नौ समान सुइट बनाए गए हैं, जिनमें से प्रत्येक शयनकक्ष, एक लॉबी, एक रसोईघर और अन्य आवश्यक वर्गों से सुसज्जित है। आगे बढ़ें और जयपुर के इस आकर्षक किले को देखें।



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