Jaipur Tourist Place: ये है जयपुर की छोटीकाशी, यहां हाथों में घड़ी पहनते हैं श्रीकृष्ण

Jaipur Famous Tourist Place: भगवान श्री कृष्ण के भक्त दुनियाभर में मिल जाते हैं। आज हम आपको एक शानदार कृष्ण मंदिर के बारे में बताते हैं। यहां भगवान हाथों में घड़ी पहनते हैं।

Update:2024-02-23 10:55 IST

Chotikashi Mandir of Jaipur (Photos - Social Media)

Jaipur Chhotikashi History: हमारे देश में ऐसे कई लोग हैं जो कि भगवान श्री कृष्ण के भक्त हैं और उनके दर्शन के लिए वह बांके बिहारी यानी मथुरा वृंदावन जाते हैं। यहां आपको हजारों की संख्या में रोज दर्शनार्थी मिल जाएंगे। वहीं अब तक अपने भगवान श्री कृष्ण के कई रूपों को देखा होगा। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे श्री कृष्ण से मिलवाने जा रहे हैं जो कि हाथ में घड़ी पहने हुए हैं। जी हां आपने बिल्कुल सही सुना दरअसल हम आपको जयपुर में स्थित गोपीनाथ जी मंदिर के बारे में विस्तार से बताएंगे।

छोटी काशी के नाम से है फेमस

राजधानी जयपुर को छोटी काशी भी कहा जाता है। यहां पर भगवान श्री कृष्ण का ऐसा विग्रह है जो हाथ में घड़ी धारण करता है। मान्यताओं के अनुसार इसे श्री कृष्ण के पर पौत्र ने अपनी दादी के कहने पर बनवाया था। जिसे बाद में वृंदावन से जयपुर लाया गया और यह आज श्रद्धालुओं के बीच गोपीनाथ के रूप में पूजे जाते हैं।

Chotikashi Mandir of Jaipur

5 हजार साल पुराने विग्रह

बता दें कि यह मंदिर पुरानी बस्ती में स्थित है। इस मंदिर के महंत सिद्धार्थ गोस्वामी द्वारा बताया गया कि राजस्थान में मौजूद इस मंदिर में काफी रहस्यमई घटनाआई होती है। वहीं राजस्थान में श्री कृष्ण के तीन विग्रह करौली के मदन मोहन जी, जयपुर के गोविंद देव जी और गोपीनाथ जी के एक ही शीला के तैयार किया गया है। वर्तमान में यह जयपुर के पुरानी बस्ती में स्थित है। मान्यता है कि यह तीनों विग्रह करीब 5000 साल पुराने हैं। महंत द्वारा बताए गए कि उनकी दादी जी यहां पर जब सेवा करते थे तब एक पल से चलने वाली घड़ी ठाकुर जी को धारण कराई जाती थी, यह सही वक्त भी बताती थी। सालों पहले यहां एक अंग्रेज आया था जिसका कहना था कि यह घड़ी धड़कन से चलेगी। जब भगवान को घड़ी धारण कराई गई तो यह चलने लगी। हालांकि या खराब तो हुई है और इसे कारीगर में सही भी कर दिया लेकिन उसे वापस नहीं किया इसलिए भगवान को दूसरी घड़ी पहनी गई है। बता दें कि यहां पर दिन भर में नौ झांकियां निकाली जाती है। सुबह 4:30 पर मंगल झांकी के साथ मंदिर के पट खुलते हैं और भगवान का साथ सिंगार किया जाता है।

Chotikashi Mandir of Jaipur


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